शनिवार, दिसम्बर 21, 2024
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Fact Check: पुलिस द्वारा युवकों की पिटाई का यह वीडियो मीरा रोड की हालिया हिंसा का नहीं है

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
मीरा रोड की घटना के बाद पुलिस ने हिंसा करने वालों को पीटा.

Fact
नहीं, यह वीडियो मीरा रोड की हालिया घटना से संबंधित नहीं है.

वर्तमान में यह वीडियो भीलवाड़ा में हुई एक घटना से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. हमारी जांच में यह पता चला था कि वीडियो यूपी के सहारनपुर का था. हालांकि, बीते 25 अगस्त को भीलवाड़ा के गांधी सागर तालाब के पास वीर हनुमान मंदिर परिसर में गाय की कटी पूंछ मिली थी. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी. इस दौरान शहर में तनाव भी फ़ैल गया था. हालांकि, घटना के करीब तीन दिन बाद पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और चार संदिग्धों को हिरासत में लिया था.

अयोध्या के राम मंदिर में हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से एक दिन पहले रविवार 21 जनवरी की शाम को मुंबई के मीरा रोड इलाके के नया नगर में एक जुलूस निकाला गया. जुलूस निकाले जाने के दौरान कथित पथराव की घटना के बाद दो गुटों में झड़प हो गई. झड़प के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. पुलिस ने मीरा रोड हिंसा के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया.

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो मीरा रोड की हालिया घटना से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. जिसमें पुलिसकर्मी कुछ व्यक्तियों को बेरहमी से पीटते नज़र आ रहे हैं. हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो मीरा रोड हिंसा से संबंधित नहीं है.

वायरल वीडियो क़रीब 30 सेकेंड का है. इस वीडियो में सबसे पहले हवालात में बंद कुछ युवकों के दृश्य हैं. आगे वीडियो में खाकी वर्दी पहने दो पुलिसकर्मी कुछ युवकों को बेरहमी से पीटते नज़र आ रहे हैं.

वीडियो को एक वेरिफाईड X यूज़र ने अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ शेयर किया है, जिसका हिंदी अनुवाद “उन्होंने सड़क पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और यहां तक ​​कि हिंदू महिलाओं पर भी हमला किया, लेकिन कर्म जवाब देता है”. इसके अलावा ट्वीट में मीरा रोड वाले हैशटैग भी मौजूद हैं.

   Courtesy: X/jsinha007


Courtesy: X/rajasolank71070

Fact Check/Verification

Newschecker ने सबसे पहले हवालात में मौजूद युवकों वाले दृश्य की पड़ताल की. इसके लिए वीडियो के कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें समाचार वेबसाइट टेलीग्राफ पर 12 जून 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट में वायरल दृश्यों से मेल खाती तस्वीर मिली.

   Courtesy: Telegraph

रिपोर्ट में जून 2022 में भाजपा की पूर्व नेत्री नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में उत्तर प्रदेश के अलग- अलग जिलों में भड़की हिंसा की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी पुलिस ने इस हिंसा में करीब 9 जिलों में 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन रिपोर्ट में उक्त तस्वीर के वास्तविक स्थान का ज़िक्र नहीं किया गया है.

हालांकि, इस दौरान हमें दैनिक जागरण और पत्रिका की वेबसाइट पर भी प्रकाशित रिपोर्ट मिली. दैनिक जागरण की रिपोर्ट में इस तस्वीर को सहारनपुर कोतवाली का बताया गया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 10 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन और बवाल के बाद सहारनपुर पुलिस ने 64 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. इनमें से कुछ व्यक्ति सहारनपुर कोतवाली में भी बंद किए गए थे. 

 Courtesy: Dainik Jagran

वहीं, 12 जून 2022 को प्रकाशित पत्रिका की रिपोर्ट में भी इस तस्वीर को सहारनपुर का ही बताया गया है.

 Courtesy: Patrika

हमने अपनी जांच में सहारनपुर पुलिस के आधिकारिक X अकाउंट पर 10 जून 2022 से लेकर 12 जून 2022 तक किए गए सभी ट्वीट को भी देखा, लेकिन हमें उक्त तस्वीर वाला ट्वीट नहीं मिला. इसलिए हम यह पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते हैं कि वायरल दृश्य सहारनपुर कोतवाली का है, लेकिन हमारी अभी तक की जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल दृश्य मीरा रोड की हालिया घटना से संबंधित नहीं है.

