Authors
Claim
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन गया है।
Fact
नहीं, यह दावा गलत है।
22 सितंबर 2024 को 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद सोशल मीडिया पर यह दावा वायरल है कि भारत वीटो पावर के साथ यूएनएससी का स्थायी सदस्य बन गया है। सोशल मीडिया पर भारत की इस उपलब्धि की सराहना हो रही है और लोग ‘बधाई’ जैसे संदेश साझा कर रहे हैं। हालाँकि, जांच में न्यूज़चेकर ने पाया कि यह दावा गलत है।
कई फेसबुक और एक्स यूजर्स ने दावा किया है कि भारत को वीटो पावर के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्रदान की गई है। 6 अक्टूबर के फेसबुक पोस्ट (आर्काइव) में लिखा गया है, “बधाई ” भारत को मिला विटो पावर ” विश्व के 180 देशो ने किया भारत का समर्थन, चायना का विरोध पडा ठंडा, भारत का दशको पुराना सपना हुवा पूरा। ये है – भारत सुपर पावर ।”
एक अन्य फेसबुक पोस्ट (आर्काइव) में करीब 12 मिनट के एक वीडियो के साथ यह दावा किया गया है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिल गई है। ऐसे अन्य पोस्ट यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।
यह दावा हमें हमारी व्हाट्सएप टिप-लाइन (9999499044) पर भी प्राप्त हुआ है।
वीटो पावर क्या है?
वीटो का अधिकार किसी भी इकाई/व्यक्ति को किसी भी कार्रवाई/निर्णय को अस्वीकार करने या मना करने के लिए सक्षम बनाता है। वीटो शक्ति वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य किसी भी प्रस्ताव/निर्णय पर अपने अधिकार का प्रयोग कर उसे स्वीकृत होने से रोक सकते हैं।
Fact Check/Verification
दावे की पड़ताल के लिए हमने “भारत”, “संयुक्त राष्ट्र”, “वीटो शक्ति” और “स्थायी सदस्य” जैसे कीवर्ड को गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें कहा गया हो कि भारत को ऐसा दर्जा दिया गया है।
इसके बाद हमने संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल को भी खंगाला। लेकिन वायरल दावे की पुष्टि करता कोई पोस्ट नहीं मिला।
अब हमने गूगल पर “यूएन वीटो पावर” सर्च किया, जो हमें संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट पर “ वोटिंग सिस्टम ” सेक्शन तक ले गया। “वीटो के अधिकार” सेक्शन के अंतर्गत लिखा है, “संयुक्त राष्ट्र चार्टर के निर्माताओं ने यह कल्पना की थी कि पाँच देश – चीन, फ्रांस, सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ (USSR) (1990 में रूसी संघ], यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका – संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं के कारण, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।”
यहाँआगे कहा गया है कि, “उन्हें सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य राज्यों का विशेष दर्जा दिया गया, साथ ही एक विशेष मतदान शक्ति भी दी गई जिसे “वीटो का अधिकार” कहा जाता है।”
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में 15 सदस्य होते हैं – पांच स्थायी सदस्य जिनके पास वीटो शक्ति होती है (जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है) और दस अस्थायी सदस्य जो महासभा द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान अस्थायी सदस्यों की सूची नीचे दी गई है:
- एलजीरिया
- इक्वेडोर
- गुयाना
- जापान
- माल्टा
- मोज़ाम्बिक
- कोरियान गणतन्त्र
- सेरा लिओन
- स्लोवेनिया
- स्विट्ज़रलैंड
गौरतलब है कि अमेरिका , ब्रिटेन और फ्रांस जैसे कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया है, लेकिन इस लेख के लिखे जाने तक ऐसा कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है, जो यह साबित करे कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाकर वीटो शक्ति देने का निर्णय लिया गया है।
Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं बना है। वायरल दावा फर्जी है।
Result: False
Sources
Official Website Of United Nations
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