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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण की बेल मंजूर हो गई है। वायरल वीडियो में कालीचरण को कुछ पुलिस वाले किसी परिसर में ले जाते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान कुछ लोग जय श्रीराम का नारा लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
एक ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ कालीचरण महाराज जी की बेल मंज़ूर हुई..हार की कोठरी में जीत का किवाड़ा होगा…शेर के मुंह में हाथ डाला जो है …अब दहाड़ का शोर होगा….”
वहीं एक अन्य ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “आज कालीचरण महाराज जी को मिल गया बेल हर हर महादेव”
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “#कालीचरण_महराज जी की बेल स्वीकार हो गई है शेरों की तरह दहाड़ दो।”
फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण की बेल मंजूर हो गई दावे के साथ वीडियो शेयर किया है।
दरअसल, कालीचरण ने 25 दिसंबर 2021 को रायपुर के रावणभाठा मैदान में आयोजित दो दिवसीय धर्म संसद के अंतिम दिन अपने भाषण में महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी। कालीचरण के नफरती भाषण की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता और रायपुर के पूर्व महापौर विनोद बंसल सहित कई लोगों ने इसपर विरोध जताया था।
कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने टिकरापारा थाने में कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज किया। कालीचरण के खिलाफ पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 505(2) के तहत मामला दर्ज हुआ। बाद में राजद्रोह के मामले में 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A ,505(1)(B) और 124 A धाराओं को भी जोड़ा गया। कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने 30 दिसंबर की सुबह मध्यप्रदेश के छतरपुर से गिरफ्तार कर लिया था।
कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ भी विरोध के स्वर उठने लगे। इंदौर में गौरक्षा संगठन और बजरंग सेना के कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कालीचरण के खिलाफ की गई कार्रवाई का विरोध किया।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण को बीते 1 जनवरी को रायपुर की अदालत में पेश किया, जहां कोर्ट ने कालीचरण को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में सेंट्रेल जेल भेज दिया। अब सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा कि ‘महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण की बेल मंजूर हो गई है।’
Fact check/Verification
क्या महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण की बेल मंजूर हो गई है? सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किए जा रहे वीडियो की पड़ताल के लिए हमने inVid टूल की मदद से वीडियो के कुछ कीफ्रेम बनाये। इसके बाद एक कीफ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया।
इस दौरान हमें Zee News (मध्य प्रदेश & छत्तीसगढ़) की वेबसाइट पर 30 दिसंबर 2021 को अपलोड हुई एक वीडियो स्टोरी प्राप्त हुई, जिसके मुताबिक, कालीचरण को रायपुर पुलिस ने 30 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया, जहां कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाकर उसका स्वागत किया।
हमने अपनी पड़ताल में ‘कालीचरण रायपुर पेशी जय श्रीराम’ कीवर्ड के साथ गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें News 24 की एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, कालीचरण की रायपुर कोर्ट में पेशी के दौरान कोर्ट परिसर के बाहर उसके समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा और वे जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे।
एबीपी न्यूज द्वारा 03 जनवरी 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कालीचरण के वकील शरद मिश्रा ने एडीजे विक्रम प्रताप चंद्रा की कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एडीजे चंद्रा ने पुलिस डायरी का अवलोकन कर कालीचरण पर राजद्रोह जैसे गंभीर मामले में अपराध दर्ज होने के कारण जमानत याचिका खारिज कर दी।
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Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ है कि ‘महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण की बेल मंजूर हो गई है’, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो भ्रामक है। कालीचरण की बेल को मंजूरी नहीं मिली है।
Result: Misleading
Sources
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