शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

HomeFact Checkक्या दिल्ली की केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के सिर्फ मुस्लिम विद्यार्थियों की...

क्या दिल्ली की केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के सिर्फ मुस्लिम विद्यार्थियों की फीस रिफंड कर रही है? वायरल दावे की यह है सच्चाई

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Claim

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया जा रहा है। दावा किया गया है कि केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के केवल मुस्लिम छात्रों की फीस रिफंड करके एक समुदाय को लाभ पहुंचा रही है। 

केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के केवल मुस्लिम छात्रों की फीस माफ करके एक समुदाय का तुष्टिकरण कर रही है। 
Courtsey: Facebook/Ravinegi4bjp

Fact

दावे का सच जानने के लिए ’दिल्ली सरकार अल्पसंख्यक छात्र’ कीवर्ड को गूगल पर खोजने के दौरान हमें Times now द्वारा 16 मई 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों के पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फीस रिफंड करने का निर्देश जारी किया है। बतौर रिपोर्ट, दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने अपने निर्देश में शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वे वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फीस रिफंड की प्रक्रिया पूरी कराना सुनिश्चित करें। रिपोर्ट में कहीं भी केवल एक धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने की बात नहीं की गई है।   

हमने दिल्ली सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। दिल्ली सरकार के अल्पसंख्यक विभाग की वेबसाइट में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना, दिल्ली विधानसभा द्वारा 24 दिसंबर 1999 को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1999 के तहत की गई थी। इसके मुताबिक, दिल्ली में अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी हैं। जीएनसीटी दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा 13 अक्टूबर 2008 को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार ‘जैन’ समुदाय को भी दिल्ली के अल्पसंख्यक समुदाय में गिना जाएगा। 

Courtsey: Delhi Governmement

दावे का सच जानने के लिए हमने दिल्ली अल्पसंख्यक विभाग की सदस्य नैन्सी बार्लो से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। दिल्ली सरकार द्वारा निजी स्कूलों के अल्पसंख्यक छात्रों के लिए जारी की गई फीस रिफंड योजना किसी एक विशेष समुदाय/धर्म नहीं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा प्राप्त 6 धर्मों के लिए भी लागू है। इसमें मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल हैं।”

बता दें, दिल्ली सरकार की फीस रिफंड योजना के मुताबिक, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले पहली से पांचवीं तक के छात्र शिक्षण शुल्क और अन्य अनिवार्य शुल्क के रिफंड पाने के लिए योग्य हैं। इन छात्रों का अंक मैटर नहीं करेगा, लेकिन कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों के मामले में ट्यूशन और अन्य अनिवार्य शुल्क केवल उन्हीं छात्रों का रिफंड किया जाएगा, जिन्होंने पिछली कक्षा में 50% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं और उनका अटेंडेंस 80% से कम नहीं है। 

Result: False Context/Missing Context

यदि आपको यह फैक्ट चेक पसंद आया है और आप इस तरह के और फैक्ट चेक पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।


किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Shubham Singh
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Most Popular