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Fact Check: मध्य प्रदेश के रीवा में महिलाओं को जमीन में जिंदा दबाने के प्रयास का वीडियो फर्जी जातीय दावे से वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
मध्य प्रदेश के रीवा में ऊंची जाति के दबंगों ने दलित महिलाओं को जिंदा जमीन में गाड़ने का प्रयास किया.

Fact
यह मामला एक जमीन विवाद से जिंदा है और दोनों पक्ष एक ही जाति के हैं.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग जमीन में गड़ी दो महिलाओं को निकालने का प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के रीवा में ऊंची जाति के दबंगों ने दलित महिलाओं को जिंदा जमीन में गाड़ने का प्रयास किया.

वायरल वीडियो करीब 31 सेकेंड का है. वीडियो में दो महिलाएं जमीन के अंदर गड़ी हुई दिखाई दे रही हैं. इस दौरान वहां मौजूद लोग उनको निकालने का प्रयास करते भी नजर आ रहे हैं. वीडियो में चीख पुकार भी सुनाई दे रही है.

वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “रीवा, मध्य प्रदेश में उच्च गुंडों द्वारा दलित महिलाओं को जिंदा ज़मीन में गाड़ने का दिल दहलाने वाला हादसा शर्मनाक है. रीवा में दबंगों द्वारा महिला को मुरम में दबाने का प्रयास निंदनीय है. यह अमानवीयता बर्दाश्त नहीं की जा सकती”.   


Courtesy: X/nlp_official_

Fact Check/Verification

दावे का सच जानने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड को गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 21 जुलाई 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.

Courtesy: Dainik Bhaskar

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला रीवा जिले के मनगवां थाने के गंगेव चौकी गांव का है. जहां दो पक्षों के बीच एक जमीन पर रास्ता बनाने को लेकर विवाद चल रहा था. गांव के ही गोकर्ण प्रसाद पांडेय और महेंद्र प्रसाद पांडेय रास्ता बनाना चाह रहे थे, लेकिन जीवेश कुमार पांडेय और शिवेश कुमार पांडेय उन्हें रोक रहे थे. यह मामला 20 जुलाई का बताया गया है।  

विवाद के दौरान पहले दोनों पक्षों में मारपीट हुई. इसके बाद गोकर्ण और महेंद्र पांडेय के कहने पर पास के ही गांव का एक व्यक्ति राजेश सिंह अपने ट्रक से मुरम मिट्टी लेकर आ गया. ट्रक से आई मुरम दूसरे पक्ष के जीवेश कुमार पांडेय की पत्नी ममता पांडेय एवं शिवेश कुमार पांडेय की पत्नी आशा पांडेय पर डाल दी गई. हालांकि, वहां मौजूद ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं को बचाकर बाहर निकाला. जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया और फिर वहां से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. 

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, रीवा के मनगवां थाने के हिनौता कोठार गांव में हुई इस घटना में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें वाहन मालिक राजेश सिंह, वाहन चालाक प्रदीप कोल और दूसरे पक्ष के विपिन पांडेय को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गौकर्ण पांडेय और आकाश पांडेय की तलाश जारी है. इसके अलावा, रिपोर्ट में जमीन विवाद में हुई इस घटना के संबंध में वही सब जानकारी दी गई थी, जो ऊपर मौजूद है.

Courtesy: Nayi Duniya

इस संबंध में रीवा जिले के एसपी के X अकाउंट से ट्वीट किया गया प्रेस रिलीज भी मिला. 21 जुलाई को ट्वीट किए गए इस प्रेस रिलीज में बताया गया है कि “दो महिलाओं पर मुरूम गिराने का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था, जिसकी सूचना प्राप्त होने पर तत्काल जानकारी का पता लगाया गया. जिसमें पाया गया कि घटना मनगवां थाना अन्तर्गत ग्राम हिनौता कोठार की है. घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुये एक टीम रवाना कर जानकारी लगाई गई, जिसमें पाया गया कि फरियादिया आशा पांडेय पति सुरेश पांडेय का उसके पारिवारिक ससुर गौकर्ण पांडेय से साझे की जमीन को लेकर रास्ता निकलने का विवाद है. 20 जुलाई 2024 को गौकर्ण पांडेय उसी विवाद की जमीन पर रोड डलवाने के लिए डंपर से मुरूम दिन में लेकर आये और मुरम गिरवाने लगे. जहां आशा पांडेय अपनी देवरानी ममता पांडेय के साथ जाकर चालक को मुरूम गिराने से मना करने लगी. नहीं मानने पर आशा पांडेय व ममता पांडेय वहां बैठने लगी और तभी डपंर से मुरूम गिरा दिया जिससे दोनों मुरूम में दबने लगी और बाद में मौके पर मौजूद गांव के लोगो द्वारा निकाला गया”.


Courtesy: X/SP_Rewa

जांच में हमें मध्य प्रदेश पुलिस के आधिकारिक X अकाउंट से 21 जुलाई 2024 को ट्वीट किया गया वीडियो भी मिला, जिसमें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने पीड़ित महिलाओं के आदिवासी या दलित होने के दावे को खंडन किया है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने वीडियो में साफ़ किया है कि पीड़ित महिलाएं आशा पांडेय और ममता पांडेय पर उनके रिश्तेदारों ने ही मुरम डाली थी.

Courtesy: X/MPPoliceDeptt

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. इसमें कोई भी जातीय एंगल नहीं है. जमीन विवाद में शामिल दोनों पक्ष एक ही जाति के हैं और आपस में रिश्तेदार हैं.  

Result: False

Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 21st July 2024
Article Published by Nayi Duniya on 23rd July 2024
Tweet by REWA SP on 21st July 2024
Tweet by MP Police on 21st July 2024

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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