शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

HomeFact CheckRepost | Father of Nation महात्मा गांधी की जयंती पर ख़ास, पढ़ें...

Repost | Father of Nation महात्मा गांधी की जयंती पर ख़ास, पढ़ें उनके बारे में फैलाई गईं फ़ेक ख़बरों का फैक्ट चेक

Authors

Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में एक बच्चे ने जन्म लिया, कौन जानता था कि गुजरात के एक तटीय इलाके में जन्मा ये बच्चा विश्वभर में महात्मा (Father of Nation महात्मा गांधी) के नाम से जाना जाएगा। मोहनदास करमचंद गांधी, महज़ एक नाम नहीं है बल्कि एक विचारधारा है जो आज भी हमारे देश के युवाओं को प्रेरित करती है।

ऐसा नहीं है कि उनकी विचारधारा से कोई असहमत नहीं हुआ। चाहे वो गोडसे हो या आज के ट्रोल किसी किसी तरह महात्मा गांधी को गलत साबित करने की कोशिश करते रहते हैं, यही वजह है कि महात्मा गांधी के नाम पर जाने कितनी अफवाहें, फेक तस्वीरें सोशल मीडिया पर पाई जा सकती हैं।

महात्मा गांधी से जुड़ी कुछ ऐसी ही फेक तस्वीरें और बातें जो फैलाई गई हैं, आप नीचे पढ़ सकते हैं

1. बंटवारे के बाद पाकिस्तान को 55 करोड़ रू. भेजने के लिए महात्मा गांधी ने किया था आमरण अनशन

देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान को 75 करोड़ रू. की राशि दी जानी थी। जिसमें से 20 करोड़ दिए जा चुके थे। इससे पहले की शेष राशि पाकिस्तान भेजी जाती, कश्मीर में अलगाववादियों ने पाकिस्तानी सेना की मदद से हमला कर दिया। जिसके बाद भारतीय सरकार ने इस रकम को रोक लिया। उधर बंटवारे के दौरान सरहदों पर हुए कत्लेआम की आंच दिल्ली तक पहुंची और हालात तनावपूर्ण हो गए। महात्मा गांधी तभी कलकत्ता से लौटे थे और उन्हें पंजाब रवाना होना था लेकिन दिल्ली के हालात देखते हुए उन्होंने यहीं रुकने का फैसला किया और राज्य में शांति और सद्भाव  के लिए अनशन पर बैठ गए। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान को बकाया 55 करोड़ रु. महात्मा गांधी के अनशन के दौरान ही भेजे गए थे।

2. मरने से पहले कांग्रेस को भंग करना चाहते थे महात्मा गांधी

ये सच है कि अपने आखिरी पत्र में महात्मा गांधी ने कांग्रेस को भंग करने की बात कही थी। लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों कहा इसे जानना ज़रूरी है। देश को आज़ादी मिलने के बाद 29 जनवरी 1948 को लिखे इसे पत्र में गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस संगठन को जिस उद्देश्य से बनाया गया था वो पूरा हो चुका है और अब वक्त गया है कि इसे भंग कर एक लोक सेवक संघ में तब्दील किया जाए। महात्मा गांधी चाहते थे कि ये संघ पंचायत, सामाजिक विकास, शिक्षा और जन कल्याण के लिए काम करे।

Father of Nation महात्मा गांधी

3. भगत सिंह की फांसी रोकने के लिए महात्मा गांधी ने नहीं किया ज्यादा प्रयास

यह सही है कि महात्मा गांधी भगत सिंह जैसे युवाओं की ‘अंग्रेज़ों को उन्हीं की भाषा में जवाब देनें’ की नीति से सहमत नहीं थे लेकिन वो यह भी जानते थे कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी होने से देश के युवाओं में आक्रोष बढ़ेगा। 1930 में महात्मा गांधी ने वायसरॉय को पत्र लिख कर लाहौर मामले में क्रांतिकारियों का ट्रायल एक स्पेशल ट्रिब्यूनल के जरिए किए जाने की आलोचना की थी। जनवरी 1931 में भी उन्होंने इलाहाबाद में कहा था कि भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी की सज़ा गलत है। हालांकि गांधी-इरविन पैक्ट से पहले उन्होंने भगत सिंह की फांसी रद्द करने की शर्त नहीं रखी थी पर 18 फरवरी को उन्होंने भगत सिंह की फांसी का मुद्दा एक बार फिर उठाया था। 23 मार्च 1931 को भी उन्होंने फांसी रोकने की अपील करते हुए एक पत्र लिखा था जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।

