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कर्नाटक के रायचूर स्थित एक मस्जिद के नीचे मंदिर का अवशेष मिलने के नाम पर वायरल हुआ दावा भ्रामक है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि कर्नाटक के रायचूर में सड़क चौड़ी करने के लिए मस्जिद की मीनार को तोड़ने पर वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भारत में मुग़ल काल के दौरान मंदिरों या पूजा स्थलों को क्षति पहुंचाए जाने को लेकर यूजर्स दो धड़ों में बंटे हुए हैं. इतिहासकारों के बीच भी नष्ट या क्षत्रिग्रस्त पूजा स्थलों को लेकर आम राय नहीं है. BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, औरंगजेब के शासनकाल में हजारों मंदिरों एवं पूजा स्थलों को तोड़ दिया गया था. Scroll.in ने अपने एक लेख में एरिजोना यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर Richard M Eaton के हवाले से यह जानकारी दी है कि क्षतिग्रस्त मंदिरों का यह आंकड़ा बहुत कम है.

सोशल मीडिया पर मस्जिद या किसी अन्य धार्मिक स्थल की जगह पर हिन्दू पूजा स्थल होने के दावे अक्सर वायरल होते रहते हैं. Newschecker द्वारा पूर्व में कई ऐसे दावों की पड़ताल की गई है. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि कर्नाटक के रायचूर में सड़क चौड़ी करने के लिए मस्जिद की मीनार को तोड़ने पर वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए.

Fact Check/Verification

कर्नाटक के रायचूर में सड़क चौड़ी करने के लिए मस्जिद की मीनार को तोड़ने पर वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष प्राप्त होने के दावे के साथ शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए, हमने इसे गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर पिछले कई वर्षों से इंटरनेट पर मौजूद है.

कर्नाटक के रायचुर में सड़क चौड़ी करने के लिए मस्जिद की मीनार को तोड़ने पर वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए
गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

OneIndiaKannada द्वारा 13 अप्रैल, 2016 को प्रकाशित एक लेख के ट्रांसलेटेड वर्जन के अनुसार वायरल तस्वीर कर्नाटक के रायचूर की है, जहां एक मजार के नीचे मंदिर के अवशेष होने का दावा किया गया था.

OneIndiaKannada द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने ‘karnataka raichur mosque temple road construction’ कीवर्ड्स के साथ साल 2016 के अप्रैल माह में प्रकाशित लेखों के बारे में जानने का प्रयास किया. इस प्रक्रिया में हमें 2016 में ही The Hindu द्वारा प्रकाशित लेख में सड़क के चौड़ीकरण के दौरान अतिक्रमण स्थल से हिन्दू तथा मुस्लिम पूजास्थलों को हटाया गया था. Deccan Chronicle द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, सड़क चौड़ी करने के दौरान ‘एक मीनार’ मस्जिद के नीचे से हिन्दू पूजा स्थलों की तरह दिखने वाले कुछ स्तम्भ प्राप्त हुए थे, जिसके बाद दक्षिणपंथी संगठनों ने मामले की जांच की मांग की थी.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

पूरे मामले की ज्यादा जानकारी के लिए हमने साल 2016 के अप्रैल महीने में ट्विटर यूजर्स द्वारा शेयर किये गए ट्वीट्स को खंगाला. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि Public TV नामक एक कन्नड़ मीडिया संस्थान द्वारा 11 अप्रैल, 2016 को एक ट्वीट के माध्यम से इमारत की एक अन्य तस्वीर शेयर की गई थी. इसके साथ ही हमें यह भी जानकारी मिली कि रायचूर के ही रहने वाले AIMIM कार्यकर्ता Farhan Ahmad Abkari ने 10 अप्रैल, 2016 को ट्वीट कर ‘एक मीनार’ मस्जिद के तोड़े जाने की बात कही थी.

Alt News द्वारा वायरल दावे को लेकर प्रकाशित एक लेख में संस्था ने रायचूर के तत्कालीन जिलाधिकारी से बातचीत की थी, जहां उन्होंने यह जानकारी दी थी कि चूंकि ‘एक मीनार’ काफी पुरानी इमारत है, इसलिए सिर्फ एक खम्भे से इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है कि ‘एक मीनार’ के नीचे एक मंदिर था.

Alt News द्वारा तत्कालीन जिलाधिकारी से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि कर्नाटक के रायचूर में सड़क चौड़ी करने के लिए मस्जिद की मीनार को तोड़ने पर वीरभद्रेश्वर मंदिर के अवशेष प्राप्त होने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है.

Result: Misleading

Our Sources

Article published by OneIndiaKannada
Article published by Deccan Chronicle
Article published by Alt News

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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