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Fact Check
महिलाओं के चेंजिग रूम में कैमरा लगाने पर लोगों ने गाजियाबाद में साधुओं की पिटाई कर दी.
नहीं, यह वीडियो पश्चिम बंगाल के पुरुलिया का है.
सोशल मीडिया पर कुछ साधुओं को पीटे जाने का वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि महिलाओं के चेंजिग रूम में कैमरा लगाने पर लोगों ने गाजियाबाद में साधुओं की पिटाई कर दी .
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो 11 जनवरी 2024 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में ग़लतफ़हमी की वजह से गंगासागर जा रहे साधुओं पर हमले का है.
वायरल वीडियो 25 सेकेंड का है, जिसमें भीड़ कुछ साधुओं पर बेरहमी से हमला करती हुई दिखाई दे रही है. इस दौरान साधुओं की दाढ़ी पकड़कर भी उनपर हमला किया जा रहा है.
वीडियो को X पर वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “गाजियाबाद में मुरादनगर गंगनहर पर मंदिर के बाहर चेंजिंग रूम है. इसमें CCTV कैमरा लगा मिला है. कैमरे की Live फीड महंत मुकेश गोस्वामी के मोबाइल पर थी. महंत के मोबाइल से पुलिस को महिलाओं के कपड़े बदलते हुए कई क्लिप मिली हैं. महंत पर FIR दर्ज, महंत हुआ फरार”.

गाजियाबाद में साधुओं की पिटाई के दावे से वायरल इस वीडियो की पड़ताल में कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय के X अकाउंट से 13 जनवरी 2024 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला. वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में इसे पश्चिम बंगाल का बताया गया था.

ऊपर मिली जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें केंद्रीय मंत्री डॉ सुकांत मजुमदार के X अकाउंट से 12 जनवरी 2024 को पोस्ट किए गए कई वीडियो मिले, जो इसी घटना से संबंधित थे. वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में बताया गया था कि गंगासागर जा रहे साधुओं के साथ पुरुलिया में मारपीट की गई और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए. इसके अलावा, कैप्शन में उन्होंने इस घटना का जिम्मेदार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को ठहराया था.

जांच में हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट ईटीवी भारत की वेबसाइट पर 13 जनवरी 2024 को प्रकाशित मिली. इस रिपोर्ट में मौजूद वीडियो में पीड़ित साधु और पुरुलिया से सांसद ज्योतिर्मय महतो का बयान भी मौजूद था.

रिपोर्ट में बताया गया था कि 11 जनवरी को पुरुलिया के काशीपुर थाना क्षेत्र के गौरांगडीह गांव में स्थानीय लोगों ने लड़की का पीछा करने और अपहरण करने वाला समझकर उत्तर प्रदेश के साधुओं के साथ मारपीट की थी. हालांकि, साधुओं ने इसका खंडन करते हुए कहा कि भाषा की समझ नहीं होने के कारण कुछ लड़कियां डर गईं, जिसके बाद ग़लतफ़हमी की वजह से उनके साथ मारपीट की गई. बाद में घटना की जानकारी मिलने पर काशीपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और साधुओं को भीड़ से बचाकर थाने लाया गया.
इसके अलावा, हमें 13 जनवरी 2024 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भी प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी बताया गया था कि उत्तर प्रदेश के तीन साधु मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे थे. इसी दौरान पुरुलिया के गौरांगडीह के पास तीन लड़कियां पास के काली मंदिर में पूजा करने के लिए जा रही थीं. साधुओं की गाड़ी इनके पास जाकर रूकी और उन्होंने कुछ पूछा. भाषा की वजह से लड़कियों को ग़लतफ़हमी हुई और उन्हें लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं और वे वहां से चिल्लाते हुए भागने लगीं.

इसके बाद स्थानीय लोगों ने साधुओं को पकड़ लिया और उनसे पूछताछ की. इसी दौरान लोगों ने उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की और उनके साथ मारपीट भी की. हालांकि, बाद में पुलिस ने आकर साधुओं को बचाया और उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया था.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि गाजियाबाद में साधुओं की पिटाई के दावे से वायरल यह वीडियो असल में जनवरी 2024 में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में साधुओं पर हुए हमले का है.
Our Sources
Video Posted by Amit Malviya X account on 13th Jan 2024
Video Posted by Dr Sukanta Majumdar X account on 12th Jan 2024
Article Published by ETV Bharat on 13th Jan 2024
Article Published by Dainik Bhaskar on 13th Jan 2024
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