Authors
Claim
ब्रिक्स समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ नहीं मिलाया।
Fact
यह दावा फ़र्ज़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने रूस में हुए ब्रिक्स समिट के दौरान हाथ मिलाया था।
सोलहवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-24 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान शहर में आयोजित हुआ था। इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी हिस्सा लिया था। इस सम्मेलन के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप के साथ यह दावा वायरल हो रहा है कि ब्रिक्स समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से हाथ नहीं मिलाया। हालांकि जांच में हमने पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने रूस में हुए ब्रिक्स समिट के दौरान हाथ मिलाया था।
23 अक्टूबर को शेयर किये गए एक्स पोस्ट (आर्काइव) में तीन सेकंड की क्लिप शेयर की गई है। क्लिप में दो वीडियो का कोलाज है। एक वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर हाथ बढ़ाते नजर आ रहे हैं और शी जिनपिंग नरेंद्र मोदी को किसी ओर रास्ता दिखाते हैं। दूसरी क्लिप में जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल और प्रधानमंत्री मोदी नजर आ रहे हैं। इस क्लिप में भी नरेंद्र मोदी एंजेला मर्केल की ओर हाथ मिलाने वाले अंदाज में हाथ बढ़ाते दिखते हैं और वह आगे की ओर जाने का इशारा कर देतीं हैं। पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “शी जिनपिंग ने मोदी जी से हाथ मिलाने से किया परहेज , – ब्रेकिंग न्यूज़। मोदी जी का इतना इंसल्ट देखा नहीं जा रहा है।भक्तो कुछ करो। कम से कम मीडिया में तो युद्ध शुरू करो।”
ऐसे अन्य पोस्ट यहाँ और यहाँ देखें।
Fact Check/Verification
दावे की जांच के लिए हमने संबंधित की-वर्ड्स गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें तस्वीर के साथ यह बताया गया है कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान दोनों ने हाथ मिलाया। इस विषय पर 24 अक्टूबर 2024 को बीबीसी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट का शीर्षक है, “मोदी और शी ने मिलाया हाथ, रिश्तों के पटरी पर लौटने की कितनी आस।” रिपोर्ट में लिखा है, “पांच साल से द्विपक्षीय रिश्तों में जमी बर्फ़ बुधवार को रूस के कज़ान में उस समय पिघली जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान गर्मजोशी से हाथ मिलाया।” अन्य मीडिया रिपोर्ट्स यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।
जांच में आगे हमने वायरल क्लिप के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें इस क्लिप का लंबा हिस्सा मिला जिसमें नजर आता है कि शी जिंगपिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज के आगे आकर हाथ मिलाने का इशारा करते हैं और फिर हाथ मिलाते हैं। एएनआई ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से 23 अक्टूबर 2024 को इस पूरे वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “Historic Handshake (ऐतिहासिक हाथ मिलाना)”
जांच में आगे हमने जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल और पीएम मोदी की क्लिप को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इस दौरान वायरल क्लिप का लंबा वीडियो हमें नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर सात साल पहले 30 मई 2017 को हुई लाइव स्ट्रीम में मिला। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ समझौतों और प्रेस वक्तव्यों का आदान-प्रदान किया।” इस वीडियो में 40 मिनट पर वायरल क्लिप वाला हिस्सा नजर आता है। एंजेला मर्केल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने-अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के सामने आने का इशारा करती हैं और फिर दोनों हाथ मिलाते हुए फोटो खिचवाते हैं।
Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि शी जिंगपिंग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने से परहेज करने का दावा फ़र्ज़ी है। प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस में हुए ब्रिक्स समिट के दौरान हाथ मिलाया था।
Result: False
Sources
Report published by BBC on 24th October 2024.
Video shared by ANI on 23rd October 2024.
LIVE Stream on Narendra Modi’s You-tube channel on 30th May 2017.
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