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Fact Check
Claim:
मणिपुर में दो महिलाओं को परेड कराने के मामले में आरएसएस के कार्यकर्ता शामिल।
Fact:
यह दावा गलत है। तस्वीरें मणिपुर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंदन सिंह और उनके बेटे की हैं।
मणिपुर से बीते 19 जुलाई को एक वीडियो सामने आया, जिसमें दो निर्वस्त्र महिलाओं को सार्वजनिक रूप से सैकड़ों लोगों की भीड़ के सामने परेड कराया जा रहा था। दो महीने पुरानी इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद संसद से लेकर सड़क तक इस घटना की आलोचना की गई। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करके दावा किया जा रहा है कि इस घटना में मुख्य आरोपी आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ता हैं। तस्वीर में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पोशाक पहने दो व्यक्ति नज़र आ रहे हैं।

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हमें मणिपुर पुलिस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से 23 जुलाई को किया गया एक ट्वीट मिला। इसमें पुलिस ने वायरल दावे का खंडन किया है।
मणिपुर पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा है, “23 जुलाई को मणिपुर के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (सीसीपीएस) को एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी से सूचना मिली कि उनकी और उनके बेटे की एक तस्वीर को दो महिलाओं के परेड वाली घटना से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। कहा जा रहा कि दोनों पिता-पुत्र इस अपराध में सीधे तौर पर शामिल थे। इन तस्वीरों को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है। यह उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और कानून व व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन करने के इरादे से प्रसारित किया गया है। इस मामले में दोषियों की पहचान कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।”
पड़ताल के दौरान हमें कुछ ट्वीट मिले जिनमें सोशल मीडिया यूजर्स ने बताया है कि वायरल तस्वीर मणिपुर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंदन सिंह की है। हमने इससे मदद लेते हुए चिदानंदन सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला। हमें यह तस्वीर उनके फेसबुक पेज पर मिली, जिसे 17 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया गया था। फोटो के कैप्शन में उन्होंने बताया है कि इंम्फाल जिले में 16 अक्टूबर को हुए आरएसएस के पथ संचलन में वे अपने बेटे चौधरी सचिनंद और चचेरे भाई अशोक के साथ मौजूद थे।

इसके बाद Newschecker ने चिदानंदन सिंह से फोन पर संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया। उन्होंने हमें बताया, “यह दावा गलत है। मेरे खिलाफ फर्जी खबर फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मैंने परसों शाम को अपने खिलाफ चल रही यह फर्जी खबर देखी। मैंने इसकी शिकायत डीजीपी से की है। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बावजूद फर्जी खबर साझा की गई है। मेरे बारे में ऐसी खबरें फैलाकर लोग विशेष रूप से मुझे निशाना नहीं बना रहे हैं, बल्कि वे आरएसएस को निशाना बना रहे हैं। वे लोग संकट को और अधिक बढ़ावा दे रहे हैं। यह एक मूर्खतापूर्ण कार्य है।”
उन्होंने इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी भी हमारे साथ साझा की। इसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 1 (सी) और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बता दें, मणिपुर पुलिस ने चार मई को कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ‘लाइव हिंदुस्तान‘ की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 मई को हुई इस घटना में पहले आरोपी की गिरफ्तारी वीडियो के वायरल होने के बाद बीते गुरुवार को हुई थी।
यह भी पढ़ें: Fact Check: राजस्थान में दलित महिला के साथ गैंगरेप की पुरानी खबर भ्रामक दावे के साथ वायरल
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घूमाने वाली घटना से जोड़कर भ्रामक तस्वीरें शेेयर की गई हैं।
Our Sources
Tweet by Manipur Police on July 23, 2023
Telephonic Conversation With Chidananda Singh on July 24, 2023
FIR Copy
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