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क्या कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के जनाजे का है यह वायरल वीडियो?

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के जनाज़े का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि जनाज़े में सैकड़ों लोग शामिल हुए हैं। वीडियो शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि यह जनाजा दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल का है। जो covid-19 से संक्रमित थे। यूज़र ने उक्त वीडियो शेयर कर नाराजगी जताते हुए कहा कि अहमद पटेल कोविड पॉजिटिव थे, लेकिन फिर भी उनके जनाज़े में कोरोना के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई।

अहमद पटेल जनाजा

वायरल फेसबुक पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने भी शेयर किया है।

अहमद पटेल जनाजा

फेसबुक पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

Fact check / Verification

चार दशकों तक राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अभिन्न हिस्सा रहे अहमद पटेल का 25 नवंबर साल 2020 को निधन हो गया। उनके निधन पर देश की सभी पार्टी के छोटे-बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया था। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके जीवन की सफलताओं का बखान करते हुए शोक व्यक्त किया था।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक जनाज़े का वीडियो शेयर कर कहा गया कि यह जनाज़ा दिवंगत नेता अहमद पटेल का है। जहां सैकड़ों लोगों की भीड़ द्वारा कोरोनावायरस के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गयी। वायरल वीडियो के साथ शेयर हो रहे इस दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की।

पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। लेकिन खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो से संबंधित कोई परिणाम नहीं मिला।

अहमद पटेल जनाजा

वीडियो की जानकारी ना मिलने के बाद हमने गूगल पर ‘Ahmad Patel funeral’ कीवर्ड्स की मदद से अहमद पटेल के जनाज़े का वीडियो खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें यूट्यूब के एक TNN न्यूज़ नामक चैनल पर दिवंगत अहमद पटेल के जनाज़े का वीडियो मिला।

खोज के दौरान उपरोक्त मिले वीडियो में हमने पाया कि उनके जनाज़े में कुछ सीमित लोग ही मौजूद थे इसके साथ ही उनके जनाज़े में कोरोना की गाइडलाइन जैसे मास्क, थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइज़र का भी ख्याल बखूबी रखा गया था।

अहमद पटेल जनाजा

इसके साथ ही उपरोक्त यूट्यूब पर मिले वीडियो में हमने एक बिंदु पर गौर किया कि दिवंगत अहमद पटेल के जनाज़े में काले रंग के कफ़न का इस्तेमाल किया गया था वहीं वायरल वीडियो में दिख रहे जनाज़े में हरे रंग के कफ़न नुमा कपड़े का इस्तेमाल किया गया है।

तुलना

अहमद पटेल जनाजा

उपरोक्त मिले तथ्यों पर गौर किया तो पता चला कि वायरल वीडियो दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के जनाज़े का नहीं है। जिसके पश्चात वायरल वीडियो की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें यूट्यूब के MM Times News नामक चैनल पर एक वीडियो मिला जिसका कुछ हिस्सा वायरल वीडियो से काफ़ी हद तक मेल खाता है।

तुलना

अहमद पटेल जनाजा

खोज के दौरान मिले वीडियो में जानकारी दी गयी है कि यह जनाजा Maharashtra Nav nirman Sena के नेता जमील शेख का है। जिसके बाद हमने प्राप्त जानकारी की पुष्टि के लिए गूगल पर इससे सम्बंधित ख़बरों को खोजना शुरू किया। जहां हमें वायरल वीडियो यूट्यूब के Apka Prahar Times नामक चैनल पर प्राप्त हुआ।

वीडियो में जानकारी देते हुए बताया जा रहा है कि यह जनाजा Maharashtra Navnirman Sena के नेता जमील शेख का है। जिन्हें महाराष्ट्र स्थित रबोड़ी कब्रिस्तान में दफ़न किया गया था।

इसके अलावा हमें जमील शेख के निधन की जानकारी Mumbai Mirror नामक वेबसाइट पर 25 नवंबर साल 2020 को छपे एक लेख से भी मिली।

अहमद पटेल जनाजा

Conclusion

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि उक्त वीडियो कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के जनाज़े का नहीं बल्कि MNS नेता जमील शेख का है।

Result- Misleading

Our sources

https://mumbaimirror.indiatimes.com/videos/mumbai/thane-thousands-gather-for-rabodi-mns-leader-jameel-shaikhs-funeral-procession/videoshow/79410036.cms

https://www.youtube.com/watch?v=2ZE9t7fYTK4

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Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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