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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में एक शख्स रिक्शे पर शव को ले जाता हुआ नजर आ रहा है। तस्वीर को शेयर करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया गया है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि सरकार के स्वास्थ्य इंतजामों की नाकामी को इस तस्वीर के जरिए देखा जा सकता है।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
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हमारे द्वारा Crowdtangle नामक टूल की सहायता से किए गए विश्लेषण के मुताबिक रिक्शे पर शव को ले जाने वाली इस पोस्ट को हज़ारों यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी 5 अक्टूबर 2019 की एक फेसबुक पोस्ट मिली। जिसमें वायरल तस्वीर के साथ एक अन्य तस्वीर को भी जोड़ा गया था। दूसरी तस्वीर में कुछ लोग एंबुलेंस में गाय को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। प्राप्त तस्वीर के साथ सरकार की डिजिटल व्यवस्था पर सवाल किया गया है। लिखा गया है, ‘रिक्शे पर शव और एंबुलेंस में गाय।’
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट Amar Ujala और Patrika की वेबसाइट पर मिली। इन न्यूज रिपोर्ट्स को 1 सितंबर 2017 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये घटना यूपी के हमीरपुर जिले की है। जहां पर एक पिता को शव वाहन न मिलने के कारण अपनी बेटी के पार्थिव शरीर को रिक्शे पर ले जाना पड़ा था।
सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट Cmn News और Patrika के यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियोज को 2 सितंबर साल 2017 को चैनल पर अपलोड किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक हमीरपुर स्थित गुरदहा गांव में एक नव विवाहिता लड़की ने फांसी लगा ली थी। जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया था। पोस्टमार्टम होने के घंटों बाद तक परिवार शव वाहन का इंतजार करता रहा। लेकिन अस्पताल द्वारा कोई वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया। जिसके बाद मजबूर होकर पिता ने बेटी का शव रिक्शे पर लेकर जाने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर करीब 4 साल पुरानी है
पड़ताल के दौरान हमें घटना से जुड़ी Punjabkesari की भी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले पर दिए गए बयान को प्रकाशित किया गया है। इस पूरे प्रकरण में जिला अस्पताल प्रशासन का कहना था कि अस्पताल में सिर्फ एक ही शव वाहन है। यदि शख्स शव वाहन की मांग करता है, तो उसे वाहन उपलब्ध कराया जाता है। परिवार ने वाहन की मांग नहीं की थी। साथ ही प्रशासन ने इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल के EMOC और Pharmacist को जिम्मेदार बताया था।
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक वायरल तस्वीर का देश के हालिया हालातों और कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर यूपी के हमीरपुर स्थित जिला अस्पताल की है और करीब 4 साल पुरानी है। सोशल मीडिया पर तस्वीर को लेकर गलत दावा वायरल हो रहा है।
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Result: False
Claim Review: कोरोना काल की है रिक्शे पर शव को ले जाते इस शख्स की यह वायरल तस्वीर। Claimed By: डॉ. उदित राज, नेशनल स्पोकपर्सन, AICC Fact Check: False |
Our Sources
Punjabkesari –https://up.punjabkesari.in/national/news/up-dead-body-not-found-in-hospital-family-forced-to-carry-it-on-rickshaw-669778
Amar Ujala-https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/kanpur/helpless-father-took-daughters-body-in-rickshaw
Patrika – https://www.patrika.com/lucknow-news/deadbody-on-rickshaw-shame-on-humanity-1-1770152/
Youtube – https://www.youtube.com/watch?v=t-EAR6j5ltE&feature=emb_title
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