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Fact Check: दुष्कर्म के आरोपी को भीड़ के हवाले करने की मांग कर रहे लोगों ने किया पुलिस स्टेशन पर हमला, घटना फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
महाराष्ट्र में रेप के आरोपी हाफिज बेग को पकड़ने गई पुलिस पर मुसलमानों ने हमला कर दिया.

Fact
रेप के आरोपी को पुलिस कस्टडी से भीड़ को सौंपने की मांग कर रहे लोगों ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

सोशल मीडिया पर कुछ घायल पुलिसकर्मियों का एक वीडियो वायरल है. पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में 6 साल की मासूम से रेप के आरोपी हाफिज बेग को पकड़ने गई पुलिस पर मुसलमानों ने हमला कर दिया.

हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो महाराष्ट्र के जलगांव जिले के जामनेर का है, जहां भीड़ ने रेप के आरोपी सुभाष भील को सौंपने की मांग करते हुए पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था.

वायरल वीडियो 20 सेकेंड का है, जिसमें कुछ जख्मी पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर करते हुए लिखा गया है, “35 साल के हाफ़िज़ बेग ने 6 साल की मासूम का रेप किया फिर निर्ममता से उसकी हत्या कर दी. हाफ़िज़ को अरेस्ट करने गयी महाराष्ट्र पुलिस पर वहां के नमाजी मुसलमानों ने ईंट पत्थरों लाठीयों से हमला कर दिया, 17 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल. भीड़ का कहना था कि 6 साल की बच्ची से रेप जायज़ है”.

दुष्कर्म के आरोपी

Courtesy: X/SonOfBharat7

यह वीडियो इसी तरह के कैप्शन के साथ कई अन्य अकाउंट से भी शेयर किया गया है, जिसे यहां, यहां देख सकते हैं.

Fact Check/Verification

Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें एनडीटीवी इंडिया के यूट्यूब अकाउंट पर 22 जून 2024 को अपलोड की गई एक रिपोर्ट मिली. जिसमें वायरल वीडियो में दिख रहे एक पुलिसकर्मी भी मौजूद थे.

Courtesy: NDTV India

वीडियो रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के जलगांव के जामनेर में भीड़ ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. दरअसल बीते दिनों जामनेर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक इलाके में एक नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. आरोपी हत्या के बाद फरार हो गया था, जिसे बाद में पुलिस ने भुसावल से पकड़ा और जलगांव लेकर पहुंचे. जब पीड़िता के परिजनों और आसपास के लोगों को इसकी सूचना मिली तो लोग आरोपी को भीड़ के हवाले करने की मांग करने लगे. लेकिन जब पुलिस ने मना किया तो उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया.

इसी घटना से संबंधित रिपोर्ट हमें आजतक की वेबसाइट पर भी 21 जून 2024 को प्रकाशित मिली. इस रिपोर्ट में भी मौजूद तस्वीर वायरल वीडियो में दिख रहे एक अन्य पुलिसकर्मी की थी.

Courtesy: AAJ TAK

आजतक की रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, 11 जून को 6 साल की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने हाल ही में आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर भीड़ आरोपी को उनके हवाले करने और अपने तरीके से न्याय देने की मांग कर रही थी. जब पुलिस ने इससे इनकार किया तो भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया और जामनेर पुलिस स्टेशन के पास खड़ी गाड़ियां भी जला दी. इस घटना में करीब 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिनमें से 6 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

खोजने पर हमें टेलीग्राफ की वेबसाइट पर भी 21 जुलाई 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी. 

Courtesy: Telegraph

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, 11 जून को जामनेर स्थित एक गांव के एक आदिवासी नाबालिग की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी की पहचान 35 वर्षीय सुभाष भील के रूप में हुई थी, जो घटना के बाद फरार हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने 20 जून को सुभाष भील को भुसावल से गिरफ्तार किया और जलगांव लेकर आ गई.

करीब 10:30 बजे 300 लोगों की भीड़ जामनेर पुलिस स्टेशन के पास जमा हो गई और आरोपी को भीड़ को सौंपने की मांग करने लगी. इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई. इस हमले में जामनेर थाने के इन्स्पेक्टर किरण शिंदे समेत करीब 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

जांच में हमने जलगांव के स्थानीय पत्रकार वी डी चौधरी से भी संपर्क किया. उन्होंने भी घटना के बारे में वही सब जानकारी दी, जो ऊपर मौजूद रिपोर्ट में शामिल है. हालांकि, जब हमने उनसे आरोपी के मुस्लिम होने वाले दावे को लेकर पूछा तो उन्होंने इसे फ़र्ज़ी बताया और साथ ही कहा कि इस मामले में आरोपी और पीड़िता दोनों ही आदिवासी समुदाय से आते हैं. 

इसके बाद हमने जामनेर पुलिस स्टेशन जिस पछोरा तहसील में आता है, वहां के एसडीपीओ धनंजय येरूले से भी संपर्क किया. उन्होंने भी साफ़ किया कि आरोपी के मुस्लिम होने वाला दावा फर्जी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही समुदाय से आते हैं.

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि जामनेर की इस घटना में आरोपी के मुस्लिम होने का वायरल दावा फर्जी है. साथ ही भीड़ ने आरोपी को बचाने को लेकर नहीं, बल्कि आरोपी को उन्हें सौंपने की मांग को लेकर हमला किया था.

Result: False

(हमारे सहयोगी प्रसाद एस प्रभु के इनपुट्स के साथ)

Our Sources
Video Report by NDTV YT account on 22th June 2024
Article Published by AAJ TAK on 21st June 2024
Article Published by Telegraph on 21st June 2024
Telephonic Conversation with Local Journalist V D Chaudhary
Telephonic Conversation with Pachora SDPO Dhananjay Yerule

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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