रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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डेनमार्क और जर्मनी को जोड़ने वाले एक प्रोजेक्ट की इस तस्वीर को असम का बताया गया

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर इसे असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनी 14 किलोमीटर लंबी सुरंग का बताया जा रहा है.

दुनिया के कई देशों में नदियों या समुद्र के नीचे सड़क या रेल मार्ग बनाये गए हैं. भारत में भी असम, पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में नदियों के नीचे सुरंग बनाकर रेल या सड़क मार्ग तैयार करने पर काम जारी है.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स एक तस्वीर शेयर कर इसे असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनी 14 किलोमीटर लंबी सुरंग का बता रहे हैं।

Fact Check/Verification

असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनी 14 किलोमीटर लंबी सुरंग के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए, हमने इसे गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर भारत की नहीं है.

यह असम में ब्रह्मपुत्र नदी के निचे बनी 14 किलोमीटर लंबी सुरंग की तस्वीर है.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

Tunnel Engineering Consultants (TEC) नामक संस्था ने इस तस्वीर को डेनमार्क और जर्मनी को जोड़ने वाले Fehmarnbelt Fixed Link प्रोजेक्ट का बताया है. बता दें कि उक्त सुरंग का डिज़ाइन TEC ने ही बनाया था.

TEC की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी

इसी प्रकार वियतनाम के सरकारी न्यूज़ चैनल ANTV ने भी इस तस्वीर को डेनमार्क और जर्मनी को जोड़ने वाली सुरंग का बताया है.

ANTV द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

इसके अलावा, हमें CNN द्वारा 7 अप्रैल, 2015 को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें जर्मनी और डेनमार्क के बीच विश्व के सबसे लंबे सुरंग के निर्माण की बात कही गई है.

अब हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या सच में असम में ऐसी किसी सुरंग का निर्माण हुआ है जो पानी के अंदर बनी हो. इसके लिए हमने कुछ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें ANI द्वारा 19 दिसंबर, 2017 को शेयर किये गए ट्वीट्स से यह जानकारी मिली कि Thane Creek (ठाणे खाड़ी) में पानी के अंदर सुरंग बनाने की बात कही गई थी. इसके साथ ही हमें BBC द्वारा 22 जुलाई, 2020 को प्रकाशित एक लेख से यह जानकारी मिली कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे सुरंग बनाने की कवायद शुरू हो गई है. Hindustan Times द्वारा 7 अप्रैल, 2022 को शेयर किये गए एक ट्वीट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भी पानी के अंदर सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. The Hans India द्वारा 21 मई, 2022 को प्रकाशित एक लेख में इस सुरंग के निर्माण से संबंधित जानकारी प्रकाशित की गई है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनी 14 किलोमीटर लंबी सुरंग के नाम पर शेयर की जा रही यह तस्वीर, डेनमार्क और जर्मनी को जोड़ने वाले Fehmarnbelt Fixed Link प्रोजेक्ट की है.

Result: Misleading Content/Partly False

Our Sources

Tunnel Engineering Consultants (TEC)
Report published by BBC on 22 July, 2020
Report published by The Hans India on 21 May, 2022

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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