Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact Check
Claim
देवरिया में अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी गयी और दलितों को पीटा गया।
Fact
यह घटना पांच वर्ष पुरानी है। हालिया लोकसभा चुनाव नतीजों से इसका कोई संबंध नहीं है।
‘मुस्लिमों की भीड़ ने अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी, दलितों को पीटा’ हेडलाइन के साथ एक अखबार की कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस घटना को हालिया बताते हुए इसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को वोट देने का नतीजा बताया जा रहा है।
एक्स पोस्ट में दलितों की पिटाई और अम्बेडकर की मूर्ति को तोड़ने की घटना की खबर की कटिंग को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “जय भीम जय मीम, देवरिया में रहमत अली ने एक दलित युवती को छेड़ा विरोध करने पर मुस्लिमो ने दलितों को पीटा साथ मे बाबा साहेब की मूर्ति भी तोड़ दी। अब सोच रहे हो कि काहे सायकिल को वोट दिया??” एक्स पोस्ट का आर्चवे यहाँ देखें।
ऐसे अन्य पोस्ट यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।
Fact Check/Verification
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल पोस्ट में नजर आ रही अखबार की कटिंग को रिवर्स गूगल इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें 17 फरवरी 2020 को इसी अख़बार की काटिंग के साथ शेयर हुआ एक ट्वीट पोस्ट मिला, जिसे यहाँ देखा जा सकता है। जांच के दौरान हमें अमर उजाला की समान रिपोर्ट के साथ 24 दिसंबर 2019 का भी एक ट्वीट पोस्ट मिला। इससे यह स्पष्ट हो गया की यह खबर हालिया नहीं है।
जांच के दौरान हमें अखबार की क्लिपिंग पर अमर उजाला का नाम लिखा नज़र आया। अब हमने अमर उजाला और संबंधित की-वर्ड के साथ इससे जुड़ी रिपोर्ट खोजी। परिणाम में हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर यह खबर 21 अप्रैल 2019 को प्रकाशित नज़र आयी।
अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना गौरी बाजार के करजहा गांव के महुवा क्षेत्र में हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, गौरीबाजार के करजहां गांव के महुअवा टोले में अनुसूचित जाति के लोगों की बस्ती है। इस गांव के ही एक अन्य टोले से दूसरे वर्ग के एक युवक ने अनुसूचित बस्ती के एक घर में घुसकर एक किशोरी के साथ छेड़खानी की। जब किशोरी के शोर मचाने पर घरवालों की नींद खुली और परिवार के लोगों ने उसे दौड़ाया तो वह अगले दिन दर्जन भर युवकों के साथ लाठी-डंडे से लैस होकर पहुंचा और किशोरी समेत घर वालों की पिटाई की। शोर सुनकर मोहल्ले के लोग जुटे तो उन्हें भी दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। करीब एक घंटे तक यह उत्पात मचाने के बाद लौटते समय बस्ती में लगी अम्बेडकर की प्रतिमा भी तोड़ दी। इस घटना में किशोरी, उसकी मां, एक दिव्यांग समेत करीब 20 लोग घायल हो गए।
पढ़ें: Fact Check: नमाज़ अदा करते हुए चंद्रबाबू नायडू का यह वीडियो 6 साल पुराना है
Conclusion
इस प्रकार हमारी जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल अखबार की कटिंग पांच वर्ष पुरानी घटना की है। अप्रैल 2019 में हुई इस घटना का संबंध हालिया लोकसभा चुनाव नतीजों से नहीं है।
Result: Missing Context
Sources
X posts from 2019 and 2020.
Report published by Amar Ujala on 21st April 2019.
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें: https://whatsapp.com/channel/0029Va23tYwLtOj7zEWzmC1Z
Komal Singh
April 24, 2025
Vasudha Beri
April 17, 2025
Komal Singh
April 16, 2025