Monday, December 15, 2025

Fact Check

श्रद्धा मर्डर केस के बीच वायरल हुआ ‘लव जिहाद’ को लेकर एक भ्रामक पोस्ट

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दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस का खुलासा होने के बाद से एक बार फिर ‘लव जिहाद’ पर बहस होना शुरू हो गई है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल है जिसको ‘लव जिहाद’ से जोड़ा जा रहा है. वीडियो में एक व्यक्ति, छोटे बच्चे के सामने एक महिला के साथ मारपीट करते दिख रहा है.

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है कि ‘लव जिहाद’ के बाद हिंदू लड़की के साथ क्या होता है यह इस वीडियो में देखा जा सकता है. वीडियो के अंदर एक टेक्स्ट भी लिखा है, जिसके अनुसार मारपीट कर रहे व्यक्ति का नाम मोहम्मद मुश्ताक जीके है जो बेंगलुरु की किसी आईटी कंपनी में काम करता है. फेसबुक और ट्विटर पर इस कैप्शन के साथ यह वीडियो सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं.

https://twitter.com/yogeshDharmSena/status/1592933386741772288

Fact Check/Verification

सबसे पहले हमने वीडियो के अंदर लिखे टेक्स्ट को गूगल पर सर्च किया. हमें Ground Report नाम की एक वेबसाइट पर इस वीडियो के बारे में 6 नवंबर को छपी एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ित महिला का नाम आयशा बानू है और उसके साथ हाथापाई कर रहा व्यक्ति उसका पति मोहम्मद मुश्ताक जीके है.

खबर के मुताबिक, यह वीडियो सोहेल रसूल नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर ने शेयर किया था, जिसके बाद यह इंटरनेट पर वायरल हो गया. मुश्ताक और आयशा बानू की शादी 30 मार्च 2009 को कर्नाटक के दावानगिरी में हुई थी. 2013 में दोनों को एक संतान हुई. लेकिन कुछ समय बाद रिश्ते में दिक्कतें आने लगीं और दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया. बाद में आदमी ने दूसरी शादी भी कर ली.

खबर में बताया गया है कि मारपीट का यह वीडियो 2015 का है. साथ ही, पिछले साल दिसंबर में यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट भी पहुंचा था. दरअसल, आदमी ने कोर्ट से अपील की थी कि‌ तलाक के बाद उसके आठ साल के बच्चे की कस्टडी उसे ही दी जाए. लेकिन कोर्ट ने यह अपील खारिज कर दी थी और बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी उसकी मां यानी आयशा बानू को दे दी थी.

कोर्ट ने कहा था कि एक मुस्लिम पत्नी अपने इकलौते नाबालिग बच्चे की कस्टडी ले सकती है जब वह अपने पति की दूसरी शादी की वजह से अपने ससुराल से अलग रह रही हो. ये फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट ने 21 दिसंबर 2021 को सुनाया था. फैसले की कॉपी भारतीय हाई कोर्ट्स की आधिकारिक वेबसाइट पर देखी जा सकती है. फैसले में यह बात साफ-साफ लिखी है कि दोनों पक्ष (आयशा और मुश्ताक) सुन्नी मुस्लिम हैं.

लव जिहाद
Courtesy: ecourts.gov

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इस फैसले में महिला के वकील का नाम नईम पाशा एस बताया गया है. मामले को लेकर हमनें नईम पाशा से भी संपर्क किया. उन्होंने भी हमें यही बताया कि आयशा के धर्म को लेकर वायरल हो रहा दावा झूठ है. आयशा मुस्लिम ही हैं.

Conclusion

हमारी जांच से यह स्पष्ट हो जाता है कि ‘लव जिहाद’ से जोड़कर वायरल हो रहा है यह पोस्ट भ्रामक है. इस मामले से जुड़े महिला और आदमी दोनों मुस्लिम समुदाय से ही हैं.

Rating: Missing Context

Our Sources

Article of Ground Report.com, published on November 6, 2022
Karnataka High Court Judgement

अपडेट- खबर में वकील नईम पाशा का बयान 18 नवंबर 2022 को जोड़ा गया है.

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