Claim
साइबर जिहाद से सावधान रहने की सलाह देने वाला एक सन्देश सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। सन्देश में कहा गया है कि एक खास धर्म के कुछ लोग हिन्दुओं में फूट डालने के लिए सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी आईडी बनाकर गलत टिप्पणी कर रहे हैं।
Verification
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नामक ट्विटर यूजर ने सोशल मीडिया में साइबर जिहाद नामक शब्द को चर्चा का विषय बना दिया है। अपने ट्वीट में इन महाशय ने मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों को टारगेट करते हुए हिन्दुओं को सतर्क रहने की चेतावनी दे दी है। ट्वीट में कहा गया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर हिन्दुओं के नाम की फ़र्ज़ी आईडी बनाकर धर्म और ग्रंथों पर फूट डालने के लिए गलत टिप्पणी कर रहे हैं।
ट्वीट के साथ एक तस्वीर अटैच करते हुए बताया गया है कि फेसबुक पर हिन्दू नाम से फ़र्ज़ी आईडी बनाकर गीता और रामायण जैसे ग्रंथों को गाली देने वाले मोहम्मद अहमद को हिमाचल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस सन्देश को ट्वीटर पर हज़ारों बार शेयर और लाइक किया गया है।
खबर की पड़ताल के दौरान सबसे पहले इस बात की पुष्टि जरूरी थी कि हिमाचल पुलिस ने इस नाम के किसी व्यक्ति को साइबर अपराध के लिए गिरफ्तार किया है या नहीं। जांच के दौरान
rntimes नामक एक स्थानीय वेबसाइट मिली। इसमें छपी खबर में साफ़ किया गया है कि हिमाचल पुलिस ने साइबर अपराध के चलते मोहम्मद अहमद नामक युवक को गिरफ्तार किया है। हालांकि इस वेबसाइट ने वायरल तस्वीर का कहीं भी जिक्र नहीं किया है।
हालांकि इस वेबसाइट के कुछ लेख ऐसे दिखे जिनपर भरोसा करना मुश्किल था लिहाज़ा अपनी पड़ताल जारी रखी। बारीकी से गूगल खंगालने पर कुछ ख़बरों के लिंक्स खुलकर सामने आने लगे जिन्हें स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
कई लेख और समाचार पत्रों को पढ़ने के बाद भी यह पता नहीं चल पाया कि जिस व्यक्ति की तस्वीर को साइबर जेहाद का नाम लेकर सोशल मीडिया में वायरल किया गया है उसे हिमाचल पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। अब बारी थी तस्वीर की हकीकत जानने की। तस्वीर को खोजने के दौरान आए शुरआती परिणाम को स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान एक लिंक प्राप्त हुआ जो हमें ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेज़न डॉट कॉम तक ले गया। इस दौरान पता चला कि वायरल हो रही तस्वीर मोहम्मद अहमद की नहीं है। वास्तव में जिस तस्वीर को साइबर जिहाद के नाम से वायरल किया जा रहा है वह तस्वीर
जीशान उल उस्मानी की है। उस्मानी पेशे से लेखक हैं।
जीशान उस्मानी द्वारा CNN को दिए गए एक इंटरव्यू को भी यहां देखा जा सकता है। इसके अलावा उस्मानी ट्विटर पर भी उपलब्ध हैं।
हमारी पड़ताल से यह साफ हो गया कि पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ द्वारा जिस तस्वीर को साइबर जिहाद के नाम पर वायरल किया जा रहा है वह फ़र्ज़ी है।
Tools Used
- Google Reverse Image
- Google Keywords
- Twitter Search
Result- False