रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने का यह वीडियो, कानपुर का नहीं है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि कानपुर पुलिस द्वारा हिंसा में शामिल लोगों की जमकर पिटाई की गई.

कानपुर में सांप्रदायिक तनाव के बाद अब शहर में शांति व्यवस्था कायम है. लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स अब भी कानपुर हिंसा से जोड़कर तमाम दावे शेयर कर रहें हैं. इसी क्रम में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने एक वीडियो शेयर कर कानपुर पुलिस द्वारा हिंसा में शामिल लोगों की जमकर पिटाई का दावा किया.

Fact Check/Verification

कानपुर पुलिस द्वारा हिंसा में शामिल लोगों की जमकर पिटाई के नाम पर शेयर किये जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने सबसे पहले इसके एक की-फ्रेम को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें Dynamite News द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

डाइनामाइट न्यूज़ द्वारा 20 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित इस लेख के अनुसार, गोरखपुर में संवेदनशील माने जाने वाले घंटाघर, नखास, रेती तथा शाहमारुफ जैसे इलाकों में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजकर स्थिति को नियंत्रण में किया था.

उपरोक्त रिपोर्ट की सहायता से हमने ‘CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान गोरखपुर में हिंसा, पुलिस ने भांजी लाठियां’ कीवर्ड को यूट्यूब पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें Live Hindustan द्वारा इसी मामले पर प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट प्राप्त हुई.

यूट्यूब सर्च से प्राप्त परिणाम

Live Hindustan द्वारा 20 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो गोरखपुर के नखास चौक का है, जहां CAA के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ द्वारा पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज तथा आंसू गैस के गोले दागकर स्थिति को काबू में किया था.

जनवाद टाइम्स नामक यूट्यूब चैनल द्वारा 21 दिसंबर, 2019 को अपलोड किए गए एक वीडियो में भी वायरल वीडियो को देखा जा सकता है.

दैनिक जागरण, News18 तथा दैनिक भास्कर द्वारा साल 2019 के दिसंबर माह में प्रकाशित लेखों में भी गोरखपुर के नखास चौक पर पत्थरबाजी तथा पुलिसिया कार्रवाई की बात कही गई है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि कानपुर पुलिस द्वारा हिंसा में शामिल लोगों की जमकर पिटाई के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. वायरल वीडियो असल में गोरखपुर के नखास चौक का है, जहां CAA के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ ने पत्थरबाजी की. जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज तथा आंसू गैस के गोले का सहारा लेकर स्थिति को काबू में किया था.

Result: False Context/Missing Context

Our Sources

YouTube video published by Live Hindustan on 20 December, 2019
Article and YouTube video published by Dynamite News on 20 December, 2019
Media Reports
YouTube video published by Janvad Times on 21 December, 2019

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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