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Fact Check: क्या केंद्र सरकार ने योग गुरु रामदेव का 2200 करोड़ का कर्ज माफ़ कर दिया है?

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा बाबा रामदेव का 2200 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया है.

केंद्र सरकार द्वारा बाबा रामदेव का 2200 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया है.
वायरल दावा

योग गुरु के नाम से मशहूर बाबा रामदेव कभी अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं तो कभी व्यापार संबंधी मामलों को लेकर सुर्खियां बटोरते हैं. विपक्षी पार्टियों के नेता तथा समर्थक, रामदेव को भाजपा का करीबी बताकर सरकार द्वारा उनका सहयोग करने का आरोप लगाते रहते हैं. बाबा रामदेव ने भी कई मौकों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार या सरकार की किसी नीति की सराहना कर भाजपा से अपनी करीबियों की इन बातों को हवा देते रहते हैं.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ने अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा बाबा रामदेव का 2200 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया है.

फेसबुक यूजर्स द्वारा वायरल दावे को लेकर शेयर किए गए पोस्ट्स

Fact Check/Verification

केंद्र सरकार द्वारा बाबा रामदेव का 2200 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर देने के नाम पर शेयर की जा रही कटिंग की पड़ताल के लिए हमने ‘रामदेव के 2200 करोड़ माफ’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिनसे यह जानकारी मिलती है कि वायरल दावा भ्रामक है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों से हमें यह जानकारी मिली कि “BSP on Social Media” नामक एक फेसबुक पेज द्वारा अखबार की यही कटिंग 3 मई, 2020 को शेयर की गई थी.

BSP on Social Media नामक पेज द्वारा शेयर किया गया पोस्ट

BBC द्वारा 29 अप्रैल, 2020 को प्रकाशित एक लेख में यह जानकारी दी गई है कि वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने अपने एक ट्वीट के लिए बाबा रामदेव से माफी मांगी है, जिसमें उन्होंने बाबा रामदेव को उन डिफॉलटर्स में से एक बताया था जिनका कर्ज सरकार ने माफ किया था.

BBC द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि आरबीआई ने 30 सितंबर, 2019 को शीर्ष 50 विलफुल डिफॉलटर्स का 68,000 करोड़ रुपए का कर्ज राइट ऑफ कर किया था. इस सूची में रूचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड नामक कंपनी का भी नाम था, जिसपर 2212 करोड़ रुपए का कर्ज था. Livemint द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार, साल 2019 के दिसंबर महीने में बाबा रामदेव ने रूचि सोया का अधिग्रहण पूरा कर लिया था. गौरतलब है कि NDTV द्वारा 9 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार रूचि सोया ने अपने कुल बकाया कर्ज (2925 करोड़ रुपए) का भुगतान कर दिया है.

बता दें कि यह दावा पूर्व में भी वायरल हो चुका है, जिसके बाद Newschecker ने 7 मई, 2020 को गुजराती भाषा में इस दावे का फैक्ट चेक किया था.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि केंद्र सरकार द्वारा बाबा रामदेव का 2200 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर देने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. अखबार की यह वायरल कटिंग साल 2020 से ही सोशल मीडिया पर मौजूद है.

Result: Partly False

Our Sources

BSP on Social Media’s Facebook post on 3 May, 2020
BBC report published on 29 April, 2020

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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