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Fact Check
कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवा कोरोनिल को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. गौरतलब है कि पतंजलि द्वारा उत्पादित कोरोनिल को योग गुरु रामदेव द्वारा दोबारा लांच किया गया था। लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी मौजूद थे। लॉन्चिंग के दौरान मंत्रीगण जहां बैठे थे उसके ठीक पीछे एक पोस्टर लगा था। जहां इस कोरोनिल दवा को Copp और WHO GMP द्वारा प्रमाणित बताया गया है।

इस लांचिंग के बाद सैकड़ों मीडिया संस्थानों ने कोरोनिल को WHO द्वारा प्रमाणित बताते हुए खबर प्रसारित व प्रकाशित की है।
इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी अपनी rajatsharama.in वेबसाइट पर 21 फरवरी साल 2020 को एक लेख प्रकाशित किया। जहां उन्होंने भी कोरोनिल को WHO द्वारा प्रमाणित बताया।

इसके साथ ही हमने पाया कि बीजेपी प्रवक्ता संजू वर्मा ने भी इस वायरल दावे को शेयर किया है।
Fact check/ Verification
सैकड़ों मीडिया संस्थानों तथा पतंजिल के संस्थापक रामदेव द्वारा कोरोनिल को, WHO द्वारा प्रमाणित बताये जाने वाली इस खबर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले गूगल पर कुछ कीवर्ड्स से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें ट्विटर पर पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण का एक ट्वीट मिला। जहां उन्होंने जानकारी दी है कि कोरोनिल को Drugs Controller General of India (DCGI) द्वारा प्रमाणित किया गया है। विश्व सवास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोनिल को ना ही प्रमाणित किया है और ना ही कोई आपत्ति जताई है।
इसके बाद हमें उनका एक और ट्वीट मिला। जहाँ उन्होंने बताया है कि करोनिल को CCP लाइसेंस, WHO GMP (Goods Manufacturing Practice) के मुताबिक ही मिला है।
अधिक जानकारी के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। जिसके बाद हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर छपा एक लेख मिला। जहां यह जानकारी दी गयी है कि कोरोनिल को WHO की योजना के तहत भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित किया गया है।

इसके बाद हमने यह जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजा कि WHO GMP क्या है?
WHO का GMP बेंचमार्क यह सुनिश्चित करता है कि दवाओं के उत्पादन की गुणवत्ता निरंतर मानकों के अनुसार है या नहीं। यह समीक्षा, परीक्षण, सत्यापन और समीक्षा के लिए प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि कर्मियों, परिसरों और सामग्री का दवा के लिए उपयोग करना सही है या नहीं। इसके साथ ही यह बेंचमार्क 100 से ज्यादा देशों के मेडिकल कानूनों में WHO के मुताबिक लागू होते हैं। अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें WHO south Aisa द्वारा ट्विटर पर किया गया एक पोस्ट मिला। जहां इस बात की जानकारी दी गयी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किसी भी दवा को कोरोना के लिए प्रमाणित नहीं किया गया है।
वायरल दावे की पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पतंजलि की कोरोनिल को मान्यता नहीं दी गई है। असल में कोरोनिल को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित किया गया है। जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया गया था।
https://www.who.int/teams/health-product-and-policy-standards/standards-and-specifications/gmp
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