Authors
Claim:
यह वीडियो मणिपुर में कुकी ईसाई लड़की पर हुए हमले का है।
Fact:
यह दावा गलत है। वीडियो म्यांमार का है और लगभग साल भर पुराना है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मणिपुर में कुकी ईसाई लड़की के साथ क्रूर व्यवहार किया गया है। वायरल वीडियो में वर्दीधारी जवान एक लड़की को बेरहमी से पीटते नज़र आ रहे हैं।
वीडियो को Sunita Jadhav नाम की एक ट्विटर यूजर ने 18 जून को शेयर किया था। हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट को बाद में डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक ट्वीट पर लगभग 1800 से अधिक रिट्वीट हो चुके थे।
दरअसल, मणिपुर में बीते एक महीने से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में इस दौरान 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 50 हजार से अधिक लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, यह हिंसा तीन मई को तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के कुकी समेत दूसरे जनजातीय समुदाय ने रैली निकाली थी। यह रैली बाद में हिंसक हो गई। मैतेई बहुल इलाक़ों में रह रहे कुकी समुदाय के लोगों के घर जला दिए गए। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में स्थिति नियंत्रण करने की दिशा में राज्य का दौरा भी कर चुके हैं।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने Invid टूल की मदद से वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम बनाए। इसके बाद एक कीफ्रेम को Yandex रिवर्स सर्च किया। हमें ‘Clickforpdf’ नामक एक वेबसाइट पर दिसंबर 2022 में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनग्रैब मौजूद है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, यह घटना म्यांमार के तामू शहर की है। वहां की सरकार ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में तामू के सागैंग क्षेत्र में एक महिला की गोली मारकर हत्या करते हुए दिखाया गया है। यह आचार संहिता का उल्लंघन है और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
इसके अलावा, हमें 8 दिसंबर 2022 को बर्मी भाषा में किया गया एक एक ट्वीट मिला। इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, वीडियो में नज़र आ रही लड़की का नाम Aye Ma Tun है। ट्वीट में म्यानमार की न्यूज वेबससाइट ‘Mizzima’ के पोस्ट का लिंक भी मौजूद है। इस पोस्ट के अनुसार, “वीडियो में नज़र आ रही महिला 24 वर्षीय Ma Aye Ma Tun है और वह तामू शहर में रहती थी। वहां के स्थानीय लोगों के अनुसार यह महिला सैन्य परिषद की एक इनफॉर्मर थी। पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज के सूत्रों के अनुसार, यह घटना जून 2022 में हुई थी।”
इसके अलावा, हमें म्यांमार की एक मीडिया वेबसाइट Democratic Voice of Burma की वेबसाइट पर 8 दिसंबर को छपी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वीडियो कथित तौर पर जून 2021 में बनाया गया था, लेकिन इसे 3 दिसंबर को फेसबुक पर शेयर किया गया । इसके मुताबिक, पीड़िता 24 वर्षीय Aye Ma Tun है जिसकी तामू-एशिया राजमार्ग पर हत्या कर दी गई। महिला ने सीडीएम में काम करने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने उसकी हत्या कर दी। सीडीएम सिविल सेवकों का एक समूह है, जिन्होंने सैन्य शासन के तहत काम करने से इनकार कर दिया है।
पड़ताल के दौरान हमें कुछ यूजर्स द्वारा दिसंबर 2022 में किए गए ट्वीट मिले, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल और स्क्रीनग्रैब मौजूद है। इस वीडियो को म्यांमार का बताया गया है। इन ट्वीट को आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं।
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Conclusion
इस तरह हमारी जांच में स्पष्ट हो जाता है कि म्यांमार का एक साल से अधिक पुराना वीडियो मणिपुर की हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
Result:False
Our Sources
Report Published at Click for Pdf on December 8, 2022
Report Published at Democratic Voice of Bangladesh on December 8, 2022
Tweet by a user Mr Win on December 4, 2022
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