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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर इन दिनों तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के नाम को लेकर दावा किया जा रहा है कि 1981 तक हैदराबाद नगर निगम का नाम भाग्य नगर अर्बन अथॉरिटी था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए इसका नाम बदल दिया।
वायरल दावे का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
सोशल मीडिया पर वायरल दावे को काई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact check / Verification
हैदराबाद के नगर निगम चुनाव के लिए 28 नवंबर को हुए एक रोड शो में भाजपा का नेतृत्व कर रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोड शो को संबोधित करते हुए हैदराबाद का नाम भाग्य नगर रखने का मुद्दा उठाया था।
जिसके बाद से सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा दावा किया जाने लगा कि हैदराबाद का पुराना नाम भाग्य नगर है जिसे कांग्रेस सरकार ने 1981 के बाद बदल दिया था। वायरल दावे के साथ एक तस्वीर भी शेयर किया जा रही है, जिसे नीचे देखा जा सकता है।
इसी तस्वीर का हवाला देते हुए यह दावा किया जा रहा है कि 1981 तक हैदराबाद का नाम भाग्य नगर था, तस्वीर में जानकारी दी गई है कि आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री T. Anjiah के नेतृत्व में भाग्य नगर अर्बन डवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा वर्ष 1981 में नागरिक वाणिज्य केंद्र का उदघाटन किया गया था।
वायरल दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। जहां हमने सबसे पहले भाग्य नगर अर्बन डवलपमेंट ऑथोरिटी के नाम से खोजना शुरू किया। लेकिन खोज के दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई उचित परिणाम प्राप्त नहीं हुए।
खोज के दौरान ही हमें timesnow की वेबसाइट पर 08 नवंबर साल 2018 को छापा एक लेख मिला। लेख में हैदराबाद की गोशामहल सीट से बीजेपी के विधायक राजा सिंह के बयान का जिक्र किया गया है। लेख के मुताबिक साल 2018 में भाजपा के विधायक राजा सिंह द्वारा यह दावा किया गया था कि यदि उनकी पार्टी तेलंगाना में सत्ता में आती है तो वह हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्य नगर रखेंगे।
इसके बाद हमने हैदराबाद जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर हैदराबाद के इतिहास की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। वेबसाइट के मुताबिक हैदराबाद शहर सन 1591 में अस्तित्व में आया था। इस दौरान वेबसाइट पर हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे यह पुष्टि की जा सके कि हैदराबाद का पुराना नाम भाग्य नगर था।
इसके बाद हैदराबाद की जानकारी प्राप्त करने के लिए और हैदराबाद जिला प्रशासन की वेबसाइट पर मिली जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें IIT हैदराबाद की आधिकारिक वेबसाइट पर एक PDF फाइल मिली जहाँ शहर के इतिहास के बारे में बताया गया है।
PDF फाइल के मुताबिक सन् 1591 में कुली कुतुब शाह के राज में हैदराबाद का अस्तित्व शहर के रूप में आया था। यहाँ जानकारी दी गई है कि शहर का प्राचीन नाम गोलकुंडा था। लेकिन यहाँ कहीं भी हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्य नगर होने की कोई जानकारी नहीं दी है।
पड़ताल के दौरान हमने गौर किया कि वायरल पोस्ट में बताया जा रहा है कि भाग्य नगर का नाम साल 1981 के बाद हैदराबाद में बदला गया। लेकिन उपरोक्त मिले तथ्यों से हमने जाना कि हैदराबाद का अस्तित्व सन 1591 से ही है। साथ ही शहर के आधिकारिक दस्तावेजों में कहीं भी हमें हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्य नगर होने का कोई प्रमाण नहीं मिला।
इसके अलावा हमें deccanchronical नामक वेबसाइट पर 2 साल पुराना एक लेख मिला। जहां इतिहासकार प्रो. सलमा अहमद फारूकी के बयान का उल्लेख किया गया है।
यहाँ जानकारी दी गयी है कि अहमद फारूकी ने हैदराबाद का प्राचीन नाम ‘भाग्य नगर’ होने के दावे को पूरी तरह गलत बताया है। प्रो.अहमद फारूकी के मुताबिक, एक फ्रांसीसी यात्री ने हैदराबाद के बारे में बताते हुए गोलकुंडा किले के आसपास के बागों का जिक्र किया था। जिसकी वजह से उर्दू शब्द ‘बाग’ का इस्तेमाल हैदराबाद के लिए किया जाने लगा। इस वजह से हैदराबाद का नाम कुछ समय ‘बागनगर’ रहा, लेकिन भाग्य नगर होने के कोई प्रमाण नहीं मिले।
Conclusion
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से पता चला कि हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्य नगर होने वाला दावा पूरी तरह गलत है।
Result: False
Our sources
https://hyderabad.telangana.gov.in/about-district/?ref=inbound_article
https://hyderabad.telangana.gov.in/about-district/?ref=inbound_article
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.