Father of Nation महात्मा गांधी
Letter By Mahatma Gandhi

4. फ़िरोज़ खान से शादी करवाने के लिए महात्मा गांधी ने लिया था उन्हें गोद

फिरोज़ एक पारसी परिवार से आते थे उनके पिता का नाम जहांगीर गांदी था। उनके उपनाम का उच्चारण कब, क्यों और कैसे बदला इसके बारे में कहीं भी सटीक जानकारी मौजूद नहीं है हालांकि कहा जाता है कि फिरोज़ महात्मा गांधी से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने अपने उपनाम में छोटा सा बदलाव कर उसे ‘गांधी’ कर लिया था। लेकिन इतना कहा जा सकता है कि महात्मा गांधी ने उन्हें गोद नहीं लिया था, ये केवल एक अफवाह भर है।

5. क्या महात्मा गांधी ने कहे थे ये शब्द:

“First they ignore you, then they laugh at you, then they fight you, then you win”

पहले वह आपकी उपेक्षा करते हैं, फिर वह आप पर हंसते हैं, फिर वह आपसे लड़ते हैं और फिर आप जीत जाते हैं, यह शब्द महात्मा गांधी के नाम पर अक्सर शेयर किए जाते हैं। दरअसल 1982 से इस कहावत को महात्मा गांधी के नाम से शेयर किया जा रहा है। बिल्कुल यही शब्द 1914 में अमेरिकी यूनियन लीडर निकोलस क्लेन ने अपने भाषण में भी कहे थे। हो सकता है कि महात्मा गांधी के शांति और अहिंसा के विचारों की वजह से यह कहावत उनके नाम से शेयर की जाने लगी।

6. क्या एक इंटरव्यू में महात्मा गांधी ने विदेशी सभ्यता को एक अच्छा विचार बताया?

What do you think of Western Civilisation?”

Gandhi: “I think it would be a good idea.

एक इंटरव्यू में पूछा गया ये सवाल महात्मा गांधी की हत्या के 20 साल बाद सामने आया। हालांकि गांधी जी ने ऐसा कहा हो इसके कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं। सबसे पहले इसका जिक्र 1967 में आई CBS डॉक्यूमेंट्री में मिलता है इसमें भी महात्मा गांधी ऐसा कहते हुए दिखाई नहीं दिए। आगे चलकर इस सवाल और गांधी जी के जवाब को कई बार छापा गया। The Quote Verifier की माने तो ऐसा कोई भी वीडियो या इंटरव्यू मौजूद नहीं है जिसमें महात्मा गांधी ने ऐसा कहा हो।

7. दलाई लामा के साथ महात्मा गांधी

महात्मा गांधी से जुड़ी फ़ेक ख़बरें

हैरानी वाली बात है कि जब महात्मा गांधी और दलाई लामा कभी मिले ही नहीं तो उनकी ये तस्वीर कैसे संभव है? दरअसल ये तस्वीर दो तस्वीरों को फोटोशॉप कर बनाई गई है। महात्मा गांधी की ये तस्वीर 10, डाउनिंग स्ट्रीट लंदन की है जो कि साल 1931 में ली गई थी जबकि दलाई लामा का जन्म ही 1935 में हुआ है।

Mahatma Gandhi 10 downing street
Courtesy: Alamy

Dalai Lama Childhood

8. नाथुराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या से पहले

महात्मा गांधी से जुड़ी फ़ेक ख़बरें

ये तस्वीर दरअसल 1963 में आई फिल्म Nine Hours To Rama का एक दृश्य है जिसमें एक जर्मन कलाकार ने नाथुराम गोडसे का किरदार निभाया था।

9. महिला के साथ हंसते महात्मा गांधी

Mahatma Gandhi getting intimated with a woman

महिला के साथ महात्मा गांधी की ये तस्वीर असली नहीं बल्कि फोटोशॉप द्वारा एडिट की गई है। असली तस्वीर में गांधी किसी महिला के साथ नहीं बल्कि जवाहर लाल नेहरू के साथ बैठकर हंस रहे हैं।

Mahatma Gandhi with Jawaharlal Nehru

10. महिला का हाथ पकड़कर नाचते महात्मा गांधी

Mahatma Gandhi Dancing with a lady

इस तस्वीर को ध्यान से देखने पर ही पता चल जाता है कि तस्वीर में दिख रहे शख्स की कदकाठी ही नहीं बल्कि चप्पल भी महात्मा गांधी से बिल्कुल अलग है।

लंदन में महात्मा गांधी
Courtesy: Getty Images

हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं, 30 जनवरी 1948 को नाथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। गांधी जी को उनके नाम के आगे महात्मा जोड़ना पसंद नहीं था। उन्होंने अहिंसा की राह पर चल कर देश को न सिर्फ आज़ादी दिलाई बल्कि जातिवाद को भी खत्म करने की पूरी कोशिश की। 

Sources
MKGandhi.Org
GANDHI SEVAGRAM ASHRAM



किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें

Authors

Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

Preeti Chauhan
Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

Most Popular