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Fact Check
सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरों का कोलाज शेयर किया जा रहा है। एक तस्वीर में जम्मू-कश्मीर की कुछ स्कूली छात्राओं को पथराव करते हुए देखा जा सकता है। वहीं, दूसरी तस्वीर में कुछ बच्चों को भारतीय झंडा पकड़े हुए देखा जा सकता है। इन दोनों तस्वीरों को शेयर करते हुए, कांग्रेस और भाजपा के शासन के दौरान कश्मीर की स्थिति को दर्शाया गया है। दोनों तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस शासन के दौरान छात्राओं का समूह पथराव कर रहा है, जबकि बीजेपी के शासन काल में बच्चों का समूह हाथों में तिंरगा लिए खड़ा है।
आर्टिकल लिखने तक इस ट्वीट को 120 यूज़र्स द्वारा रिट्वीट किया जा चुका है और 421 लोगों ने इसे लाइक भी किया है।
‘कांग्रेस का कश्मीर बनाम भाजपा का कश्मीर’ की तस्वीरों को ट्विटर और फेसबुक पर कई अन्य यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर के नाम पर वायरल हो रही तस्वीरों का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की।
Google Reverse Image Search की मदद से खोजने पर हमें 26 अप्रैल 2017 को ALJAZEERA और Washington Post द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह तस्वीर 26 अप्रैल 2017 को श्रीनगर में कश्मीरी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान की है। यह तस्वीर कश्मीरी पत्रकार फारूक खान (Farooq Khan) ने खींची थी। बतौर रिपोर्ट, सुरक्षाबलों ने पुलवामा के एक कॉलेज में छापा मारा था, जिसमें चार दर्जन से अधिक छात्र कथित रूप से घायल हो गए थे। जिस दौरान श्रीनगर में यह घटना घटी थी, उस दौरान वहां पर बीजेपी और पीडीपी की गठबंधन सरकार थी।
अधिक खोजने पर हमें 19 मई 2017 को Alamy द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर उस दौरान की है, जब अनंतनाग में छात्राओं के समूह ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया था।
Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर, हमें Jammu Kashmir Study Centre – JKSC UK नामक फेसबुक पेज द्वारा 26 जनवरी 2021 को गई की एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, ‘घाटी में गणतंत्र दिवस समारोह।’ “Republic Day Celebration in the Valley”. कश्मीर में हुए गणतंत्र दिवस समारोह पर यह तस्वीर खींची गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही दूसरी तस्वीर को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि कुछ बच्चों ने मास्क पहना हुआ है। इससे यह साबित होता है कि यह तस्वीर देश में आई कोविड-19 महामारी के बाद की है।
वायरल तस्वीर को ज़ूम इन (Zoom In) करने पर हमारी नज़र बच्चों के पीछे एक इमारत पर गई। इमारत को करीब से देखने पर पता चलता है कि होर्डिंग (Hoarding) पर “Y GOODWILLS” और “DIPORA” लिखा हुआ है।
वायरल तस्वीर से मिले शब्दों की मदद से हमने कुछ कीवर्ड्स बनाये और उन्हें गगूल पर खोजा। इस दौरान हमें Army Goodwill School in Bandipora की वेबसाइट मिली। अधिक जानकारी के लिए हमने बांदीपुरा स्कूल में संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने हमें बताया कि, “सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर बांदीपुरा की है। 26 जनवरी 2021 को स्कूल में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया था और उस दौरान यह तस्वीर खींची गई थी।” इससे साबित होता है कि वायरल हो रही दोनों तस्वीरें कांग्रेस के शासनकाल की नहीं हैं। साल 2019 से ही कश्मीर एक संघ राज्य है और केंद्र में बीजेपी की सरकार है।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कश्मीर की तस्वीरों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि वायरल हो रही दोनों तस्वीरें भाजपा शासन के दौरान की हैं। तस्वीरों के साथ गलत दावा सोशल मीडिया पर वायरल है।
Jammu Kashmir Study Centre – JKSC UK
Army Goodwill School in Bandipora
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Vasudha Beri
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Runjay Kumar
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Komal Singh
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