सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप शेयर कर दावा किया गया कि कानपुर में धर्म विशेष के कुछ लोग हथियारों से पुलिस पर खुलेआम फायरिंग कर रहे हैं। वीडियो में कुछ लोग हाथ में हथियार लिए नज़र आ रहे हैं। कुछ यूजर्स वीडियो को कानपुर में हुई हालिया हिंसा का बता रहे हैं। वहीं, कुछ अन्य सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को प्रयागराज का बताकर शेयर कर रहे हैं।
ट्विटर पर भी कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को कानपुर की हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया है।
बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैंगबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के कुछ दिन बाद, भारत के विभिन्न राज्यों में हिंसा और पत्थरबाजी की कई घटनाएं सामने आई हैं। जून महीने की शुरुआत में यूपी के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद दुकान बंदी को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए। इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर चले और कई राउंड फायरिंग भी हुई। वहीं, पिछले सप्ताह यूपी के प्रयागराज और झारखंड के रांची में भी पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पुलिस ने बीते शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद से अब तक आठ जिलों से 304 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप शेयर कर दावा किया गया कि कानपुर में धर्म विशेष के कुछ लोग हथियारों से पुलिस पर खुलेआम फायरिंग कर रहे हैं।
Fact Check/Verification
वायरल वीडियो को In-Vid टूल की मदद से रिवर्स सर्च करने पर हमें यह वीडियो All Rights Magazine नामक यूट्यूब चैनल पर मिला। 9 मई 2021 को अपलोड किए गए इस वीडियो में लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, ‘बरेली में थाना भोजीपुरा क्षेत्र के धौरा टांडा टाउन में गौतस्करों ने अवैध हथियार लहराए और गोलियां चलाई, जिसके बाद इलाके में भगदड़ मच गई।’ इस तरह स्पष्ट है कि यह वायरल क्लिप इंटरनेट पर एक साल पहले से मौजूद है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर सर्च करने के दौरान दैनिक भास्कर द्वारा एक वर्ष पूर्व प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, ‘यूपी के बरेली स्थित टांडा गांव में प्रतिबंधित पशु का मीट बेचने को लेकर दुकानदार और किरायेदार आमने सामने आ गए। इससे एक ही समुदाय के दो पक्षों में भिड़त हो गई।’ बतौर रिपोर्ट, इस दौरान फायरिंग भी हुई।
Courtsey: Dainik Bhaskar
Newschecker (हिंदी) ने दावे की सत्यता जानने के लिए बरेली के भोजीपुरा थाने में संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “ये वीडियो लगभग एक साल पुराना है। इसमें एक समुदाय के दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था। मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया गया था।”
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि पुलिस पर खुलेआम फायरिंग के नाम पर वायरल हुआ यह वीडियो, कानपुर में हुई हालिया हिंसा से सम्बंधित नहीं है। यह वीडियो बरेली का है और करीब एक साल पुराना है।
Result: False Context/False
Our Sources
Youtube Video Uploaded by All Rights Magazine on May 9, 2021
Report Published by Dainik Bhaskar May 2021
Telephonic Conversation with Barielly’s Bhojipura Police Station On Jun 15, 2022
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