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Fact Check
पप्पू यादव की यह तस्वीर बिहार बंद के दौरान की है.
नहीं, यह तस्वीर 2020 की है.
बिहार में विपक्ष के बंद बुलाए जाने के दौरान राहुल गांधी की गाड़ी में कन्हैया कुमार और सांसद पप्पू यादव को नहीं चढ़ने दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर को बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव की तस्वीर बताकर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर 22 दिसंबर 2020 की है. यह तस्वीर किसान आंदोलन के दौरान पप्पू यादव द्वारा बुलाए गए राजभवन मार्च के दौरान की है.
बीते 9 जुलाई को वोटर वेरिफिकेशन के विरोध में बिहार में विपक्ष ने बंद बुलाया था. इसमें शामिल होने के लिए राहुल गांधी भी पटना पहुंचे थे. राहुल गांधी एक गाड़ी पर सवार होकर चुनाव आयोग के ऑफिस जा रहे थे. इस गाड़ी में उनके साथ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता दीपांकर भट्टाचार्य, डी राजा, विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी भी सवार थे.
हालांकि, इस दौरान जब पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने गाड़ी में चढ़ने की कोशिश की तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धक्का देकर गाड़ी से उतार दिया. यही हाल कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का भी हुआ और राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें भी रोक दिया.
वायरल तस्वीर में पप्पू यादव सड़क पर एक बैरीकेडिंग के सामने लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर को X पर हालिया बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव को राहुल गांधी की गाड़ी में नहीं चढ़ने देने के बाद का बताया गया है.

इसके अलावा, यह तस्वीर कई X यूजर्स द्वारा वायरल दावे वाले मिलते-जुलते कैप्शन के साथ भी शेयर की गई है.

पप्पू यादव की इस तस्वीर का सच जानने के लिए हमने इसे रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें एक X अकाउंट से 22 दिसंबर 2020 को पोस्ट की गई यह तस्वीर मिली. तस्वीर के साथ मौजूद कैप्शन में लिखा हुआ था, “किसान आंदोलन के समर्थन में राजभवन मार्च कर रहे पप्पू यादव पर पटना में पुलिस ने किया लाठीचार्ज, बेहोश होकर गिर पड़े सड़क पर”.

इसके बाद हमने ऊपर मिली जानकारी के आधार पर पप्पू यादव का फेसबुक अकाउंट खंगाला. इस दौरान हमें वहां भी वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती कई तस्वीरें मिलीं, जिन्हें 22 दिसंबर 2020 को पोस्ट किया गया था.

पोस्ट में मौजूद कैप्शन में बताया गया था कि 22 दिसम्बर 2020 को पटना में कृषि कानूनों के खिलाफ राज भवन मार्च कर रही जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव समेत अन्य समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. उनकी पार्टी का अनिश्चितकालीन धरना बड़ी पहाड़ी पर चल रहा था और उन्होंने 22 दिसंबर 2020 को राजभवन कूच करने का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग कर भीड़ को आगे बढ़ने से रोक दिया.
जांच में हमें एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर 22 दिसंबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती अन्य तस्वीर मौजूद थी.

रिपोर्ट में बताया गया था कि 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के विरोध में पटना सहित देशभर में प्रदर्शन हुए थे. उस दौरान पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी, जिसका अब कांग्रेस में विलय हो चुका है, वह पटना के अगमकुंआ के पहाड़ी मोड़ पर धरना दे रही थी. इसके बाद 22 दिसंबर 2020 को प्रदर्शनकारियों ने राजभवन मार्च का ऐलान भी किया था. जैसे ही प्रदर्शनकारी धरनास्थल से निकले तो पुलिस ने लाठीचार्ज, वाटरकैनन और बैरीकेडिंग की मदद से उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया था.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि पप्पू यादव की जिस तस्वीर को हालिया बिहार बंद का बताकर शेयर किया जा रहा है, असल मैं वह तस्वीर करीं 5 साल पुरानी है.
Our Sources
X post on 22nd Dec 2020
Facebook Post by Rajesh Ranjan on 22nd Dec 2020
Article Published by ABP News on 22nd Dec 2020
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