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इंडोनेशिया की करेंसी पर नहीं छपी है भगवान गणेश की तस्वीर, भ्रामक दावा वायरल

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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक नोट की तस्वीर के जरिए दावा किया गया है कि इंडोनेशिया की करेंसी पर भगवान गणेश की तस्वीर छपी है। 

Courtesy: Twitter@Saurabh_MLAgk
Courtesy: Scoop Whoop Hindi
Courtesy:Facebook/Sanjeev Jha

दरअसल, बीते दिनों दिल्ली के सीएम और ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी के अलावा लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर छापने की मांग की है। इसी के साथ ही केजरीवाल ने इंडोनेशिया का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था कि इंडोनेशिया जैसे 85 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले देश में नोट पर भगवान गणेश की फोटो लग सकती है तो ऐसा हम भी कर सकते हैं। उन्होंने आज पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर भारतीय नोटों पर भगवान गणेश और लक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग की है। 

इसी बीच सोशल मीडिया पर आप के कई नेताओं सहित कई यूजर्स ने ट्वीट कर दावा किया कि इंडोनेशिया की करेंसी पर गणेश की तस्वीर छपी होती है। 

Fact Check/Verification

वायरल तस्वीर में जो नोट है, उसमें एक तरफ गणेश जी की फोटो है तो वहीं नोट के आगे साइड में ‘हजर देवन्तरा’ की फोटो लगी है। देवन्तरा को इंडोनेशिया के शिक्षा जगत में किए गए उनके योगदान के लिए जाना जाता है।

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया। हमें 27 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित हुई बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया ने गणेश जी की तस्वीर वाले नोट को वर्ष 1998 में जारी किया गया था, जिसकी थीम शिक्षा थी। लेकिन अब ये नोट चलन में नहीं है। इस रिपोर्ट में बीबीसी इंडोनेशिया की पत्रकार अस्तूदेस्त्रा अजेंगरास्त्री के हवाले से बताया गया है कि गणेश जी को इंडोनेशिया में कला, बुद्धि और शिक्षा का भगवान माना जाता है। 

यह जानने के लिए कि इंडोनेशिया में गणेश जी की तस्वीर वाली नोट का चलन कब से बंद हुआ, हमने Bank Indonesia की वेबसाइट सर्च किया। वहां हमें एक प्रेस रिलीज मिली। जिसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2008 में वहां हजर देवन्तरा और गणेश जी की फोटो वाली 20,000 IDR नोट के अलावा, तीन अन्य रूपियाह नोटों को भी चलन से बाहर कर दिया गया था। Bank Indonesia के मनी सर्कुलेशन विभाग के डिप्टी गवर्नर एस. बुडी रोचाडी के हवाले से लिखा गया है कि इंडोनेशिया बैंक नोटो के सर्कुलेशन की समय सीमा और लेन देन संबंधी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रूपियाह बैंक नोटों को समय-समय पर वापस लेता है।

इसके अलावा, प्रेस रिलीज में बताया गया है कि नोटो के चलन में बाहर होने के बाद जिनके पास ये नोट हों, वे दिसंबर 2018 तक बैंकों में जाकर एक्सचेंज कर सकते हैं। 30 दिसंबर 2018 के बाद से ये नोट प्रभावी नहीं होंगे यानी वे लीगल टेंडर नहीं होंगे।

इस बात की तस्दीक करते हुए हमें Mintage World द्वारा 2018 में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, बैंक इंडोनेशिया ने वहां के नागरिकों से चलन से बाहर किए गए नोटों को बदलवाने की अपील की है। रिपोर्ट के अनुसार, इन नोटों को बदलने की समय सीमा 30 दिसंबर 2018 निर्धारित की गई थी।

Courtesy: Mintage World

पड़ताल के दौरान हमने 20,000 IDR नोट के वर्तमान स्वरूप का भी पता किया। मौजूदा नोट में गणेश जी की तस्वीर नहीं लगी है। Bank Indonesia की वेबसाइट के अनुसार, 2022 में जारी किए गए इस नोट में इंडोनेशिया के सुलावेसी प्रांत के पहले गवर्नर सैम रताउलांगी की तस्वीर लगी है। 

Courtesy: Bank Indonesia

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Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि इंडोनेशिया की करेंसी पर वर्तमान समय में गणेश जी की तस्वीर लगी होने का दावा भ्रामक है। गणेश जी की तस्वीर 1998 में नोटों पर लगी थी, जिसे 10 साल बाद प्रचलन से बाहर कर दिया गया था।  

Result: Partly False

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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Shubham Singh
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

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