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Fact Check
अगर किसी व्यक्ति को लुटेरों द्वारा एटीएम मशीन से पैसे निकालने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह अपने एटीएम पिन को उल्टा डालकर पुलिस को सूचित कर सकता है।

यह दावा पहले भी मराठी भाषा में वायरल हो चुका है। इसका फैक्ट चेक Newschecker मराठी भाषा में बीते 30 दिसंबर को किया था। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। Newschecker ने इस दावे को लेकर महाराष्ट्र साइबर अपराध विभाग से संपर्क किया।
महाराष्ट्र साइबर अपराध विभाग के महानिदेशक संजय शिंत्रे ने हमें बताया कि पुलिस विभाग का इस अपील से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, “ऐसी तकनीक मौजूद तो है, लेकिन व्यावहारिक जटिलताओं के कारण इसे दुनिया में कहीं भी लागू नहीं किया गया है। यह दावा गलत है।”
क्या पिन नंबर उल्टा डालने पर पुलिस को तुरंत अलर्ट करने की तकनीक मौजूद है? हमने इस बारे में जानकारी के लिए गूगल सर्च किया। हमें ऑरलैंडो सेंटिनल वेबसाइट पर एक लेख मिला, जिसके अनुसार, Zingher और उनके भाई अब्राहम ने ‘सेफ्टिपिन’ को लेकर 1990 की शुरुआत में सोचना शुरू किया। Zingher ने 1998 में इसका पेटेंट भी प्राप्त कर लिया था। Zingher का कहना है कि सेफ्टीपिन का उद्देश्य कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़े लोगों की मदद करना था। रिपोर्ट के मुताबिक, तकनीक का पेटेंट कराया गया है और यह उपलब्ध है, लेकिन किसी भी बैंक ने इस तरह के सुरक्षा उपाय लागू नहीं किए हैं। इस संबंध में Nbcnews ने भी रिपोर्ट प्रकाशित की है।
हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर एटीएम पिन को लेकर फर्जी दावा वायरल है।
Our Sources
Conversation with DG Cyber Cell, Maharashtra, Sanjay Shintre
Google patent report published by nbcnews
Report published by the Orlando Sentinel
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