सोशल मीडिया पर मारपीट का एक वीडियो वायरल है। वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करते हुए इसे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का बताया गया है। दावा किया गया है कि बिलासपुर में दुर्गा विसर्जन के दौरान हिन्दुओं पर लाठी, तलवार और पत्थरों से हमला किया गया।


दरअसल, बीते दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में दुर्गा पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया था। 5 अक्टूबर को दशहरा समाप्त होने के बाद से मूर्तियों का विसर्जन हुआ। ‘The Quint’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन मूर्तियों को कई जगहों पर तालाब, तो देश के कई हिस्सों में नदियों में विसर्जित किया गया था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करते हुए इसे हिंदू त्योहारों पर हमला करने का बताया जा रहा है।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वायरल वीडियो को Invid टूल की मदद से कुछ कीफ्रेम में बदला। इसके बाद एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स सर्च किया। हमें समाचार एजेंसी ANI द्वारा 7 अक्टूबर 2022 को किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट में वायरल वीडियो मौजूद है और इसे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सदर बाजार का बताया गया है। बतौर ट्वीट, वहां दो गुटों में दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन को लेकर बवाल हो गया था।
ANI द्वारा किए गए ट्वीट के थ्रेड में एएसपी राजेश जायसवाल का बयान भी है, जिसमें उनके हवाले से लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दुर्गा पूजा समितियों के सदस्यों के बीच पहले मूर्ति विसर्जन करने को लेकर हाथापाई हो गई थी। मामले में संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया था।
कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने पर लाइव हिंदुस्तान द्वारा सात अक्टूबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, बिलासपुर के एएसपी राजेंद्र जायसवाल के हवाले से बताया गया कि दो दुर्गा पूजा समितियों के सदस्यों में पहले मूर्ति विसर्जन को लेकर हाथापाई हो गई। एएसपी के मुताबिक, शनिचरी बाजार और कुदुदंड दुर्गोत्सव समिति के पदाधिकारियों के बीच पहले सुबह चार बजे विवाद हुआ। इसके बाद फिर 6 बजे दूसरे पक्ष ने बदला लेने के मकसद से हमला किया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में दोनों गुटों की तरफ से एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। ‘पहले पक्ष से अभिजीत तिवारी ने हिमांशु राय, पारस, शैलेष सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया है। दूसरे पक्ष से शैलेष कश्यप ने विजय गुप्ता, नवीन तिवारी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।’
पड़ताल के दौरान Newschecker ने एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। सुबह करीब 4 बजे दो झांकिया निकली थीं, एक कुदुदण्ड शिव दुर्गोत्सव समिति’ की झाकिंया थी और दूसरा संरकण्डा दुर्गोत्सव समिति की झांकिया थी। इसमें आगे बढ़ने की बात को लेकर मारपीट हो गई। वो जगह काफी सकरी है, एक टाइम में एक गाड़ी ही बढ़ सकती है। और वहां लाखों की संख्या में भीड़ होती है। उस दौरान मारपीट में घायल हुए लोगों का इलाज करा दिया गया। पुलिस मौके पर पेट्रोलिंग कर रही थी। लेकिन उसके दो घंटे बाद दोनों गुटों ने अपनी संख्या बढ़ा दी और एक बार फिर से मारपीट हुई। दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर हुई है। कुल 22 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और सभी आरोपी एक ही समुदाय से हैं। इसमें बलवा की धारा 147, हत्या का प्रयास में 307, मारपीट की 323 और 294 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।”
हमने वहां के स्थानीय पत्रकार और पीटीआई के संवाददाता राजेश दुआ से भी संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “घटनास्थल मेरे घर से 100 मीटर की दूरी पर है। मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसमें कुल 22 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। सभी एक ही समुदाय से आते हैं।”
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर वायरल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसमें मूर्ति विसर्जन को लेकर एक समुदाय के दो गुटों में मारपीट हुई थी।
Result: Partly False
Our Sources
Tweet by ANI on October 7, 2022
Report by Live Hindustan on October 8, 2022
Conversation with Bilaspur AASP Rajendra Jaiswal
Conversation With PTI Correspondent Rajesh Dua
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