Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोलने जा रही है। अखबार की कटिंग में लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार, महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोलेगी और इसकी शुरुआत भोपाल, इंदौर और जबलपुर से होगी।
Inshorts के ‘पब्लिक ऐप’ ने अखबार की इस कटिंग को खबर के रूप में प्रकाशित किया है।
‘पब्लिक ऐप’ की खबर का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।
एक फेसबुक पेज द्वारा भी अखबार की इस कटिंग को शेयर किया है।
दरअसल, मध्यप्रदेश में बीते एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू की गई है, जिसके अनुसार, प्रदेश में अब देशी और विदेशी शराब एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से 20% तक कम रेट पर मिलेगी। इसके अलावा दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में फिलहाल अंगूर से शराब बनती है, लेकिन आने वाले समय में जामुन से भी बनाने की कोशिशें जारी हैं।
वहीं, मध्य प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक अजय विश्नोई ने ट्वीट कर राज्य सरकार को सलाह दी है कि बुलडोजर चलाने की जगह गांव-गांव में हो रही शराब बिक्री पर रोक लगाया जाना चाहिए।
इसी बीच सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोलने जा रही है।
Fact Check/Verification
क्या मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानें खोलने जा रही है? सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस दावे की पड़ताल लिए हमने अखबार की कटिंग को ध्यान से देखा। देखने पर पता चलता है कि यह कटिंग किसी पीपुल समाचार पत्र से ली गई है। हमने ‘पीपुल्स समाचार’ के ई-पेपर पर इस खबर को सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें ‘पीपुल्स समाचार’ द्वारा 27 फरवरी, 2020 को जबलपुर संस्करण में प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट में वायरल खबर संलग्न है।
अखबार की इस कटिंग में हेडलाइन के नीचे एक मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है। Newschecker ने उस नंबर पर कॉल किया तो पता चला कि यह ‘पीपुल्स समाचार’ के ब्यूरो चीफ सीताराम ठाकुर का नंबर है। उन्होंने हमें बताया, “यह खबर दो साल पुरानी है। तब मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। उस वक्त महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव चल रहा था, जिसका बीजेपी द्वारा विरोध करने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।”
इसके अलावा हमने ‘मध्य प्रदेश महिलाएं शराब दुकान’ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें नवभारत टाइम्स द्वारा 27 फरवरी, 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकानों को खोलने का फैसला लिया था। बतौर रिपोर्ट, इसकी शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एक-एक दुकान खोलकर की जाएगी।
इससे यह स्पष्ट होता है कि ‘मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए शराब की दुकानें खोली जाएंगी’ दावे के साथ वायरल हुई खबर दो साल पुरानी है। यह खबर उस समय की है जब राज्य में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी।
गौरतलब है कि उस समय खबर के वायरल होने के बाद तत्कालीन वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने इसका खंडन किया था। NDTV द्वारा 28 फरवरी, 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, बृजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा था कि राज्य में महिलाओं के लिए शराब के नए आउटलेट खोलने की अनुमति दिए जाने की कोई योजना नहीं है। बतौर रिपोर्ट, एमपी सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
इसके अलावा हमने मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग की वेबसाइट को भी खंगाला। हमें वहां महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोले जाने के संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। वहीं, शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में इस तरह के फैसले लिए जाने से संबंधित कोई रिपोर्ट भी प्राप्त नहीं हुई है।
पड़ताल के दौरान Newschecker ने ग्वालियर स्थित आबकारी विभाग के आयुक्त राजीव चंद्र दूबे से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोले जाने से सम्बंधित वायरल हुई अखबार की यह कटिंग 2 साल पुरानी है। उस वक्त मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार थी।
Result: False Context/Missing Context
Our Sources
Report Published on E Paper of People’s Samachar on 27 February 2020
Report Published on Navbharat Times on 27 February 2020
Report Published on NDTV on 28 February 2020
Quote from Journalist Sitaram Thakur
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