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क्या अब UPI के माध्यम से हुए ट्रांजैक्शन पर लगेगा शुल्क? यहां जानें वायरल दावे का पूरा सच

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि अब UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर भी शुल्क देना पड़ेगा.

भारत मे नोटबंदी के बाद से शहरों-गावों तक पहुंच चुका UPI (Unified Payments Interface) वर्तमान में लेन-देन के सर्वाधिक लोकप्रिय साधनों में से एक है. बिना शुल्क (transaction charge) दिए कम समय में पैसे भेजने या प्राप्त करने की सुविधा, यूजर फ्रेंडली इंटरफ़ेस और अपेक्षाकृत बेहतर सुरक्षा के कारण देश में UPI यूजर्स की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. UPI की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, साल 2022 के मई माह में UPI के माध्यम से 10,41,520.07 करोड़ रुपए की लागत के लगभग 595 करोड़ ट्रांसैक्शंस (transactions) हुए हैं.

इसी क्रम में कई मीडिया संस्थान तथा सोशल मीडिया यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि अब UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर भी शुल्क देना पड़ सकता है.

Fact Check/Verification

UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर भी शुल्क देने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने “यूपीआई लेनदेन पर शुल्क” कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें आज तक द्वारा 21 अगस्त, 2022 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें वित्त मंत्रालय द्वारा शेयर किए गए ट्वीट्स के आधार पर इस जानकारी को गलत बताया गया है.

वित्त मंत्रालय द्वारा 21 अगस्त, 2022 को शेयर किए गए ट्वीट्स के अनुसार, भारत सरकार UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर शुल्क लगाने पर विचार नहीं कर रही है. सेवा प्रदाताओं की लागत राशि की वसूली अन्य माध्यमों से की जानी चाहिए. सरकार डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को आर्थिक सहायता देती आ रही है और यह सिलसिला इस साल भी जारी रहेगा.

इसके अतिरिक्त हमें All India Radio News द्वारा शेयर किए गए ट्वीट्स भी प्राप्त हुए, जिनमें वायरल दावे को गलत बताया गया है.

गौरतलब है कि RBI ने 17 अगस्त, 2022 को IMPS, NEFT, RTGS और UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर शुल्क को लेकर डिस्कशन पेपर जारी किया था और 3 अक्टूबर, 2022 तक इस पर फीडबैक मांगा था. हालांकि, रिज़र्व बैंक ने पूरे प्रेस रिलीज़ में कहीं भी यह नहीं कहा है कि संस्था UPI पेमेंट्स पर शुल्क लेगी.

अब UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर भी शुल्क देना पड़ेगा.
RBI द्वारा जारी किया गया प्रेस रिलीज़

बता दें कि साल 2021 की शुरुआत में भी ऐसे ही कई दावे वायरल हुए थे, जिसके बाद Newschecker द्वारा 1 जनवरी, 2021 को इन दावों की पड़ताल की गई थी. हमारी पड़ताल के अनुसार National Payments Corporation of India (NPCI) तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) द्वारा संचालित PIB Fact Check ने इस दावे का खंडन करते हुए UPI के माध्यम से हुए लेनदेनों पर सरकार द्वारा शुल्क ना लेने की बात कही थी.

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि UPI के माध्यम से हुए लेनदेन पर भी शुल्क देने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में केंद्र सरकार द्वारा अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

Result: Partly False

Our Sources

Tweet by Ministry of Finance, GoI on 21 August, 2022
Media reports

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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