Monday, March 17, 2025
हिन्दी

Fact Check

क्या साबरमती आश्रम में लगा था गुजरात का पहला टेलीफोन? महात्मा गांधी को लेकर वायरल हुए इस दावे का सच कुछ और है

banner_image

सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी की एक तस्वीर वायरल है, जिसमें वह हाथ में एक फोन पकड़े नज़र आ रहे हैं। तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि गुजरात में सबसे पहला टेलीफोन किसी बड़े उद्योगपति के घर पर नहीं बल्कि साबरमती आश्रम में गांधी जी के टेबल पर लगा था। कहा जा रहा कि यह टेलीफोन अंग्रेजों ने लाखों रुपये खर्च करके लगवाया था ताकि अंग्रेज गांधी जी से बात कर सकें।

Courtesy: Tweet@janardanspeaks
Courtesy: Twitter@shefalitiwari7

दरअसल, इंटरनेट पर महात्मा गांधी को लेकर तमाम दावे वायरल होते रहते हैं। इनमें से कई फेक दावों की पड़ताल Newschecker ने पहले भी की है। News18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिनों राहुल गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में विनायक दामोदर सावरकर द्वारा अंग्रेजों से माफी मांगे जाने की एक कॉपी दिखाई। इसके साथ ही राहुल ने कहा कि सावरकर ने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर कर महात्मा गांधी और अन्य नेताओं को धोखा दिया था। 

इसके बाद सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी की एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि गुजरात में सबसे पहला टेलीफोन साबरमती आश्रम में गांधी जी की टेबल पर लगा था। 

Fact Check/Verification

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। हमें फोटो गैलरी वेबसाइट Alamy पर महात्मा गांधी की यह तस्वीर मिली। वहां दी गई जानकारी के अनुसार, महात्मा गांधी की ये तस्वीर साल साल 1941 की सेवाग्राम आश्रम की है।

इसके बाद हमने बाम्बे सर्वोदय मंडल और गांधी रिसर्च फाउंडेशन के सौजन्य से चलने वाली वेबसाइट mkgandhi.org से संपर्क किया। वहां के टीआरके सौम्या ने हमें बताया कि वायरल तस्वीर महाराष्ट्र के वर्धा में मौजूद सेवाग्राम आश्रम की है। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी की यह तस्वीर साल 1939 में महाराष्ट्र के वर्धा के सोनेगांव में मौजूद सेवाग्राम आश्रम में खींची गई थी। इसका उल्लेख डीजी तेंदुलकर की किताब ‘महात्मा’ में भी किया गया है।”

उन्होंने हमें Mahatama Gandhi Live नामक एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी भेजा। इसमें सेवाग्राम आश्रम से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध हैं। वीडियो में 10 मिनट 20 सेकेंड पर महात्मा गांधी द्वारा सेवाग्राम आश्रम में टेलीफोन यूज करने के बारे में बताया गया है। वहां मौजूद जानकारी के मुताबिक, ‘महात्मा गांधी शहर से दूर जाकर आश्रम में बस गए थे और उनसे संपर्क करना सरकार के लिए मुश्किल था। इसलिए तब उस समय के वाइसरॉय लॉर्ड लिनलिथगो ने गांधी जी से संपर्क करने के लिए आश्रम में टेलीफोन लगवाया था।’

पड़ताल के दौरान हमने सेवाग्राम आश्रम में भी संपर्क किया। हमने सेवाग्राम में मौजूद श्री जमनालाल बजाज मेमोरियल लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर फॉर गांधीयन स्टडीज के डायरेक्टर के. जोसेफ से बात की। उन्होंने हमें बताया, “महात्मा गांधी की टेलीफोन वाली सभी तस्वीरें 1939-40 के समय की हैं। इनमें से कुछ राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय में उपलब्ध हैं। वायरल तस्वीर संभव है गांधी जी के पौत्र कानू गांधी द्वारा ली गई हो।”

क्या साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के लिए कोई टेलीफोन लगा था?

हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। लेकिन हमें ऐसी कोई प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस बात की पुष्टि की गई हो कि साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के लिए कोई टेलीफोन लगवाया गया था। दावे की पड़ताल के लिए हमने गुजरात के साबरमती आश्रम में संपर्क किया। वहां के एडमनिस्ट्रेशन विभाग में काम करने वाली वैशाली ने हमें बताया, “महात्मा गांधी के लिए साबरमती आश्रम में कोई टेलीफोन नहीं लगाया गया था। वे जब तक आश्रम में थे तब तक यहां कोई टेलीफोन नहीं लगा था।”

क्या गुजरात में पहला टेलीफोन महात्मा गांधी के लिए लगा था?

इस दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। हमें डीएनए की वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट मिली। 2013 में छपी पुस्तक ‘Marching To A Different Beat The Nilkanths of Gujarat’ के हवाले से बताया गया कि गुजरात में पहला टेलीफोन 1897 में स्थापित किया गया था।

इसके अलावा, हमें calcuttabsnl की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, साल 1881 में भारत सरकार (ब्रिटिश राज) ने अपने पहले के फैसले को बदलते हुए कलकत्ता, बॉम्बे, मद्रास, कराची और अहमदाबाद में टेलीफोन एक्सचेंज खोलने के लिए इंग्लैंड की मूल ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड को लाइसेंस प्रदान किया गया।

खोजने पर हमें गूगल बुक्स पर गुजरात सरकार का गजेट मिला। इसके पृष्ठ नंबर 488 पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 17 जुलाई 1897 में अहमदाबाद सिटी में पंचकुवा गेट के पास पहला टेलीफोन एक्सचेंज लगाया गया था। उस वक्ते इसके 34 उपयोगकर्ता थे।

गौरतलब है कि महात्मा गांधी 1915 में स्थायी तौर भारत लौटकर आए थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1915 में उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के अपने बैरिस्टेर के करियर को छोड़कर अपने देश वापस आने का फैसला किया था।

Conclusion

हमारी पड़ताल में यह बात स्पष्ट हो जाती है कि महात्मा गांधी की हाथ में टेलीफोन लिए हुए वायरल तस्वीर गुजरात के साबरमती आश्रम की नहीं बल्कि महाराष्ट्र के वर्धा के सेवाग्राम आश्रम की है। इसके अलावा, गुजरात में पहला टेलीफोन महात्मा गांधी के स्थायी रूप से 1915 में भारत आने से लगभग 18 साल पहले ही अहमदाबाद में लगाया गया था।

Result: False

Our Sources

Alamy
Mkgandhi.org
Mahatama Gandhi Live Youtube Channel
Report Published in DNA
Gujarat gazette
BBC Report

Conversation with Sabarmati Ashram Vaishali
Conversation with Sevagram Library & Research Wing Director Sibby Joseph

image
यदि आप किसी दावे का सच जानना चाहते हैं, किसी तरह की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या हमारे किसी फैक्ट चेक को लेकर शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो हमें +91-9999499044 पर व्हाट्सएप या checkthis@newschecker.in​. पर ईमेल करें. आप हमारे Contact Us पेज पर जाकर वहाँ मौजूद फॉर्म भी भर सकते हैं.
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

17,453

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage
cookie

हमारी वेबसाइट कुकीज़ का उपयोग करती है

हम कुकीज़ और समान प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं ताकि सामग्री को व्यक्तिगत बनाने में मदद मिल सके, विज्ञापनों को अनुकूलित और मापने में मदद मिल सके, और बेहतर अनुभव प्रदान कर सके। 'ठीक है' क्लिक करके या कुकी पसंद करने में एक विकल्प को चालू करके, आप इस से सहमत होते हैं, हमारे कुकी नीति में विस्तार से व्याख्या की गई रूप में।