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Fact Check

फैक्ट चेक: क्या कर्नाटक पुलिस ने विसर्जन के समय गणेश जी की मूर्ति को किया गिरफ्तार? जानें सच

Written By Komal Singh, Edited By JP Tripathi
Sep 17, 2024
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Claim
कर्नाटक पुलिस ने गणेश विसर्जन के समय भक्तों को रोकने के लिए गणेश जी की मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया।
Fact
यह दावा फ़र्ज़ी है।

बीते 11 सितंबर को गणेश विसर्जन के समय कर्नाटक के मांड्या जिले में दो गुटों के बीच झड़प हो गई। मांड्या जिले के नागमंगला में बदरीकोप्पलू से श्रद्धालु दो गणेश मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे। इस दौरान जब जुलूस एक धार्मिक स्थल पर पहुंचा तो कुछ उपद्रवियों ने पथराव कर दिया। जिसके बाद दोनों गुटों में कहासुनी हो गई और दोनों ने अपने-अपने धार्मिक नारे लगाने शुरू कर दिए। हालात इतने खराब हो गए कि बेकाबू भीड़ ने सड़क पर खड़ी बाइकों और दुकानों में आग लगा दी। हालात को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था।

सोशल मीडिया पर एक पुलिस वैन के अंदर रखी गणेश मूर्ति की तस्वीर इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि कर्नाटक पुलिस द्वारा गणेश चतुर्थी के बाद विसर्जन के लिए जाते समय भक्तों को रोकने के लिए पुलिस ने गणेश जी की मूर्ति को ही हिरासत में ले लिया। तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा भी किया जा रहा है कि गणेश पूजन से धार्मिक सद्भावना बिगड़ती हैं, इसलिए कर्नाटक पुलिस ने गणेश भगवान को गिरफ्तार किया है।

पुलिस वैन के अंदर नजर आ रही गणेश की मूर्ति की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हिंदू विरोधी है जिन्होंने गणेश जी को गिरफ्तार कर हिन्दू धर्म का अपमान किया है। दावा किया जा रहा है कि ‘कर्नाटक पुलिस द्वारा गणेश चतुर्थी के बाद विसर्जन के लिए जाते समय भक्तो को रोकने के लिए पुलिस ने गणेश जी के मूर्ति को ही हिरासत में ले लिया और अपमान की भावना से गणेश जी की मूर्ति को पुलिस वैन में बिठाकर मुजरिमों जैसा गिरफ्तार करके ले जाया गया।’ एक अन्य पोस्ट में कहा गया है कि ‘कर्नाटक पुलिस ने गणेश भगवान को गिरफ्तार किया…गणेश पूजन से धार्मिक सदभावना बिगड़ती है। शाबाश हिन्दुओं… तुम्हारे पूजन पर तो रोक लग गयी, कसम से एक बार और चुन लेना कॉंग्रेस फिर पूजन की जरूरत ही न पड़ेगी।’ सोशल मीडिया पोस्ट का आर्काइव यहाँ और यहाँ देखें।

कर्नाटक
Courtesy: X/@abhyamhindu

14 सितंबर 2024 को एक एक्स पोस्ट (आर्काइव) में पुलिस वैन के अंदर नजर आ रही गणेश मूर्ति की तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है, “भारत के इतिहास में पहली बार किसी राज्य की पुलिस ने गणेश जी को गिरफ्तार किया। जी हां कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की कांग्रेसी पुलिस ने गणेश जी को हिरासत में लिया। हिंदुओं क्यों अपमानित होने के लिए कांग्रेस को वोट देते हो ?” पोस्ट में करीब एक मिनट का वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें कुछ लोग गणेश जी की मूर्ति के साथ ‘गणपति बप्पा मोरेया’ कहते नजर आते हैं।

Fact Check/Verification

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें इस मामले से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। 14 सितंबर 2024 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला शुक्रवार, 13 सितंबर का है। कुछ लोग 11 सितंबर 2024 को गणेश विसर्जन के समय कर्नाटक के मांड्या जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए बेंगलुरू के टाउन हॉल पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों के साथ करीब 1 फुट लंबी गणेश भगवान की मूर्ति भी थी। इस दौरान बिना इजाजत प्रदर्शन करने पहुंचे 40 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने गणेश भगवान की मूर्ति उठाकर पुलिस वैन में रख दिया।

