सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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Fact Check: मुस्लिम लड़कियों को लुभाने के संदर्भ में RSS ने नहीं जारी किया यह लेटर, फर्जी पोस्ट हुआ वायरल

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An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.

Claim
आरएसएस ने हिंदू युवाओं से अपील की है कि वह मुस्लिम लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फसाएं, उन से शारीरिक संबंध बनाएं, और उनसे शादी कर धर्म परिवर्तन करवाएं.
Fact
आरएसएस ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के हवाले से सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला लेटर काफी वायरल हो रहा है. लेटर के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू युवाओं से अपील की है कि वह मुस्लिम लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फसाएं, उनसे शारीरिक संबंध बनाएं, और उनसे शादी कर धर्म परिवर्तन करवाएं. लेटर में 12 बिंदुओं के सहारे मुस्लिम लड़की को ‘लुभाने’ की ट्रेनिंग दी गई है. लेटर में हिंदू लड़कों को आर्थिक सहायता देने की बात भी कही गई है.

मुस्लिम लड़कियों
Courtesy: Viral Post
मुस्लिम लड़कियों
Courtesy: Viral Post

लेटर के आखिर में अखिल भारतीय हिंदू समाज, बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों का नाम लिखा हुआ है. पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि आरएसएस में सार्वजनिक रूप से ऐसा करने की अपील की है. फेसबुक और ट्विटर पर दो पेज का यह लेटर काफी वायरल हो रहा है.

Fact Check/Verification

सबसे पहले हमने इस लेटर को ध्यान से पढ़ा. हमें इसमें व्याकरण की कई गलतियां मिली. जैसे कि ‘बजरंग दल’ को ‘बजरंग दिल’, ‘तलाशें’ को ‘तलाश’ लिखा गया है. हमने अलग-अलग कीवर्ड की मदद से इस लेटर के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें इसका जिक्र किया गया हो. आरएसएस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी इस तरह का कोई लेटर मौजूद नहीं है.

हमें 10 अप्रैल 2023 का VSK Bharat नाम के टि्वटर हैंडल का एक ट्वीट मिला. VSK Bharat, आरएसएस की मीडिया का कामकाज संभालने वाली एक संस्था है. संस्था के ट्विटर हैंडल से इस लेटर को फेक बताया गया है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने भी ट्वीट करते हुए बताया है कि सोशल मीडिया पर घूम रहा यह लेटर झूठा है.

इसके अलावा हमने आरएसएस के ट्विटर हैंडल से शेयर किए गए एक आधिकारिक लेटर की तुलना वायरल लेटर से की. अपना संदेश देने के लिए आरएसएस इसी लेटर हेड का इस्तेमाल करता है. हमने पाया कि वायरल लेटर में आरएसएस का लोगो अलग है. आधिकारिक लेटर के लोगो में ‘संघे शक्ति: कलोयुगे’ लिखा हुआ है जो वायरल लेटर में नहीं है.

मुस्लिम लड़कियों
Courtesy: Viral Post & RSS Tweet

लेटर की प्रमाणिकता को लेकर हमने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से भी बात की. मुंबई के एक वरिष्ठ पत्रकार हेमंत देसाई से हमारी बात हुई. हमने उनसे पूछा कि क्या आरएसएस लेटर जारी करके इस तरह की अपील कर सकता है.

देसाई का कहना था कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि आरएसएस इस तरह से प्रत्यक्ष रूप से ऐसी अपील करेगा. उनका कहना था कि वह आरआरएस की विचारधारा से भले सहमत नहीं है, लेकिन संगठन इस तरह से सीधे तौर पर लेटर जारी करेगा, ऐसा नहीं लगता. देसाई ने यह भी कहा कि इस तरह के लेटर समाज को भड़का सकते हैं इसलिए सरकार को इस तरह की चीजों को बढ़ने से रोकना चाहिए.

लेटर को लेकर आरएसएस को कवर कर रहे पत्रकार प्रकाश बलगोजी ने भी हमसे कहा कि यह लोगों को गुमराह करने के लिए बनाया गया है. लेटर में मौजूद व्याकरण की गलतियां, अलग लोगो, लिखने के तरीके आदि को देखकर उनका भी यही मानना है कि लेटर आरएसएस द्वारा जारी नहीं किया गया है.

Conclusion

हमारी जांच में निष्कर्ष निकलता है कि आरएसएस के नाम पर वायरल हो रहा यह लेटर फर्जी है. आरएसएस ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है.

Result: False

Our Sources
Tweets of VSK Bharat and Sunil Ambekar
Self Analysis
Quotes of journalists Hemant Desai and Prakash Balgoji

ये खबर मूलत: Newschecker Marathi में पब्लिश हुई है. ये खबर का हिंदी अनुवाद है.

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