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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
यह तस्वीर लज्जित करती है
शराब बेचने को आतुर शिवराज सरकार ने अब महिलाओं को शराब की दुकानों पर बिठाकर हमारी बहन-बेटियों के प्रति अपनी घृणित और कुत्सित सोच का प्रदर्शन किया है।
जानिए वायरल दावा
सोशल मीडिया में वायरल हुई तस्वीर में एक महिला पुलिसकर्मी को शराब की दुकान के अंदर बैठे हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि उक्त तस्वीर मध्यप्रदेश के भोपाल शहर की है जहां शिवराज सरकार ने शराब बेचने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को दुकानों पर नियुक्त किया है।
ट्वीट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखे।
Verification
कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया था जिसके चलते देश के अधिकतर कारोबार थप पड़ गए थे। सरकार को अधिक टैक्स देने वाला शराब का कारोबार भी इस लॉकडाउन से काफी प्रभावित हुआ। जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को डगमगाता देख केंद्र सरकार ने शराब के कारोबार में एक बार फिर चाभी भरने का फैसला लिया। जिसके उपरांत सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ शराब के कारोबार को शुरू करने की मंजूरी दे दी। इस दौरान मध्यप्रदेश सरकार ने 70 फीसदी शराब की दुकानों को खोलने का फैसला लिया। इस दौरान मीडिया पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने वाली कई खबरें वायरल हुईं। इसी बीच ट्विटर पर MP Congress के हैंडल द्वारा एक ट्वीट किया गया जहां एक महिला पुलिसकर्मी को शराब की दुकान के अंदर बैठे देखा जा सकता है। ट्वीट में दावा किया गया है कि मध्यप्रदेश की सरकार ने शराब बेचने के लिए महिला पुलिस को दुकानों पर नियुक्त किया है।
उक्त तस्वीर को ट्विटर पर कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।
तस्वीर के साथ वायरल हो रहे इस दावे का सच जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने शराब की दुकान के अंदर बैठी महिला पुलिसकर्मी की तस्वीर को Google पर खोजने का प्रयास किया। जहां हमें सबसे पहले Hindustan times की वेबसाइट पर 12 जून साल 2020 को प्रकाशित एक लेख में वायरल तस्वीर व ट्वीट प्राप्त हुआ।
उपरोक्त लेख में जानकारी दी गयी है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा सूबे की भाजपा सरकार पर वायरल तस्वीर के माध्यम से कसे गए तंज को प्रदेश के भाजपा नेता ‘डॉ हितेश बाजपाई’ ने सिरे से ख़ारिज किया है। लेख में आगे जिले के आबकारी कमिश्नर (राजीव चंद्र दुबे) के बयान को भी छापा गया है। जहां उन्होंने बताया कि महिला पुलिसकर्मी शराब की दुकान पर निरीक्षण के लिए गयी थी ना कि शराब बेचने के लिए। साथ ही उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी होने के कारण कुछ अव्यवस्था हुई हो, इसकी संभावनाएं हैं।
महिला पुलिसकर्मी की तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे की पुष्टि के लिए हमने Google पर और बारीकी से खोजा। खोज के दौरान हमें ऑप इंडिया की वेबसाइट पर उक्त मामले पर प्रकाशित एक लेख मिला। जहां यह जानकारी दी गयी है कि भोपाल के सहायक आबकारी कमिश्नर ने Times of India को बताया कि महिला कर्मियों को शराब की दुकान पर बुधवार को आबकारी विभाग द्वारा निरीक्षण टीम के तौर पर तैनात किया गया था। पुलिसकर्मी की वर्दी में दिख रही महिला को वहाँ सिर्फ विभाग ने निरीक्षण के लिए तैनात किया था।
हमने मामले को Times of india की वेबसाइट पर भी खंगालना शुरू किया जहां 11 जून 2020 को प्रकाशित लेख में इस बात की जानकारी मिली कि सहायक आबकारी कमिश्नर (संजीव दुबे) ने TOI को बताया कि कोई भी महिलाकर्मी किसी शराब की दुकान में शराब बेचने के लिए तैनात नहीं की गयी है। जब उनसे पूछा गया कि वायरल तस्वीर में महिला स्टाफ दुकान पर क्यों हैं तो उन्होंने बताया कि वह आबकारी सब-इंस्पेक्टर हैं जिन्हें वहाँ दुकान के निरीक्षण के लिए भेजा गया था।
इसके अलावा मामले की पुष्टि के लिए हमें फेसबुक पर Patrika bhopal नाम के पेज में उक्त वाकया का वीडियो प्राप्त हुआ। जहां वीडियो के शीर्षक में इस बात की जानकारी दी गयी है कि पुलिस की वर्दी में शराब की दुकान के अंदर बैठी महिला भोपाल की आबकारी अधिकारी हैं। जो शराब की दुकान के अकाउंट्स का निरिक्षण कर रही हैं।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए हमने वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन किया इस दौरान प्राप्त खबरों को पढ़ने पर हमने पाया कि शराब की दुकान के अंदर वर्दी में जिस महिला की तस्वीर वायरल हो रही है वह शराब बेचने वाली नहीं है। असल में वह आबकारी विभाग की महिला सब-इंस्पेक्टर की हैं जिन्हें विभाग द्वारा शराब की दुकान पर निरीक्षण के लिए भेजा गया था।
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.