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Fact Check
सरकार अब 3000 रुपए से ज्यादा के UPI पेमेंट पर चार्ज लगा रही है.
वित्त मंत्रालय ने इसका खंडन किया है.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सरकार अब 3000 रुपए से ज्यादा के UPI पेमेंट पर चार्ज लगा रही है.
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने सिरे से इस दावे का खंडन करते हुए कहा है कि UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज किए जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं.
वायरल दावे को एनडीटीवी की एक रिपोर्ट, जिसका टाइटल है “Exclusive: Government Weighs Charges On UPI Payments Over Rs 3,000” के स्क्रीनशॉट के साथ शेयर किया गया है. साथ ही हिंदी में भी एक टेक्स्ट मौजूद है, जिसमें लिखा हुआ है, “अब अगर आप UPI से 3000 से ज्यादा की पेमेंट करेंगे, तो आपको देशभक्ति टैक्स देना होगा”.
यह वायरल दावा इंडियन यूथ कांग्रेस के X अकाउंट से भी किया गया है.

इसके अलावा, यह दावा फेसबुक पर भी काफी वायरल है.

3000 रुपए से ज्यादा के UPI पेमेंट पर चार्ज लगने के दावे की पड़ताल में सबसे पहले हमने एनडीटीवी की वेबसाइट को खंगाला, जिसकी रिपोर्ट के सहारे यह दावा किया जा रहा है. 11 जून 2025 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि सरकार 3000 रुपये से अधिक के सभी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भुगतानों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लागू करने पर विचार कर रही है.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया था कि छोटे मूल्य के UPI भुगतान पर चार्ज नहीं लगेगा, वहीं बड़े लेनदेन पर जल्द ही मर्चेंट फीस लग सकती है. इससे जनवरी 2020 से लागू हुई शून्य-MDR नीति वापस हो जाएगी. इसके अलावा RuPay क्रेडिट कार्ड्स भी मर्चेंट डिस्काउंट रेट के दायरे से बाहर रहेगा.

हालांकि, 11 जून 2025 की शाम को ही वित्त मंत्रालय ने X पोस्ट कर इस दावे का खंडन किया और लिखा कि “यह अटकलें और दावे कि यूपीआई लेन-देन पर एमडीआर चार्ज किया जाएगा, पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं. इस तरह की निराधार और सनसनी फैलाने वाली अटकलें हमारे नागरिकों के बीच अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती है. सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है”.

वित्त मंत्रालय के खंडन के बाद एनडीटीवी ने भी “No Plan To Levy Merchant Discount Rate On UPI Transactions: Finance Ministry” टाइटल के साथ एक अन्य रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने लिखा कि “सरकार ने यह आधिकारिक खंडन ऑनलाइन प्रसारित कई रिपोर्ट्स के बाद जारी किया है, जिनमें दावा किया गया था कि सरकार बड़े लेन-देन वाली UPI ट्रांजैक्शन्स पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट लगाने की योजना बना रही है.

UPI के जरिए हर दिन करीब 65 करोड़ से ज्यादा होता है लेनदेन
द हिंदू बिजनेस लाइन की वेबसाइट पर 4 जून 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) दैनिक लेनदेन के मामले में ग्लोबल कार्ड इश्यूअर VISA के करीब पहुंच गई है. जून में हुए लेनदेन के आंकड़े के अनुसार, UPI का दैनिक वॉल्यूम, वित्त वर्ष 2024 में वीजा द्वारा हुए लेनदेन से अधिक है. 1 जून को UPI के जरिए लेनदेन 64.4 करोड़ तक दर्ज किए गए थे और इसके अगले दिन यह आंकड़ा 65 करोड़ के पार हो गया था. वहीं, वीजा के जरिए वित्त वर्ष 2024 में लगभग 64 करोड़ दैनिक लेनदेन हुए थे.

गौरतलब है कि MDR वह शुल्क है, जो बैंक रीयल-टाइम भुगतान के लिए वसूलते हैं. पहले कार्ड भुगतान पर कुल लेनदेन राशि का 1% MDR शुल्क देना होता था. लेकिन 2020 में सरकार ने देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए MDR शुल्क को पूरी तरह समाप्त कर दिया था.
हमारी जांच में मिले साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि 3000 रुपए से ज्यादा के UPI पेमेंट पर चार्ज लगने का वायरल दावा भ्रामक है. वित्त मंत्रालय ने इसका खंडन किया है.
Our Sources
X Post by Ministry of Finance on 11th June 2025
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