Fact Check
एक कार्टून से आरएसएस द्वारा महात्मा गांधी समेत कई शहीदों के बारे में विवादित टिप्पणी वाला भ्रामक पोस्ट हुआ वायरल

Claim
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि, आरएसएस सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद एवं महात्मा गाँधी को रावण मानती है। दावे के साथ किसी पत्रिका में छपा एक कार्टून है जिसमे महात्मा गांधी को 10 सिर में दिखाया गया है तथा सामने से दो व्यक्तियों के द्वारा गांधी को तीर मारते दिखाया जा रहा है।

Fact
वायरल तस्वीर को देखने पर पता चलता है कि इसमें सिर्फ कार्टून ही नहीं है बल्कि तस्वीर पर गोडसे और आरएसएस को लेकर दावे किये गए हैं। तस्वीर में लिखा है कि “यह कार्टून 1945 में नारायण आप्टे, प्रकाशित और गोडसे द्वारा सम्पादित पत्रिका अग्रणी में छपा था। गौर से देखे तो गांधी जी के दस सिरों में सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस भी हैं। साल 1945 में RSS के लिए अंग्रेज रावण नहीं थे बल्कि सभी स्वतंत्रता सेनानी रावण थे। हमने यह जानने का प्रयास किया कि ‘अग्रणी’ नामक इस पत्रिका का सच क्या है। इसी क्रम में हमें नाथूराम गोडसे के द्वारा संपादित ‘अग्रणी’ के विवरण वाले कुछ लेख मिलें। NDTV में छपा यह लेख यह बताता है कि कैसे नाथूराम गोडसे ने ‘अग्रणी’ बंद होने के बाद ‘हिन्दू राष्ट्र’ के नाम पर एक नया समाचार पत्र प्रकाशित किया तो वहीं पत्रिका में छपे इस लेख में भी ‘अग्रणी’ नामक इस पत्रिका से संबंधित जानकारी दी गई है। Indian Express में प्रकाशित लेख के माध्यम से भी इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
अग्रणी पत्रिका के बारे में जानकारी जुटाने के बाद हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या सच में आरएसएस इस पत्रिका के संपादन में कोई हस्तक्षेप रखता था या फिर सच में यह पत्रिका आरएसएस द्वारा प्रकाशित होती थी। इस संबंध में जानकारी के लिए हमने आरएसएस की आधिकारिक वेबसाइट का रुख किया जहाँ से हमें पता चला कि आरएसएस द्वारा आधिकारिक तौर पर आर्गनाइजर तथा पाञ्चजन्य साप्ताहिकों का प्रकाशन 1947 में शुरू हुआ था जबकि उक्त कार्टून कथित तौर पर 1945 में प्रकाशित हुआ है। इस प्रकार हमें यह पता चला कि इस कार्टून को प्रकाशित करने वाली पत्रिका अग्रणी से आरएसएस का आधिकारिक तौर पर कोई संबंध नहीं था।
अग्रणी नामक पत्रिका में इस तरह का कोई कार्टून प्रकाशित हुआ था या नहीं इस संबंध में हमें अभी कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं मिल पाई है। इस विषय पर हमारी पड़ताल अभी जारी है और कोई निर्णायक सबूत मिलने पर हम उसका उल्लेख अपने लेख में करेंगे।
Our Sources
Report Published on NDTV
Report Published on Indian Express
Official website of RSS
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