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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक बच्चे का वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि शामली जिले के एक नवजात बच्चे को जहर का 50 इंजेक्शन देकर मारने की कोशिश की गई, लेकिन जब वो मरा नहीं तो उसका गला काटकर उसे दफना दिया गया। वायरल वीडियो में सफेद रंग की चादर में लिपटे अजीब स्थिति में नजर आ रहे एक बच्चे को देखा जा सकता है।

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वीडियो को Invid टूल की मदद से कुछ कीफ्रेम्स में बदला। उसके बाद एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स सर्च किया। हमें आजतक द्वारा 04 जून 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के रतलाम में बड़ावदा निवासी शफीक की पत्नी साजेदा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। बतौर रिपोर्ट, बच्चे को जेनेटिक बीमारी के कारण उसके शरीर पर चमड़ी विकसित नहीं हुई है। इसकी वजह से उसकी सारी नसें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं और बच्चे का अंग भी विकसित नहीं हुआ है। इलाज के कारण उसे आईसीयू वार्ड में रखा गया।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने रतलाम जिला अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज डॉ नावेद कुरैशी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “ वायरल वीडियो में दिख रहा बच्चा रतलाम के ही आसपास के इलाके का था। बच्चे को दुर्लभ बीमारी थी, जिसे मेडिकल सांइस की भाषा में हार्लेक्विन इक्थियोसिस (त्वचा संबंधित बीमारी) कहते हैं। ऐसे केस में नवजात शिशु का बच पाना मुश्किल होता है। पैदा होने के 5-6 दिन के भीतर ही उसकी मौत हो गई। उसे जहर का 50 इजेक्शन लगाकर मारने और गला काटकर दफनाने वाली बात पूरी तरह गलत है।”
बता दें, हार्लेक्विन इक्थियोसिस बीमारी से ग्रसित शिशु के शरीर पर एक मोटी त्वचा की परत नजर आती है। ऐसे शिशु के शरीर में अंग सही ढ़ंग से विकसित नहीं होते हैं। कई बार देखा गया है कि ऐसे शिशु की मौत जन्म होने के कुछ सप्ताह में हो जाती है।
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