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Fact Check
उत्तर प्रदेश में अगले साल (2022) में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। सभी राजनीति दल अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए अलग-अलग रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने मुस्लिमों को लुभाना शुरू कर दिया है। दरअसल वायरल अखबार की कटिंग में लिखा है, ‘सपा सत्ता में आती है तो सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी दी जाएगी।’ बता दें कि वायरल कटिंग में मुलायम सिंह यादव को सपा का मुखिया बताया जा रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव हैं। इससे हमें शक हुआ कि वायरल अखबार की कटिंग फोटोशॉप्ड है या फिर पुरानी है।
आर्टिकल लिखे जाने तक उपरोक्त ट्वीट को 100 से ज्यादा लोग रिट्वीट और 115 से लोग लाइक कर चुके हैं।
देखा जा सकता है वायरल अखबार की कटिंग को फेसबुक और ट्विटर पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
क्या यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सपा ने सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी देने का वादा किया है? इस दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। वायरल कटिंग में मुलायम सिंह यादव को सपा का मुखिया बताया गया है, लेकिन अभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव हैं। इससे हमें शक हुआ कि अखबार की वायरल कटिंग फोटोशॉप्ड है या फिर पुरानी है। अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालने पर हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे साबित होता हो कि 2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र समाजवादी पार्टी ने इस तरह का कोई बयान दिया है। अगर इस तरह का बयान मुलायम सिंह द्वारा दिया गया होता तो यह खबर मीडिया में चर्चा का विषय जरूर होती।
Twitter Advance Search की मदद से खोजने पर हमें 12 सितंबर, 2016 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में यूज़र द्वारा पोस्ट की गई अखबार की कटिंग के पूरे हिस्से को देखा जा सकता है। इस ट्वीट से यह साफ हो गया कि यह खबर अभी की नहीं, बल्कि लगभग 5 साल पुरानी है।
ट्वीट के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल जारी रखते हुए अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें 10 सितंबर, साल 2016 को पंजाब केसरी और नवोदय टाइम्स द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 10 सितंबर, 2016 को लखनऊ में ‘मुलायम संदेश यात्रा’ हुई थी। इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने कहा था, “भाजपा ने अयोध्या में मस्जिद गिरवा दी थी। इसके बाद मुसलमानों ने हमारी सरकार बनवाई और मुसलमान हमारे खिलाफ नहीं है। अयोध्या में हमने किसी को मरवाया नहीं, फिर भी मुकदमा लिखा दिया गया।” उक्त कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिमों को लेकर कुछ बातें जरूर कही थी, लेकिन यह नहीं कहा था कि अगर सत्ता में सपा सरकार आयी, तो सभी मुस्लिम युवकों को नौकरी दी जाएगी।
11 सितंबर, 2016 को News18 और Times of India द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले मुलायम सिंह यादव ने कहा था, “मुसलमानों और महिलाओं को पार्टी से ज्यादा जोड़ना है। मुसलमान हमारे खिलाफ नहीं है और दूसरी पार्टी के मुस्लिम नेता भी हमारे खिलाफ नहीं बोलते। चिकन के कपड़े पूरे विश्व में मशहूर हैं, जिन्हें लखनऊ में मुसलमान बनाते हैं। अभी सभी नौजवानों को नौकरी नहीं मिली है, अबकी बार सरकार बनेगी तो कुछ ना कुछ रोजगार देंगे। हमारे साथ लड़कियां कम हैं, क्योंकि आप लोग लड़कियों को बढ़ावा नहीं देते हैं। इज्जत नहीं करते हैं। सभा में 50 की जगह 500 लड़कियां होनी चाहिए।”
YouTube खंगालने पर हमें ABP News के आधिकारिक चैनल पर 10 सितंबर, 2016 को अपलोड की गई वीडियो एक मिली। इस वीडियो में मुलायम सिंह यादव को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “70 प्रतिशत मुसलमान हमारे साथ खड़ा है। अयोध्या कांड के बाद मुस्लिम हमारे साथ आए।”
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हमारी पड़ताल में साफ होता है कि मुलायम सिंह यादव के नाम से मुस्लिम युवकों को नौकरी देने वाला वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वायरल अखबार की कटिंग अभी की नहीं, बल्कि 2016 की है। मुलायम सिंह ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया था जैसा कि अखबार की कटिंग में दावा किया जा रहा है।
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