रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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केंद्र सरकार ने नहीं खत्म की बैंकों में जमा ग्राहकों की धनराशि पर गारंटी, भ्रामक दावा हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर अख़बार की दो कटिंग को शेयर कर दावा किया गया कि ‘अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं है।’

अख़बार की पहली कटिंग में लिखा है, ‘तो डूब सकता है बैंक में जमा हमारा धन, पैसा वापसी गारंटी खत्म करने की तैयारी।’

अख़बार की दूसरी कटिंग में लिखा है, ‘अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं।’ आगे लिखा है, ‘केंद्र सरकार अलग-अलग बैंकों में जमा आपके पैसों की गारंटी देने वाले डिपॉजिट इंश्योरेन्स एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन को खत्म करने जा रही है। अब आपकी जमापूंजी का इस्तेमाल सरकार दिवालिया और बीमार वित्तीय संस्थानों की सेहत सुधारने में करेगी।’ 

अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं
Courtesy:Kapil Sehgal

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।

Courtesy:Varun Pamta

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं
Courtesy:Grsbhanpura Dinesh Parjapt

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं
Courtesy: Vishwanath Maurya

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

उपरोक्त दावे को ट्विटर पर भी शेयर किया गया है।

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DICGC की वेबसाइट से प्राप्त पीडीएफ के मुताबिक, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation Act, DICGC) की स्थापना 1978 में हुई थी। DIGCG का मुख्यालय मुंबई में है। DICGC, आर.बी.आई. द्वारा संचालित होता है और इसके चेयरमैन आर.बी.आई. के डिप्टी गवर्नर होते हैं। 

3 दिसंबर 2019 को नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक लेख में यह बताया गया है कि बैंकों के दिवाला होने पर जमाकर्ताओं को सिर्फ 1 लाख रुपये ही मिलेंगे। NBT ने इस आर्टिकल को एक आरटीआई के हवाले से प्रकाशित किया है।

DICGC act 1961 के अनुसार, हर तरह के बैंको के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह अपने बैंक में हर डिपॉजिट खाते के लिए DICGC से इंश्योरेन्स खरीदेगा और बैंक ही उस इंश्योरेन्स का प्रीमियम भरेगा। जब बैंक में घोटाला होगा या बैंक कंगाल हो जाएगा, तो DICGC हर डिपॉजिट धारक के नुकसान की भरपाई करेगा। इसी बीच अख़बार की कटिंग को शेयर कर दावा किया गया है कि ‘अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं है।’  

Fact Check/Verification 

क्या अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं, सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस दावे का सच जानने के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोजना शुरू किया। लेकिन इस प्रक्रिया में हमें अख़बार की कटिंग से संबंधित कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली।

इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें 13 दिसम्बर, 2017 को जनसत्ता द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। जिसके मुताबिक सरकार फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन ऐंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (FRDI) लाने की तैयारी में है।

इसके बाद हमें 22 जुलाई 2018 को hindi.news18.com द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। जिसके मुताबिक, सरकार नहीं लायेगी फाइनेंशियल रेजोल्युशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (FRDI) बिल-2017। उपरोक्त रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों में जमा पैसे पर सरकार की गारंटी खत्म नहीं होगी। सरकार ने फाइनेंशियल रेजोल्युशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (FRDI) बिल-2017 को रोकने का फैसला लिया है। 

उपरोक्त दोनों लेखों को पढ़ने के बाद पता चला कि मुमकिन है कि शेयर किया जा रहा दावा अभी का ना होकर साल 2017 का हो। 

इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से ट्विटर पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें शेयर किया जा रहे अख़बार की कटिंग के साथ, 6 दिसंबर 2017 का एक ट्वीट प्राप्त हुआ। यूजर ने अभी शेयर किए जा रहे पेपर की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, ‘देश की जनता से भाजपा सरकार ने पैसा बैंकों में जमा करा दिया है और अब सरकार पैसा वापसी गारंटी खत्म करने की योजना बना रही है। मतलब अब बैंक में जमा जनता के पैसे की वापसी की कोई गारंटी नहीं होगी।’

अब बैंकों में जमापूंजी की कोई गारंटी नहीं
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Conclusion 

इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि शेयर किया जा रहा दावा, 2017 के फाइनेंशियल रेजोल्युशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (FRDI) बिल-2017 का है, जिस पर सरकार ने जुलाई 2018 में रोक लगा दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 12 दिसंबर को अपने भाषण में बताया कि सरकार ने बैंक में जमा पैसों की गारंटी 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। अब 2017 के अख़बार की कटिंग के साथ भ्रामक दावा शेयर किया जा रहा है।

Result: Misleading

Our Sources

jansatta.com

hindi.news18.com

PM Narendra Modi Speech

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