सोशल मीडिया जगत में बीते हफ्ते कतर में शुरू हुए फीफा वर्ल्ड कप को लेकर कई भ्रामक दावे किए गए. स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बारे में कहा जाने लगा कि उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया है. वहीं विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के एक पुराने वीडियो को फीफा से जोड़ा गया. इसके अलावा, गुजरात चुनाव के मद्देनजर भी फेक न्यूज़ शेयर की गईं. आइए जानते हैं इस हफ्ते के टॉप 5 फैक्ट चेक.

ज़ाकिर नाइक का 6 साल पुराना वीडियो FIFA वर्ल्ड कप 2022 से जोड़कर किया जा रहा है शेयर
हफ्ते की शुरुआत हुई भारत में आतंकी गतिविधियों के आरोपी और भगोड़े जाकिर नाइक के एक वीडियो से. दावा हुआ कि नाइक ने फीफा वर्ल्ड कप के दौरान चार लोगों को इस्लाम कबूल करवाया. लेकिन जब हमने पड़ताल की तो वीडियो 2016 का निकला. हालांकि, फीफा वर्ल्ड कप में जाकिर नाइक को आमंत्रण मिलने की खबरें जरूर आई हैं. पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है.

मथुरा में सूटकेस में मिली लड़की की लाश का यह मामला ऑनर किलिंग का है, सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा शेयर
दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस की हलचल के बीच दावा किया जाने लगा कि मथुरा में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम ने अपनी हिंदू प्रेमिका को मार डाला. दावा गलत निकला क्योंकि यह मामला ऑनर किलिंग का था, जिसमें आयुषी यादव नाम की एक लड़की की उसके पिता नितेश यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है.

क्या साबरमती आश्रम में लगा था गुजरात का पहला टेलीफोन? महात्मा गांधी को लेकर वायरल हुए इस दावे का सच कुछ और है
इस हफ्ते महात्मा गांधी को लेकर भी गलत जानकारी वायरल हुई. उनकी एक ब्लैक एंड वाइट तस्वीर के साथ लोग दावा करने लगे कि अंग्रेजों ने गुजरात में सबसे पहला टेलीफोन साबरमती आश्रम में गांधी जी के लिए लगवाया था, जिससे वह अंग्रेजों से बात कर सकें. जब हमने खोजा तो फोटो महाराष्ट्र के वर्धा के सेवाग्राम आश्रम की निकली. साथ ही, गुजरात में पहला टेलीफोन 1897 में आया था. इसका गांधी जी से कोई संबंध नहीं था. पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है.

क्या क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने कबूल कर लिया है इस्लाम? भ्रामक है ये पोस्ट
फीफा से जुड़ा एक अन्य भ्रामक पोस्ट भी ट्विटर और फेसबुक पर काफी चर्चा में आया. पुर्तगाल फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो की तीन तस्वीरें वायरल हुईं और दावा हुआ कि कतर में उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया. तस्वीरों की जांच करने पर सामने आया कि तीनों तस्वीरें सालों पुरानी हैं और इनका कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप से कोई संबंध नहीं है. पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है.

राहुल गांधी की राजकोट रैली में खाली कुर्सियों का ये वीडियो पूरा सच नहीं दिखाता
गुजरात में कुछ ही दिनों बाद वोट डाले जाने हैं. इससे पहले सोशल मीडिया पर बड़े नेताओं की रैलियों में भीड़ जुटने को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. इनमें से एक दावा राहुल गांधी की राजकोट रैली को लेकर किया गया. कुछ लोग एक वीडियो शेयर करके दावा करने लगे कि राजकोट में राहुल गांधी ने खाली कुर्सियों को संबोधित किया. लेकिन जब न्यूज़चेकर ने पड़ताल की तो पता चला कि रैली में अच्छी खासी भीड़ मौजूद थी और वायरल वीडियो संभवतः रैली शुरू होने के पहले का है. पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है.
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