Authors
Claim
उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूर की है यह तस्वीर।
Fact
इस तस्वीर का उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल मामले से कोई संबंध नहीं है। उत्तराखंड में फंसे सभी 41 मजदूरों को निकाल लिया गया है।
सोशल मीडिया पर एक वृद्ध व्यक्ति की तस्वीर वायरल है। पोस्ट को शेयर कर इसे उत्तराखंड की टनल में फंसे एक मजदूर का बताया जा रहा है। तस्वीर में हेलमेट लगाए एक वृद्ध मजदूर बड़ी दयनीय स्थिति में दिख रहे हैं। इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है ”चांद पर पहुंचने से क्या फायदा? यदि आप 10-15 दिनों तक सुरंग में फंसे मजदूरों तक नहीं पहुंच सकते? #utarkashi #terminal”
ज्ञात हो कि 12 नवंबर को सुबह 4 बजे उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल का एक हिस्सा ढह गया था, जिसके चलते 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गए थे। इन्हें 17 दिन बाद सुरंग से बाहर निकाला गया।
साथ ही अपनी जांच में हमने पाया कि जिन बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर को उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल ढहने के मामले से जोड़कर साझा किया जा रहा है, इसका सिल्क्यारा टनल मामले से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है।
Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने पर हमें BBC हिंदी द्वारा 28 नवंबर, 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि 17 दिन के इंतज़ार के बाद सुरंग से सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। इस रिपोर्ट को यहाँ पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च (Google reverse image search) किया। हमने पाया कि इस तस्वीर को 17 मई 2019 में ओपन ओफिशिअल (Open official) नामक फेसबुक अकाउंट द्वारा साझा किया गया था। साथ ही हमें एक दूसरे फेसबुक पेज क़ासिम सुल्तानी (Qasem sultani) पर 2 मई 2019 को साझा की गयी यही तस्वीर मिलती है। इसके साथ कैप्शन लिखा है कि ”सबसे दर्दनाक तस्वीर. चालीस साल के महाभियोग युद्ध की कहानी।”(“The most painful picture. A tale of forty years of impeachment war.”) साथ ही हमें यह तस्वीर एक अन्य फेसबुक पेज पर भी साझा की गयी मिली, जिसे यहाँ देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान मिले सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह जानकारी नहीं दी गई है कि यह तस्वीर किस जगह की है। क्योंकि यह तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है तो इससे यह साफ़ हो जाता है कि इस तस्वीर का नवंबर 2023 में हुए उत्तराखंड टनल मामले से कोई वास्ता नहीं हैं।
Conclusion
इस तरह हमारी जाँच में यह स्पष्ट है कि वायरल हो रही यह तस्वीर उत्तराखंड के सुरंग ढहने की घटना से सम्बंधित नहीं है। हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं पाए कि यह तस्वीर कहां की है, लेकिन वर्षों पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है।
Result: Missing Context
Our Sources
Report published by BBC on the rescue of workers from Uttarakhand tunnel, dated November 28,2023.
Facebook Posts, 2019/2020
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