Fact Check
कैलाश पर्वत का नहीं है यह वायरल वीडियो, जानिये पूरा सच
सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर इसे कैलाश पर्वत का बताया जा रहा है। वीडियो में बादलों के बीच एक पहाड़ नज़र आ रहा है।
फेसबुक पर महर्षि अरविंद नामक एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इसे कैलाश पर्वत का बताया है।
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक महामारी कोरोना काल से विश्व प्रसिद्ध कैलाश-मानसरोवर यात्रा बंद है, जो इस बार आगामी 2 जून से शुरू होने वाली है। इस यात्रा के लिए उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल विकास निगम ने अपना ध्यान केंद्रित किया है। यात्रा के लिए देश भर से 450 लोगों ने बुकिंग करवा ली है। बतौर रिपोर्ट, पहली बार ऐसा होगा कि यात्री इस बार पूरी यात्रा गाड़ी से ही तय कर सकेंगे।
टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिनों शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी। ‘सामना’ में लिखा गया है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव विराजमान हैं और हिंदुओं की आस्था के इस प्रमुख केंद्र पर चीन ने कब्जा जमा रखा है, जबकि भक्त लोग शिवजी को ताजमहल के नीचे ढूंढ़ रहे हैं।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने महर्षि अरविंद नामक फेसबुक यूजर के पोस्ट में कमेंट सेक्शन को देखना शुरू किया। इसमें रोहित कुमार सार्थी नामक यूजर ने कमेंट किया है कि ये दृश्य जापान स्थित ‘फूजी’ का है।
इसकी मदद लेते हुए हमने ‘japan fuji mountain’ कीवर्ड को ट्विटर पर खोजा। हमें Earth नामक ट्विटर हैंडल द्वारा 16 जुलाई 2017 को किया गया ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट का कैप्शन अंग्रेजी में लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद है, ‘जापान का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट फूजी, बादलों के बीच से गुजरते हुए।’ इस हैंडल द्वारा अपलोड किए गए वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो दोनों एक हैं।
पड़ताल के दौरान हमने ‘Mt.fuji’ कीवर्ड को टाइम 1 जनवरी 2017 से 16 जुलाई 2017 का टाइम फ़िल्टर लगाकर ट्विटर पर खोजा। हमें Private Plane Life नामक ट्विटर हैंडल द्वारा 22 मार्च 2017 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट के अनुसार, ये जापान के माउंट फूजी की तस्वीर है। ट्वीट में एक तस्वीर मौजूद है, जिसमें दिख रहा दृश्य और वायरल वीडियो में मौजूद दृश्य दोनों एक ही हैं। ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर का क्रेडिट इंस्टाग्राम हैंडल vinoverdrive को दिया है।
पड़ताल के दौरान हमें vinoverdrive नामक इंस्टा हैंडल प्राप्त हुआ। यहां हमें 11 मार्च 2016 को अपलोड किये गए एक पोस्ट में वही तस्वीर प्राप्त हुई, जो अभी वीडियो में दिख रही है। तस्वीर के कैप्शन में लिखा है कि अब इस एंगल से माउंट फूजी की ऊंचाइयों के दृश्य की कल्पना कर सकते हैं। बता दें कि इस पोस्ट पर एक यूजर ने तस्वीर अपलोड किए जाने के लगभग दो साल बाद कमेंट करते हुए लिखा है, “ये अद्भुत है! मैंने भी ये तस्वीर देखी है, जहां बादल हिलते नज़र आ रहे हैं! क्या आपने इसे भी एडिट किया है?” इस कमेंट पर vinoverdrive ने रिप्लाई करते हुए लिखा, “नहीं, किसी ने इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए हिलते हुए बादल को एक ऐप की सहायता से एडिट किया है।”

हांलाकि, हम ये पुष्टि नहीं करते कि तस्वीर की एडिटिंग किसने की है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि ये तस्वीर जापान के माउंट फूजी की है, जो साल 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है।
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Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि कैलाश पर्वत के नाम से वायरल हुआ यह वीडियो, असल में जापान के ‘फूजी’ में खींची गई एक तस्वीर को एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से वीडियो फॉर्मेट में बनाकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
Result: Manipulated/Altered Media
Our Sources
Tweet by Earth on July 16, 2017
Tweet by Private Plane Life on March 22, 2017
Instagram Post by Vinoverdrive on March 11,2016
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