Crime
दुकान पर हमले के आरोपियों को हिरासत में लेती बांग्लादेशी सेना का पुराना वीडियो, भारत का बताकर फर्जी दावे से वायरल
Claim
वायरल वीडियो भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई का है.
Fact
नहीं, यह वीडियो भारत का नहीं है.
एक दुकान में तोड़फोड़ करते दो लोगों को वर्दीधारियों द्वारा रोकने और गिरफ्तार किए जाने का वीडियो भारतीय सेना का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फर्जी है और यह वीडियो बांग्लादेश के फरीदपुर में एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर हमला कर रहे दो लोगों को बांग्लादेश की सेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने का है.
वायरल वीडियो करीब 52 सेकेंड का है, जिसमें दो लोग धारदार हथियार से एक घर पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी दौरान कुछ वर्दीधारी जवान वहां पहुंचते हैं और दोनों को सरेंडर करने के लिए कहते हैं. इसके बाद उनको लेकर चले जाते हैं.
वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर भारतीय सेना के दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है.

इसके अलावा, यह वीडियो इसी तरह के कैप्शन के साथ फेसबुक पर भी शेयर किया गया है.

Fact Check/Verification
भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई का बताकर वायरल हो रहे इस वीडियो की पड़ताल में कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट के यूट्यूब अकाउंट से 17 अगस्त 2024 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट मिली, जो वायरल वीडियो का लंबा वर्जन था.

करीब 3 मिनट के इस वीडियो रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि एक दुकान में तोड़फोड़ कर रहे दो लोगों से पहले तो वर्दीधारी लोग सरेंडर करवाते हैं और और फिर उन दोनों को अपने वाहन में बिठाकर ले जाते हैं. वीडियो में एक शख्स का बयान भी मौजूद है, जो यह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि गाड़ी से आए दो लोगों ने हमला किया. वीडियो के टाइटल में लिखा हुआ था, “दुकानों में तोड़फोड़ और दंगों के दौरान बांग्लादेश सेना पहुंची”.
इसके अलावा, हमें ढाका ट्रिब्यून की वेबसाइट पर 18 अगस्त 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य मौजूद थे. रिपोर्ट में बताया गया था कि बांग्लादेश के फरीदपुर जिले में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े संजय साहा के व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर हमले के आरोप में बांग्लादेश आर्मी ने दो हमलावरों को हिरासत में लिया था. इसके बाद बोअलमारी पुलिस स्टेशन में इस मामले में केस भी दर्ज किया गया था.

जांच में हमें इससे जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट ढाका पोस्ट की वेबसाइट पर मिली, जिसमें बताया गया था कि यह घटना फरीदपुर के बोअलमारी में 14 अगस्त 2024 को घटी थी.

रिपोर्ट में बताया गया था कि 14 अगस्त, 2024 को बीएनपी से ही जुड़े एक नेता शमशुद्दीन मियां परचा दाखिल करने जा रहे थे, तभी उनके ऊपर हमला हो गया था. इस हमले का आरोप उसी इलाके से अन्य बीएनपी नेता नसिरुल इस्लाम पर लगा था. हमले के विरोध में कुछ लोगों ने नसिरुल इस्लाम के समर्थक संजय साहा के कार्यालय पर हमला कर दिया था, जिसमें संजय साहा और उसके दो बेटे घायल हो गए थे.
घटना के बाद संजय साहा ने बोअलमारी पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बोअलमारी पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज शाहिदुल इस्लाम का भी बयान मौजूद था, जिसमें उन्होंने बताया था कि संजय साहा के इस मामले में आर्मी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों को 15 अगस्त को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई का बताकर वायरल हो रहा यह वीडियो, असल में बांग्लादेशी सेना द्वारा अगस्त 2024 में की गई एक कार्रवाई का है.
Our Sources
Video Report by ATN News Live on 17th Aug 2024
Article Published by Dhaka Tribune on 18th Aug 2024
Article Published by Dhaka Post on 17th Aug 2024
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