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Fact Check: कश्मीर में पैलेट गन से घायल लड़के की सात साल पुरानी तस्वीर मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
पैलेट गन से घायल लड़के की यह तस्वीर मौजूदा किसान आंदोलन की है।
Fact
यह तस्वीर कश्मीर की है और करीब 7 साल पुरानी है।

सोशल मीडिया पर एक घायल युवक की तस्वीर वायरल है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में यह युवक घायल हो गया। युवक के चेहरे पर कई जगह जख्म नजर आ रहे हैं। हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर कश्मीर की है और करीब 7 साल पुरानी है। इसका संबंध शंभू बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन से नहीं है।

इस तस्वीर में दिख रहा है कि लड़के का चेहरा पैलेट गन की चोट से बुरी तरह ज़ख़्मी है और उसकी आँखें चोट के कारण लाल हैं। 23 फरवरी 2024 को एक एक्स पोस्ट में इस तस्वीर के साथ यह दावा किया गया है कि ‘ये तस्वीर किसान आंदोलन में घायल एक लड़के की है!

23 फरवरी 2024 के एक अन्य एक्स पोस्ट में इस तस्वीर को शंभू-खनौरी बॉर्डर का बताया गया है।

Courtesy: X/@Vndason

ज्ञात हो कि किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित 12 मुख्य मांगों को लेकर 13 फरवरी 2024 को पंजाब से दिल्ली के लिए कूच करने का ऐलान किया था। एक तरफ किसान अमृतसर दिल्ली-नेशनल हाईवे के रास्ते हरियाणा में घुसने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं अंबाला में शभुं बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जिससे किसान अभी पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर ही हैं। किसानों को काबू में करने और दिल्ली आने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और रबड़ की गोलियां छोड़ी हैं, लेकिन दूसरी तरफ किसान भी दिल्ली जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

Fact Check/Verification

इस दावे की जांच के लिए सबसे पहले हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें इस तस्वीर के साथ 24 सितंबर 2016 को न्यू इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में मिली जानकारी से यह स्पष्ट हो गया कि तस्वीर पुरानी है और हालिया किसान आंदोलन की नहीं है।

Courtesy: The New Indian Express

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस तस्वीर को कश्मीर का बताया गया है। कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने पर हमें साल 2016 में ही प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह तस्वीर मिली। 30 जुलाई 2016 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल विषय से जुड़ी रिपोर्ट में भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है।

14 जुलाई 2016 को इंडिया टाइम्स और 26 सितम्बर 2016 को इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट में भी यह तस्वीर देखने को मिलती है। दोनों ही रिपोर्ट्स में इस तस्वीर को कश्मीर का बताया गया है।

इन रिपोर्ट्स में इस तस्वीर का क्रेडिट एसोसिएटेड प्रेस को दिया गया है। विवरण में बताया गया है कि यह तस्वीर मोहम्मद इमरान पारे की है, जो एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पैलेट लगने से घायल हो गया था। यह तस्वीर alamy पर भी मौजूद है। यहां भी इसे कश्मीर का बताया गया है।

Courtesy: Indipendent

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि यह तस्वीर शंभू बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन की नहीं, बल्कि साल 2016 में कश्मीर में पैलेट गन से घायल हुए लड़के की है।

Result: False

Sources
Report published by New Indian Express on 24th September 2016.
Report published by Times of India on 30th July 2016.
Report published by Independent on 26th September 2016.
Report published by India Times on 14th July 2016.

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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