सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि मुज़फ्फरनगर में ग्रामीणों द्वारा भाजपा की प्रचार गाड़ी को गांव में घुसने से रोक दिया गया.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, 2022 को होना है. ऐसे में सभी दलों के उम्मीदवार अपने प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों को कोरोना गाइडलाइन्स के अनुसार ही प्रचार करने का निर्देश दिया है. ऐसे में प्रत्याशी डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर जनता से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं.
सूबे में पिछले 5 सालों से भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है. 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को 312 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ज्यादा विधायक होने की वजह से सर्वाधिक एंटी-इंकम्बेंसी का सामना भी भाजपा को ही करना पड़ रहा है. जिन जगहों पर जनप्रतिनिधियों ने बढ़िया काम नहीं किया है वहां स्थानीय लोगों द्वारा इनका विरोध भी हो रहा है.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि मुज़फ्फरनगर में ग्रामीणों द्वारा भाजपा की प्रचार गाड़ी को गांव में घुसने से रोक दिया गया.
Fact Check/Verification
सोशल मीडिया पर मुज़फ्फरनगर में ग्रामीणों द्वारा भाजपा की प्रचार गाड़ी को गांव में घुसने से रोकने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल पर ढूंढा. हालांकि, इस प्रक्रिया में हमें वायरल दावे से संबंधित कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई.

‘मुज़फ्फरनगर प्रचार गाड़ी’ कीवर्ड्स को ट्विटर पर ढूंढने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो को UP Tak समेत कई अन्य यूजर्स ने 26 जुलाई, 2021 को शेयर किया था.

UP Tak ने अपने ट्वीट में वीडियो में BJP की प्रचार गाड़ी रोकने वालों को BKU (भारतीय किसान यूनियन) का कार्यकर्ता बताया है. हालांकि, संस्था ने वीडियो के लोकेशन या समय को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है.
Suryakant नामक ट्विटर यूजर ने वायरल वीडियो को मुज़फ्फरनगर के पुरकाजी विधानसभा के छपार टोल प्लाजा का बताया है.
UttarPradesh.ORG News ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर यह जानकारी दी कि मुज़फ्फरनगर के छपार टोल प्लाजा पर BKU कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की प्रचार गाड़ी को रोका.
बता दें कि भारत समाचार ने वीडियो वायरल होने के अगले दिन यानि 27 जुलाई, 2021 को एक ट्वीट शेयर कर यह जानकारी दी थी कि जिन BKU कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की प्रचार गाड़ी रोकी थी, उनके खिलाफ स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
उपरोक्त ट्वीट्स की सहायता से हमने ‘मुज़फ्फरनगर के छपार टोल पर BKU कार्यकर्ताओं ने रोकी बीजेपी की प्रचार गाड़ी’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें पत्रिका तथा रॉयल बुलेटिन द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए. पत्रिका ने अपने लेख में वायरल वीडियो के एक दृश्य का भी इस्तेमाल किया है. पत्रिका द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, वायरल वीडियो किसान आंदोलन के दौरान BKU कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की प्रचार गाड़ी को रोक लिया था. जिसके बाद 6 BKU कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था.

Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि मुज़फ्फरनगर में ग्रामीणों द्वारा भाजपा की प्रचार गाड़ी को गांव में घुसने से रोकने के नाम पर शेयर किया जा रहा दावा भ्रामक है. वायरल वीडियो किसान आंदोलन के दौरान BKU कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी की प्रचार गाड़ी रोके जाने का है. जिसे अब यूपी में विधानसभा चुनावों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
Result: Misplaced Context
Our Sources
UP Tak: https://twitter.com/UPTakOfficial/status/1419590884509638657
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