शनिवार, दिसम्बर 14, 2024
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क्या SC के आदेशानुसार 15 जून के बाद INDIA का नाम हर भाषा में भारत ही रहेगा?

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 15 जून से भारत का नाम हर भाषा में भारत ही रहेगा।

जानिए वायरल दावा

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश किया है कि 15 जून से भारत का नाम हर भाषा में भारत नाम ही रहेगा।

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सरकारी दस्तावेजों में अपने देश भारत के कई नाम है। जैसे संविधान के अंग्रजी अनुवाद में देश का नाम इंडिया लिखा गया है वहीं हिंदी भाषा में भारत लिखा है, ड्राइविंग लाइसेंस में यूनियन ऑफ़ इंडिया, तो वहीं पासपोर्ट में रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया और कई जगह पर भारत को हिंदुस्तान भी कहा जाता है। ऐसे में कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में देश का नाम ‘इंडिया’ हटाकर हर भाषा में ‘भारत’ नाम रखने की याचिका दायर की गयी। जिसके बाद सोशल मीडिया में इस बात की लहर दौड़ गयी कि सुप्रीम कोर्ट ने देश का नाम हर भाषा में भारत रखने का आदेश किया है।

वायरल हो रहे उक्त दावे को सोशल मीडिया पर सैकड़ों यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।

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इंडिया का नाम 15 जून से हर भाषा में भारत ही रहेगा इस दावे की जांच के लिए हमने Google पर खोजना शुरू किया। जहां 29 मई साल 2020 को अमर उजाला की वेबसाइट द्वारा प्रकाशित किये गए एक लेख से हमें जानकारी मिली कि 2 जून साल 2020 को चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच में देश का नाम बदले वाली याचिका पर सुनवाई होगी।

उक्त मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की माध्यम से Google पर दोबारा खोज की। इस दौरान ट्विटर पर 2 जून को ANI द्वारा किये गए ट्वीट से पता चला कि 2 जून को सुप्रीम कोर्ट में देश का नाम बदलने वाली याचिका पर होने वाली सुनवाई को जस्टिस बोबडे के अवकाश पर जाने के कारण टाल दिया गया है।

मामले की जांच के लिए हमने बारीकी से दावे को Google पर खोजने का प्रयास किया। जहां पड़ताल के दौरान हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 3 जून को छपे एक लेख से पता चला कि देश का नाम हर भाषा में भारत रखने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।

वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने BarandBench की वेबसाइट पर भी उक्त मामले को खंगाला। इस दौरान हमें जानकारी मिली कि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब संविधान में इंडिया को भारत कहा गया है तो याचिका क्यों दायर की गयी है। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि ‘इंडिया’ ग्रीक के एक ‘इंडिका’ शब्द से निकला है। जिसका भारत से संबंध नहीं है। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने मामले को संबंधित मंत्रालय को सौंपने को कहा है। लेकिन कोर्ट ने याचिका पर ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जहां यह कहा गया हो कि जून 15 से देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत रखा जायेगा।

इसके अलावा हमें सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक वेबसाइट पर उक्त याचिका पर सुनाये गए फैसले की PDF फाइल भी प्राप्त हुई। जहां साफ देखा जा सकता है कि कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज कर उसे संबंधित मंत्रालय को सौंपने को कहा है।

कई टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर यह पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी ऐसा कोई भी आदेश पारित नहीं किया है जहां यह कहा गया हो कि 15 जून से देश का नाम ‘इंडिया’ हटाकर हर भाषा में ‘भारत’ ही कर दिया जायेगा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा गलत है।

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(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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