इसके बाद हमने पुलिसकर्मियों द्वारा पीटे जा रहे युवकों वाले दृश्यों की पड़ताल की. हमें यह वीडियो 15 जून 2022 को समाचार वेबसाइट एनडीटीवी पर प्रकाशित रिपोर्ट में प्राप्त हुआ.

Courtesy: NDTV India

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, 10 जून 2022 को सहारनपुर में बीजेपी के दो पूर्व प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर जुमे की नमाज के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था. पुलिस ने इस मामले में कई युवकों को गिरफ्तार किया था. इस प्रदर्शन के एक दिन बाद 11 जून 2022 को भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने अपने X अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें दो पुलिसकर्मी कुछ युवकों को बेरहमी से पीटते हुए दिखाई दे रहे थे. भाजपा विधायक ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, “बलवाइयों को “रिटर्न गिफ़्ट”.

वीडियो सामने आने के बाद एनडीटीवी ने उसमें दिख रहे कुछ युवकों के परिवारजनों से बात की थी. वीडियो में दिख रहे तीन युवक मोहम्मद सैफ, मोहम्मद तारीफ़ , राहत अली और इमरान की पहचान उसके परिजनों ने की थी. ये सभी सहारनपुर के रहने वाले थे. युवकों की पहचान के बाद एनडीटीवी ने सहारनपुर के तत्कालीन एसएसपी आकाश तोमर से संपर्क किया था तो उन्होंने उस दौरान इस वीडियो के सहारनपुर का होने से साफ़ इनकार कर दिया था.

इस दौरान हमें इसी वीडियो से संबंधित एक रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर मिली. 19 जून 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया था कि शुरू में सहारनपुर पुलिस ने इस वीडियो के जिले का होने से इनकार कर दिया था. लेकिन बाद में मामला बढ़ने पर तत्कालीन एसएसपी ने एसपी सिटी को वीडियो की जांच के आदेश दे दिए थे.

Courtesy: NDTV India

जांच में हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर भी प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो से जुड़े स्क्रीनग्रैब मौजूद थे. रिपोर्ट में बताया गया था कि मारुफ़ अंसारी नाम के एक वकील ने 10 जून 2022 को सहारनपुर के थाना कोतवाली नगर में हिरासत में लिए गए युवकों के साथ हुई बर्बरता को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष केस दर्ज किया था. जिसपर आयोग ने सहारनपुर के एसएसपी से जवाब मांगा था.

Courtesy: India Today

आगे हमें 5 जुलाई 2022 को डीडब्ल्यू की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि अदालत ने 10 जून को हुई हिंसा के बाद क़रीब 8 अभियुक्तों को सहारनपुर पुलिस द्वारा दंगे में शामिल होने का पर्याप्त सबूत नहीं दिए जाने के कारण रिहा कर दिया था. रिहा किए गए इन अभियुक्तों में वे युवक भी शामिल थे, जिनकी पुलिस हिरासत में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था.

Courtesy: DW Hindi

इसके अलावा हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट भी 4 जुलाई 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें यह बताया गया था कि अदालत ने 3 जुलाई 2022 को सबूत नहीं होने के कारण 8 लोगों को जेल से रिहा कर दिया था. इनमें वे चार युवक भी शामिल थे, जिनकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. रिपोर्ट में उक्त चारों युवकों की जुबानी भी मौजूद थी.

Courtesy: Dainik Bhaskar

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो, जिसमें हवालात में मौजूद युवकों और पुलिस हिरासत में पिटाई किए जाने वाले दृश्य मौजूद हैं. वे मीरा रोड की हालिया घटना से संबंधित नहीं हैं.

Result: False

Updateइस लेख को नए दावे के साथ 2 सितंबर 2024 को अपडेट किया गया है।

Our Sources
Report Published by Telegraph on 12th June 2022
Report Published by NDTV on 15th June 2022
Report Published by Amar Ujala on 19th June 2022
Report Published by India Today on 21st June 2022
Report Published by DW on 5th July 2022
Report Published by Dainik Bhaskar on 4th July 2022

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