शनिवार, नवम्बर 2, 2024
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वीडियो में दिख रहा व्यक्ति क्या एनकाउंटर के डर से पुलिस की गाड़ी में बैठने से कर रहा है इनकार?

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

डर देख रहे हो ! अपराधी पैदल चलने को तैयार है, कह रहा है कि “हम गाड़ी में ना बैठब , पैदल चलब गाड़ी पलट जाई।”

कानपुर में विकास दुबे द्वारा पुलिस के कई जवानों की हत्या किये जाने के बाद यूपी में एनकाउन्टर का दौर जारी है। इसी कड़ी में पुलिस की टीम ने विकास दुबे को भी ढेर कर दिया है। हालाँकि विकास दुबे के एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया है जो 31 जुलाई को रिपोर्ट सौंपेगा। इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा है कि यूपी में पुलिस के खौफ से अपराधी डरे हुए हैं। खौफ ऐसा है कि अपराधी अब पुलिस की गाड़ियों में एनकाउंटर के डर से बैठना नहीं चाहते हैं।

ट्विटर पोस्ट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

पत्रकार प्रदीप भंडारी ने भी इसी वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए यूपी में एनकाउंटर के डर से अपराधियों में खौफ की बात कही है।

ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहाँ देखा जा सकता है।

इस दावे को कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया है।

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फैक्ट चेक:

कानपुर के बिकरू गांव में गैंगेस्टर विकास दुबे पर दबिश देने गई पुलिस टीम की सामूहिक हत्या का आरोपी विकास दुबे कथित एनकाउंटर में मारा गया। इसके साथ उसके गिरोह के कई आरोपियों को भी पुलिस ने मौत के घाट उतार दिया है। इसी को लेकर कई सोशल मीडिया यूजर्स तमाम तरह के दावे कर रहे हैं। एक वीडियो के माध्यम से कुछ यूजर्स ने दावा किया है कि यूपी में बदमाशों के अंदर ऐसा डर बैठ गया है कि वे पुलिस की गाड़ी में बैठना ही नहीं चाहते। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अपराधी गाड़ी में बैठने से अच्छा पैदल ही थाने तक पहुंचना चाह रहे हैं। वायरल हो रही वीडियो की सत्यता जानने के लिए सबसे पहले invid टूल के माध्यम से क्लिप को कई कीफ्रेम में बदलते हुए गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से खोजना शुरू किया। इस दौरान वायरल दावे से सम्बंधित कुछ कीवर्ड्स की भी मदद ली। खोज के दौरान कुछ ऐसा हाथ नहीं लगा जिससे वीडियो की प्रमाणिकता साबित हो सके।

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वीडियो की सटीक जानकारी के लिए कुछ अन्य कीवर्ड्स के माध्यम से खोजने पर हमें एक यूट्यूब वीडियो प्राप्त हुआ। यह वीडियो साल 2015 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया है। चैनल पर अपलोड किये गए वीडियो का ही एक हिस्सा इस समय अलग-अलग दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

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https://www.youtube.com/watch?v=-6G0D1xwV0E


साल 2015 में ही वीडियो का इंटरनेट पर मौजूद होना इस बात की तरफ इशारा करता है कि तब सूबे में बीजेपी की सरकार नहीं थी। उस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे। अपलोड किये गए वीडियो के कैप्शन में साफ किया गया है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा व्यक्ति गोण्डा नगरपालिका का अध्यक्ष निर्मल श्रीवास्तव है।

ज्यादा जानकारी के लिए कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालने पर दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक गणेश विसर्जन के दौरान सूबे के तत्कालीन राज्य मंत्री पंडित सिंह और नगर पालिका अध्यक्ष के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की हो गई। इस दौरान वहां मौजूद पीएससी और पुलिस के जवानों ने नगर पालिका अध्यक्ष और उनके समर्थकों पर लाठी चार्ज कर अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया। यह पूरा मामला साल 2015 में घटित हुआ था।

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हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि वायरल वीडियो 5 साल पुराना है। तब सूबे में योगी की सरकार नहीं थी। यह वीडियो यूपी के गोंडा का है और गिरफ्तार हो रहा व्यक्ति एनकाउंटर के डर से पुलिस जीप में नहीं बैठ रहा यह भी साफ नहीं है। साथ ही गिरफ्तार किया जा रहा व्यक्ति कोई पेशेवर अपराधी ना होकर तत्कालीन गोंडा जिले का नगर पालिका अध्यक्ष था जिसे महज धक्का-मुक्की की वजह से गिरफ्तार किया जा रहा था। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

Tools Used

  • inVID
  • Google Reverse Image
  • Twitter Advanced Search
  • Snipping

Result- Misleading

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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