ज्ञात हो कि बेंगलुरु के टाउन हॉल पहुंचे प्रदर्शनकारी गणेश प्रतिमाओं के साथ प्रदर्शन कर रहे थे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जिन्होंने 11 सितंबर को शहर में दुकानों और वाहनों को निशाना बनाकर पथराव और तोड़फोड़ की थी।

‘द प्रिंट’ की रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि, ‘‘लोगों का एक समूह टाउन हॉल के सामने विरोध प्रदर्शन करने के लिए आगे बढ़ रहा था, लेकिन इससे पहले कि वे कार्यक्रम स्थल तक पहुंच पाते, हमने उन्हें रोक दिया, क्योंकि वहां विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। लेकिन प्रदर्शनकारी वहां जाने पर अड़े रहे जिसकी वजह से उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। उनमें से लगभग 40 को एहतियातन हिरासत में लिया गया था।’’

15 सितंबर, 2024 को न्यूज़ 18 द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि नागमंगला में पुलिस से अनुमति न मिलने के बावजूद, बेंगलुरु के टाउन हॉल के पास गणेश विसर्जन जुलूस पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही थी, जबकि बेंगलुरु में नियम के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के लिए परमिटेड जगह फ्रीडम पार्क है। पुलिस को जैसे ही मालूम हुआ कि बिना अनुमति के टाउन हॉल में लोग इकट्ठा हो रहे हैं, पुलिस ने उनको हिरासत में लेकर पुलिस वैन में डालना शुरू कर दिया। जिससे अफरातफरी मच गई और कुछ लोग गणपति की मूर्ति सिर पर लेकर नारेबाजी करने लगे।

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने न्यूज18 को बताया है कि ‘पुलिस ने पहले ही प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया और जब उन्हें पता चला कि गणेश की मूर्ति जमीन पर पड़ी है, तो हमारे अधिकारी ने तुरंत मूर्ति को उठाया और सुरक्षित स्थान पर रख दिया।’

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने न्यूज18 को आगे बताया, ‘हम भगवान गणेश को बिना देखरेख के कैसे छोड़ सकते थे? हमारे अधिकारी ने सुनिश्चित किया कि मूर्ति को सुरक्षित तरीके से ले जाया जाए, और चूंकि विसर्जन के लिए ले जाया जाना था, इसलिए विसर्जन पूरे सम्मान और भक्ति के साथ किया गया। वैन के अंदर गणेश की तस्वीर दिखाती है कि हमने मूर्ति की पवित्रता और सम्मान कैसे सुनिश्चित किया।’

16 सितंबर 2024 को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से स्पष्ट किया गया था कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के दौरान मूर्ति को पुलिस वैन के अंदर रखा गया था।

बेंगलुरु सेंट्रल डिवीजन के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने कहा, “13 सितंबर, 2024 को हिंदू समूहों ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए नागमंगला गणेश जुलूस की घटना को लेकर बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। बाद में अधिकारियों ने पूरे रीति-रिवाज के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया।”

15 सितंबर 2024 को बेंगलुरु के पुलिस उपायुक्त, सेंट्रल डिवीजन ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट कर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने लिखा (अनुवादित), “सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के बारे में स्पष्टीकरण, जिसमें कहा गया है कि अधिकारियों ने बेंगलुरु में टाउन हॉल के पास विसर्जन के लिए जा रहे भक्तों से गणेश की मूर्ति छीन ली…13 सितंबर, 2024 को हिंदू समूहों ने नागमंगला गणेश जुलूस की घटना को लेकर बेंगलुरु के टाउन हॉल में प्रदर्शन किया, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। बाद में अधिकारियों ने विधि-विधान के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया।” पोस्ट के साथ ही गणपति का विसर्जन किये जाने की तस्वीरें भी साझा की गई हैं।

पड़ताल के दौरान हमने बेंगलुरु पुलिस से भी संपर्क किया है। जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जायेगा।

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि कर्नाटक पुलिस द्वारा गणेश जी की मूर्ति को गिरफ्तार किए जाने का दावा फ़र्ज़ी है।

Result: False

Sources
Report published by Times of India on 13th September,2024.
Report published by Hindustan Times on 16th September 2024.
X post by Deputy Commissioner of Police, Central Division, Bengaluru City on 15th September 2024.

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