Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि केरल स्थित बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे में 7000 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं.
सोशल मीडिया पर विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग अक्सर अपने धर्म से जुड़ी खबरें शेयर करते हैं. कुछ यूजर्स दूसरे धर्मों के बारे में अच्छी या बुरी खबरें भी शेयर करते हैं. विभिन्न धर्मों से जुड़ी इन चर्चाओं के दौरान कई बार ऐसे दावे शेयर किये जाते हैं जो भ्रामक होते हैं तथा दूसरे धर्म के प्रति वैमनस्य पैदा करने के मकसद से शेयर किये जाते हैं. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि केरल स्थित बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे में 7000 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. वायरल पोस्ट में आगे यह भी दावा किया गया है कि उक्त चर्च के संचालक मेट्रोपॉलिटन बिशप डॉ के.पी. योहानन हैं. गौरतलब है कि वायरल दावे में मौजूद चर्च तथा बिशप दोनों का ही का नाम गलत है.
Fact Check/Verification
बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर आयकर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय के छापे में 7000 करोड़ रुपये बरामद होने का दावा करने वाले पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें पिछले कुछ सालों में प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुईं. बता दें कि पहले भी बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च को लेकर आयकर विभाग समेत अन्य सरकारी एजेंसियों ने संदेह जताया है.
उपरोक्त गूगल सर्च के परिणामों से प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च में आयकर विभाग का आखिरी छापा पिछले साल के नवंबर महीने में पड़ा था. India TV द्वारा 5 नवंबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘केरल में बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च के 40 से ज्यादा केंद्रों पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई थी. छापेमारी के दौरान थिरुवेल्ला में मौजूद बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च के मुख्यालय की पार्किंग में खड़े एक वाहन की डिक्की से आयकर विभाग को 57 लाख रुपये की नकदी प्राप्त हुई थी.’ अमर उजाला द्वारा 10 नवंबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘आयकर विभाग ने केरल के स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक और उसके समूह के ठिकानों पर छापा मारकर 14 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं. प्रचारक और इसके समूह पर गरीबों के नाम पर विदेशों से मिले दान को रियल एस्टेट और निजी निवेशों में खर्च करने का आरोप है. आयकर विभाग ने केरल में समूह के विभिन्न ठिकानों से आठ करोड़ रुपये जब्त किए. वहीं पिछले सप्ताह केरल से बाहर के ठिकानों पर छापा मारकर छह करोड़ रुपये जब्त किए थे. छापे के दौरान अधिकारियों को 1000 और 500 रुपये के बंद हो चुके कुछ नोट भी मिले हैं.’
कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें The Hindu द्वारा 5 नवंबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें यह जानकारी दी गई है कि बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर पड़े आयकर विभाग के छापे में संस्था के मुख्यालय की पार्किंग में खड़े एक वाहन की डिक्की से आयकर विभाग को 57 लाख रुपये प्राप्त हुए थे. इसके साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 में लगभग 2397 करोड़ रुपये का नकद लेन-देन हुआ था.
पूरे मामले पर बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च का पक्ष The Hindu द्वारा 9 नवंबर 2020 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है.
बता दें कि जागरण द्वारा 12 दिसंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर पूर्व में भी विदेशी फंड के दुरुपयोग का आरोप लगा था जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी थी.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर संस्था द्वारा संग्रहित धन के दुरूपयोग का आरोप तो लगा था लेकिन संस्था पर आयकर विभाग के छापे में 7000 करोड़ रुपये मिलने का दावा असत्यापित है. इसके साथ ही हमारी पड़ताल से यह बात भी साफ हो जाती है कि बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च पर आयकर विभाग के छापे की यह खबर पुरानी है जिसे हाल-फिलहाल की बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
Result: Misleading
Our Sources
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