Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact Check
ब्रिटिश होम डिपार्टमेंट के एक दस्तावेज़ में आरएसएसएस को लेकर किया गया खुलासा.
नहीं, दस्तावेज नकली है.
सोशल मीडिया पर एक कथित ब्रिटिश होम डिपार्टमेंट के दस्तावेज़ के जरिए दावा किया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया था.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि कि वायरल हो रहा यह दस्तावेज़ नकली है और यह ब्रिटिश सरकार के किसी भी आधिकारिक अभिलेख का हिस्सा नहीं है.
वायरल तस्वीर एक दस्तावेज़ की है, जिस पर “ब्रिटिश होम डिपार्टमेंट” लिखा हुआ है. नीचे मौजूद अंग्रेजी टेक्स्ट में लिखा हुआ है, जिसका हिंदी अनुवाद है, “आरएसएस ने 1925 से लेकर 1947 के बीच किसी ब्रिटिश विरोधी आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया. नीचे एक स्टाम्प और हस्ताक्षर भी मौजूद है.
तस्वीर को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “सच्चाई सामने है—आरएसएस का भारत की आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था और किसी सबूत की ज़रूरत नहीं. असलियत सामने है—आरएसएस का 100 साल का एजेंडा देश को जोड़ने नहीं, बाँटने का रहा है”.

ब्रिटिश होम डिपार्टमेंट का असल दस्तावेज़ बताकर वायरल हुई इस तस्वीर की पड़ताल में हमने पाया कि ब्रिटेन में होम डिपार्टमेंट” नाम से कोई विभाग मौजूद ही नहीं है, बल्कि ब्रिटेन में ऐसे मामलों को संभालने वाले विभाग को होम ऑफिस कहा जाता है और इसकी स्थापना 1782 में हुई थी.

कई बार बोलचाल की भाषा में लोग होम डिपार्टमेंट भी कह देते हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर यहां तक कि पत्राचार में भी होम ऑफिस ही लिखा जाता है.

चूंकि वायरल तस्वीर में एक जगह 1978 भी लिखा हुआ था, इसलिए हमने UK National Archives की वेबसाइट पर कीवर्ड सर्च की मदद से 1978 में होम ऑफिस द्वारा RSS को लेकर जारी किए गए डॉक्यूमेंट को खंगाला, लेकिन हमें वहां इससे जुड़ी कोई फाइल नहीं मिली.
जांच में हमें वायरल तस्वीर में मौजूद ब्रिटिश शाही प्रतीक में भी कई त्रुटियां मिलीं. ऊपर और नीचे मौजूद प्रतीक में भी हमें कई अंतर दिखे और दोनों प्रतीक एक जैसे नहीं थे. जैसे असल शाही प्रतीक में मौजूद ध्येय वाक्य “Honi soit qui mal y pense” वायरल दस्तावेज में पढ़ने योग्य नहीं है. इसके अलावा, शाही प्रतीक का असल वाक्यांश “Dieu et mon droit” को भी छोटा करके वायरल दस्तावेज में “Dieu Droit” लिख दिया गया है.

इसी दौरान हमें एक अन्य वेबसाइट पर वायरल तस्वीर से मिलता-जुलता एक अन्य दस्तावेज मिला. उक्त वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, यह पत्र लॉर्ड माउंटबेटन ने 1 नवम्बर 1978 को अपने एक सहयोगी को लिखा था.

हालांकि, जब हमने दोनों दस्तावेजों का मिलान किया तो पाया कि वेबसाइट पर मौजूद लेटर में टेलीफोन नंबर, हस्ताक्षर और वर्ष लिखने का स्टाइल वही है, जैसा वायरल दस्तावेज में है. इससे यह प्रतीत हो रहा था कि वायरल तस्वीर वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर को एडिट करके बनाई गई है.

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि ब्रिटिश होम डिपार्टमेंट का बताकर वायरल हो रहा यह दस्तावेज नकली है. ब्रिटिश गृह विभाग की तरफ से आरएसएस को लेकर ऐसा कोई डॉक्यूमेंट जारी नहीं किया गया था.
Our Sources
Image analysis
UK Home Office website
National Archives (UK) website
Letter found on autograph collection website
(Additional inputs from (Kushel Madhusoodan)
फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें: https://whatsapp.com/channel/0029Va23tYwLtOj7zEWzmC1Z
Runjay Kumar
November 27, 2025
Runjay Kumar
November 26, 2025
JP Tripathi
November 26, 2025