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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग को शेयर कर दावा किया गया है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में बिजली संकट को लेकर कहा है कि जब वोट उन्हें नहीं दिया तो उनसे बिजली की उम्मीद क्यों कर रहे हैं।
दावे का सच जानने के लिए हमने अखबार की कटिंग को ध्यान से देखा। अखबार की कटिंग में हर जगह हेमंत सोरेन को बरहेट का विधायक बताकर संबोधित किया गया है। कहीं भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं लिखा गया है, जबकि झारखंड में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
इसके बाद हमने ‘बरहेट विधायक हेमंत सोरेन बिजली’ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दैनिक जागरण द्वारा 21 मई 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में कुछ छात्रों के एक समूह ने अपने क्षेत्र में बिजली समस्या को लेकर बरहेट के विधायक हेमंत सोरेन का घेराव किया। बतौर रिपोर्ट, छात्र नेता मोहम्मद सद्दाम ने एक सप्ताह से क्षेत्र में बिजली नहीं होने की बात कही थी और इसी मसले को लेकर छात्र सोरेन से बातचीत करने गये थे। छात्रों की समस्या पर जवाब देते हुए विधायक हेमंत सोरेन ने कहा था कि बरहेट के लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया तो बिजली रहे या न रहे इससे उन्हें कोई मतलब नहीं।
अखबार की वायरल कटिंग में प्रकाशित रिपोर्ट और दैनिक जागरण द्वारा 21 मई 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट दोनों एक हैं। इस तरह स्पष्ट है कि वायरल अखबार की कटिंग पांच साल पुरानी है, जिसे अभी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है। यह खबर उस समय की है जब हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री नहीं थे।
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Salman
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